प्रधानमंत्री ने 2047 तक विकसित भारत बनाने के लिए सुझाए 11 संकल्प
संसद में संविधान पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज़ादी के 100 वें साल यानी 2047 तक भारत एक विकसित देश हो ऐसा संकल्प लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं.
PM Modi In Parliament : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में संविधान को अपनाने की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में एक विशेष सत्र को संबोधित करते हुए 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए 11 संकल्प प्रस्तुत किए। उन्होंने अपने भाषण में संवैधानिक मूल्यों, देश के विकास और अपनी सरकार की उपलब्धियों पर जोर देते हुए एक मजबूत, आत्मनिर्भर और समावेशी भारत का खाका पेश किया।
प्रधानमंत्री के 11 संकल्प एक विकसित, आत्मनिर्भर और समावेशी भारत के लिए उनकी दृष्टि को दर्शाते हैं। उन्होंने नागरिकों से कर्तव्यों के महत्व को समझने और संविधान की भावना को बनाए रखने की अपील की। उनका संदेश स्पष्ट था: "2047 में जब भारत स्वतंत्रता के 100 वर्ष मनाएगा, तो उसे एक विकसित और गौरवशाली राष्ट्र के रूप में देखा जाए।"
प्रधानमंत्री का संदेश:
पीएम मोदी ने कहा कि भारत के 140 करोड़ नागरिकों की एकजुटता और दृढ़ संकल्प 2047 तक देश को विकसित भारत के लक्ष्य तक पहुंचाएंगे। उन्होंने भारतीय युवाओं, महिलाओं, और आम नागरिकों की क्षमताओं पर भरोसा जताते हुए कहा, "जब पूरा राष्ट्र एकजुट होकर अपने सपनों की ओर बढ़ता है, तो परिणाम निश्चित होते हैं।"
संविधान पर जोर और आलोचना का जवाब
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में संवैधानिक मूल्यों की सराहना की और इसे भारत के विकास का मूल आधार बताया। उन्होंने अपने कर्तव्यों पर जोर देने वाले बयान की आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि यह विचार भारत की प्रगति के लिए आवश्यक है।
विपक्ष पर हमला
पीएम मोदी ने विपक्ष, विशेष रूप से नेहरू-गांधी परिवार, पर संविधान को कमजोर करने और भाई-भतीजावाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।
प्रधानमंत्री के 11 संकल्प:
1. कर्तव्यों के महत्व पर जोर
नागरिकों और सरकार, दोनों को अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करना चाहिए।
अधिकारों के साथ कर्तव्यों के प्रति जिम्मेदारी भारत की प्रगति की कुंजी है।
2. समावेशी विकास (सबका साथ, सबका विकास)
हर क्षेत्र और समुदाय को विकास का लाभ मिलना चाहिए।
कोई भी वर्ग या क्षेत्र विकास से अछूता न रहे।
3. भ्रष्टाचार पर सख्ती
भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहिष्णुता होनी चाहिए।
भ्रष्टाचारियों को समाज में स्वीकृति नहीं मिलनी चाहिए।
4. कानून और परंपराओं का सम्मान
नागरिकों को कानून, नियम और परंपराओं का पालन करते हुए गर्व महसूस करना चाहिए।
5. गुलामी की मानसिकता से मुक्ति
भारत को अपनी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत पर गर्व करना चाहिए।
गुलामी की मानसिकता को पूरी तरह खत्म किया जाना चाहिए।
6. भाई-भतीजावाद से राजनीति को मुक्त करना
राजनीति में वंशवाद और भाई-भतीजावाद को समाप्त करने पर जोर दिया।
7. संविधान का सम्मान और राजनीतिक दुरुपयोग से बचाव
संविधान को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।
संविधान की भावना का सम्मान सर्वोपरि हो।
8. आरक्षण का संरक्षण
आरक्षण पाने वाले वर्गों के अधिकार सुरक्षित रहें।
धर्म के आधार पर आरक्षण की हर कोशिश को रोका जाना चाहिए।
9. महिलाओं के नेतृत्व में विकास
भारत को महिला-नेतृत्वित विकास में विश्व के लिए एक आदर्श बनना चाहिए।
10. राज्यों के विकास के माध्यम से राष्ट्र का विकास
राज्यों के विकास को प्राथमिकता देकर राष्ट्र को प्रगति के पथ पर अग्रसर करना चाहिए।
11. 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' का लक्ष्य
एकता और अखंडता को सर्वोच्च रखते हुए भारत को आत्मनिर्भर और श्रेष्ठ बनाना।
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