तल्खी के साथ राहुल गांधी ने स्पीकर को दी बधाई, बाजी किसके रही हाथ
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तल्खी के साथ राहुल गांधी ने स्पीकर को दी बधाई, बाजी किसके रही हाथ

इंडिया ब्लॉक की तरफ से लोकसभा स्पीकर के लिए के सुरेश चुनावी मैदान में थे. लेकिन ध्वनिमत से ओम बिरला स्पीकर चुन लिए गए. राहुल गांधी ने नसीहत संग बधाई दी.


Rahul Gandhi News: ओम बिरला के स्पीकर चुने जाने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि उम्मीद है कि विपक्ष को भी बोलने का मौका मिलेगा. उन्होंने कहा कि इसमें दो मत नहीं कि सरकार के पास राजनीतिक शक्ति है. लेकिन विपक्ष भी देश के लोगों का ही प्रतिनिधित्व करता है. यही नहीं इसके साथ यह भी कहा कि पिछली लोकसभा में विपक्ष सदन को सुचारु तौर पर चलने देना चाहता था. लेकिन यह सहयोग विश्वास पर निर्भर करता है. हम पूरी तरह से सहयोग करेंगे लेकिन उम्मीद है कि बोलने का मौका देंगे.

बेशक विपक्ष में लेकिन...
राहुल गांधी ने कहा कि अब विपक्ष ज्यादा ताकतवर है. सवाल यह नहीं कि सदन कितनी क्षमता से चल रहा है बल्कि सवाल यह है कि क्या लोगों की आवाज यानी विपक्ष की आवाज को भी सुनने का मौका मिलेगा.अगर आप सोचते हैं कि विपक्ष की आवाज दबाकर आप सदन को चलाएंगे तो वो गैर लोकतांत्रिक है, देश की जनता ने यह संदेश दिया है कि वो विपक्ष से क्या उम्मीद कर रही है. देश की जनता का मत है कि विपक्ष संविधान की रक्षा करे. उस पर किसी तरह का आघात ना हो. अगर आप हमें यानी विपक्ष को बोलने का मौका देंगे तो संविधान की रक्षा में आप भी योगदान करेंगे.

क्या कहते हैं सियासी पंडित
लोकसभा स्पीकर के चुनाव से पहले इस तरह के कयास लग रहे थे कि वोटिंग होगी. लेकिन मतदान की जगह से ध्वनिमत से ओम बिरला चुन लिए गए. सवाल यह है कि 25 जून को जिस तरह से राहुल गांधी ने तेवर दिखाए उसमें नरमी क्यों आ गई. सियासी पंडित बताते हैं कि पहली और सपाट सी बात यह है कि संख्या बल इंडिया गठबंधन के पास नहीं था लिहाजा अगर चुनाव होता भी तो नतीजा उनके खिलाफ जाता. बीजेपी भी इस बात को ठंके की चोट पर कहती है कि जिन लोगों के पास जनादेश नहीं है वो एनडीए की सरकार पर सवाल उठा रहे हैं.

इसके साथ ही इंडी ब्लॉक के कुछ घटक दलों को ऐतराज इस बात पर था कि कांग्रेस ने बिना मशवरा किए ही उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया. समाजवादी पार्टी के नेताओं ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की. इसके साथ ही ममता बनर्जी की पार्टी को भी ऐतराज था. हालांकि 26 जून की सुबह होते होते तस्वीर साफ हुई कि टीएमसी इंडी ब्लॉक के साथ रहेगी. लेकिन सियासत में कब किसे शर्मसार होना पड़े कहा नहीं जा सकता. इंडी ब्लॉक को डर भी था कि अगर टीएमसी की तरफ से ऊंच नीच होती है तो उन्हें शर्मिंदा होना पड़ सकता था.
अब डिप्टी स्पीकर पर जंग
अगर लोकसभा स्पीकर पर सत्ता और विपक्ष की जंग को देखें तो बाजी एनडीए के पक्ष में है. ऐसे में सवाल यह है कि क्या डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष के पास जाएगा. हालांकि इस सवाल के जवाब में एनडीए के घटक दल कहते हैं कि विपक्ष को अपनी मांग के बारे में उन राज्यों की तरफ देखना चाहिए जहां उनकी सरकार है. मसलन तेलंगाना, केरल और पश्चिम बंगाल को देखें. अगर बात परंपरा की है तो आखिर इन राज्यों में विपक्ष ने परंपरा की अनदेखी क्यों की है. ऐसे में डिप्टी स्पीकर किस पक्ष का होगा यह बड़ा सवाल है.
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