
राहुल का CEC ज्ञानेश कुमार पर बड़ा हमला, पेश किए ठोस सबूत
राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में कहा कि यह "H-बम" नहीं था, लेकिन जल्द ही वह भी लाया जाएगा और उसमें और बड़े खुलासे होंगे।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को एक और प्रेस कॉन्फ्रेंस कर "वोट चोरी" मामले में नए आरोप लगाए। इस बार उन्होंने न केवल फर्जी मतदाताओं की संख्या पर सवाल उठाए, बल्कि बताया कि किस तरह से संगठित तरीके से मतदाता सूची में हेरफेर की जा रही है। राहुल गांधी ने कहा कि भले ही यह प्रेस कॉन्फ्रेंस उनका वादा किया गया "H-बम" (हाइड्रोजन बम) न हो, लेकिन जो सबूत उनके पास हैं, वे चौंकाने वाले हैं। उन्होंने दावा किया कि देशभर में करोड़ों मतदाताओं को सुनियोजित साजिश के तहत मतदाता सूची से हटाया गया या हटाने की कोशिश की गई।
6,018 वोटरों को हटाने की कोशिश
राहुल ने कर्नाटक के अलंद विधानसभा क्षेत्र (गुलबर्गा ज़िले में, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का गृह क्षेत्र) को अपना मुख्य केस स्टडी बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि यहां से 6,018 वोटरों को हटाने की कोशिश की गई थी। यह साजिश तब नाकाम हुई, जब कांग्रेस की एक बूथ एजेंट बबीता ने अपने मामा का नाम मतदाता सूची से गायब पाया और शिकायत दर्ज कराई। दिलचस्प बात यह है कि 2018 के चुनावों में बीजेपी के सुभाष गुट्टेदार ने इस सीट पर कांग्रेस के बीआर पाटिल को मात्र 697 वोटों से हराया था, जबकि 2023 में बीआर पाटिल ने 10,348 वोटों से यह सीट वापस जीत ली।
महाराष्ट्र के राजुरा में भी फर्जी वोटर जोड़े जाने का आरोप
राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के राजुरा विधानसभा क्षेत्र (चंद्रपुर लोकसभा क्षेत्र) का भी उल्लेख किया और दावा किया कि वहां 6,500 से अधिक फर्जी वोटरों को जोड़ा गया। राहुल के अनुसार, वोट हटाने और जोड़ने दोनों मामलों में इस्तेमाल की गई सॉफ्टवेयर तकनीक समान है।
सेंट्रलाइज्ड सॉफ्टवेयर से वोटर डिलीट?
राहुल गांधी ने कहा कि कोई व्यक्ति केंद्र स्तर पर सॉफ्टवेयर सिस्टम चला रहा है, जो उन बूथों की पहचान करता है जहां कांग्रेस मजबूत रही है। फिर वह बूथ पर पहले मतदाता की जानकारी लेकर बाकी वोटरों को हटाने या जोड़ने की प्रक्रिया में इस्तेमाल करता है। उन्होंने यह भी दावा किया कि कई वोटर सिर्फ 36 सेकंड में डिलीट किए गए, जो मानव रूप से संभव नहीं है, इससे यह साफ होता है कि कंप्यूटराइज्ड सिस्टम का उपयोग हो रहा है।
वोटरों की गवाही भी पेश की गई
राहुल ने इस बार कुछ लोगों की वीडियो गवाही भी पेश की, जिनकी जानकारी का उपयोग बिना उनकी जानकारी के मतदाताओं को हटाने में किया गया। इनमें गोडाबाई और सूर्यकांत शामिल थे। सूर्यकांत ने कहा कि उन्हें नहीं पता था कि उनके नाम से दूसरों को हटाया जा रहा है।
गैर-कर्नाटक मोबाइल नंबरों से OTP के ज़रिए वोट डिलीट
राहुल गांधी ने दावा किया कि अलंद में वोट डिलीशन के लिए जिन मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल किया गया, वे कर्नाटक के नहीं थे। इन नंबरों से ECI की वेबसाइट पर OTP जनरेट करके मतदाता हटाने की प्रक्रिया चलाई गई।
सुबह 4 बजे वोट डिलीट?
राहुल ने यह भी कहा कि एक मामला ऐसा है, जहां सुबह 4 बजे दो वोटर मात्र 36 सेकंड में डिलीट कर दिए गए। एक और मामला ऐसा है, जिसमें एक व्यक्ति ने 14 मिनट में 12 वोट डिलीट कर दिए। यह दिखाता है कि यह प्रक्रिया व्यवस्थित और सॉफ्टवेयर के जरिए संचालित है।
चुनाव आयोग और CEC पर सीधा हमला
राहुल गांधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर भी सीधा हमला करते हुए कहा कि वे "लोकतंत्र के हत्यारों को बचा रहे हैं।" उन्होंने कहा कि कर्नाटक CID ने 2023 से अब तक चुनाव आयोग को 18 बार पत्र भेजे हैं, जिनमें डिलीशन से संबंधित IP एड्रेस, डिवाइस पोर्ट और OTP ट्रेल्स मांगे गए हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
EC का जवाब और खामोशी
चुनाव आयोग ने राहुल के आरोपों को "गलत और निराधार" बताया। हालांकि, EC ने यह स्वीकार किया कि 2023 में अलंद में वोट हटाने की कुछ असफल कोशिशें की गई थीं और आयोग ने खुद FIR दर्ज कराई थी। लेकिन आयोग ने यह नहीं बताया कि कर्नाटक CID को डेटा देने में सहयोग क्यों नहीं किया गया।
"H-बम जल्द आएगा" - राहुल गांधी
राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में कहा कि यह "H-बम" नहीं था, लेकिन जल्द ही वह भी लाया जाएगा और उसमें और बड़े खुलासे होंगे।