
क्या केजरीवाल के नक्शेकदम पर राहुल गांधी, बोले- ED रेड की बनाई जा रही है योजना
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का कहना है कि चक्रव्यूह वाले बयान के बाद अब उनके खिलाफ ईडी रेड की योजना बनाई जा रही है।
Rahul Gandhi on ED Raid: सियासत में अगर सियासी चेहरे आरोप ना लगाएं तो क्या करें। पहले राजनेता मुद्दों पर सरकार को या पार्टियां एक दूसरे को घेरा करती हैं। लेकिन भारत की सियासत में एक नया चलन आया है। जनता के सामने खुद को बेदाग पेश करने के लिए आरोप लगाने का खेल खेलो। आप को याद होगा जब दिल्ली के डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया, सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दिल्ली शराब घोटाले में केस दर्ज हुए तो केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के आरोप लगाए गये। आम आदमी पार्टी प्रेंस कांफ्रेस के जरिए कहती थी कि आज ईडी की रेड होने वाली है, आज सीबीआई सीएम और डिप्टी सीएम को गिरफ्तार करने आ रही है। कुछ उसी तरह से नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी कह रहे हैं ईडी रेड की प्लानिंग की जा रही है हालांकि वो खुले हाथों से उनका सम्मान करेंगे।
उन्होंने कहा, "हजारों साल पहले कुरुक्षेत्र में छह लोगों ने अभिमन्यु को चक्रव्यूह में फंसाकर मार डाला था। मैंने थोड़ा शोध किया और पाया कि चक्रव्यूह को पद्मव्यूह भी कहते हैं, जिसका अर्थ है कमल का फूल। चक्रव्यूह कमल के आकार का होता है। 21वीं सदी में एक नया चक्रव्यूह बनाया गया है, वह भी कमल के फूल के आकार का। प्रधानमंत्री इसका प्रतीक अपने सीने पर पहनते हैं। अभिमन्यु के साथ जो हुआ, उससे भारत बर्बाद हो रहा है - युवा, किसान, महिलाएं, छोटे और मध्यम व्यापारी। अभिमन्यु को छह लोगों ने मारा था। आज भी चक्रव्यूह के केंद्र में छह लोग हैं। आज भी भारत को छह लोग नियंत्रित करते हैं - नरेंद्र मोदी, अमित शाह, मोहन भागवत, अजीत डोभाल, अंबानी और अडानी।" अनुराग ठाकुर ने गांधी पर साधा निशाना
क्या कहते हैं जानकार
सियासी पंडितों का कहना है कि राजनीति में परसेप्शन का खेल सबसे अहम है। इसे आप ऐसे समझिए बीजेपी ने जब आम चुनाव से पहले 370 पार और एनडीए के लिए 400 पार का नारा दिया तो उसे विपक्ष ने किस तरह से पेश किया। जनता को विपक्ष यह समझाने में कामयाब हो गया कि इस तरह के आंकड़ों का मतलब संविधान को बदलना और आरक्षण पर हमला है। हालांकि अगर आप देखें तो आमूलचूल बदलाव के लिए कुछ ऐसे नियम कानून है जिसके लिए दो तिहाई बहुमत की जरूरत होती है जो देश के भले के लिए भी होती। लेकिन विपक्ष का संविधान- आरक्षण पर हमले वाली बात को जनता ने पसंद किया और नतीजा सामने है। जहां तक राहुल गांधी के आरोप की बात है, वो अब लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं। अब जब वो इस तरह के आरोप लगाएंगे तो उसका अर्थ अलग होगा। विपक्ष भले ही सीटों के मामले में पिछड़ा हुआ है लेकिन उसे लगता है कि सरकार को घेरने के लिए बहुत से मुद्दे है जिसका इस्तेमाल वो कर सकते हैं।