हैरान हूं कुछ ही बातों को क्यों हटाया गया, राहुल ने स्पीकर से की खास अपील
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हैरान हूं कुछ ही बातों को क्यों हटाया गया, राहुल ने स्पीकर से की खास अपील

लोकसभा की कार्यवाही में राहुल गांधी की कुछ बातों को रिकॉर्ड से हटा लिया गया है. इस विषय पर वो कहते हैं कि सत्य को मोदी की दुनिया से हटा सकते हैं लेकिन हकीकत से नहीं.


Rahul Gandhi Sppech News: राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दुनिया में सत्य को मिटाया जा सकता है, लेकिन वास्तविकता में नहीं। उन्होंने यह बात लोकसभा में उनके भाषण के महत्वपूर्ण अंशों को आसन द्वारा हटाये जाने के कुछ घंटों बाद कही।गांधी ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, "मुझे जो कुछ भी कहना था, मैंने कह दिया है और वह सच है। वे जितना चाहें उतना हटा सकते हैं, लेकिन सच्चाई सामने आएगी।"कांग्रेस नेता सोमवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान की गई अपनी कुछ टिप्पणियों से संबंधित सवालों का जवाब दे रहे थे।

मोदी जी की दुनिया से सत्य..

गांधी ने कहा, ‘‘मोदी जी की दुनिया में सत्य को मिटाया जा सकता है, लेकिन वास्तव में सत्य को मिटाया नहीं जा सकता। लोकसभा में विपक्ष के नेता के रूप में अपने पहले भाषण में गांधी ने भाजपा पर तीखा हमला किया था तथा सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं पर लोगों को सांप्रदायिक आधार पर बांटने का आरोप लगाया था।गांधी की टिप्पणी पर सत्ता पक्ष की ओर से भारी विरोध हुआ और प्रधानमंत्री ने भी दुर्लभ हस्तक्षेप करते हुए कांग्रेस नेता पर पूरे हिंदू समुदाय को हिंसक कहने के लिए निशाना साधा।
राहुल गांधी ने स्पीकर से की अपील
सोमवार को राहुल गांधी ने हिंदू, हिंसक के साथ साथ कई विषयों पर मोदी सरकार को घेरा था. सत्ता पक्ष की तरफ से आपत्ति जताए जाने के बाद कहा कि उन्होंने हिंदू समाज का अपमान नहीं किया है. वो तो उन लोगों के खिलाफ बात कर रहे थे जो खुद को हिंदू धर्म का ठेकेदार बताते हैं. अब जबकि उनकी कही बातों को लोकसभा की कार्यवाही से हटा दिया गया है तो उन्होंने कहा कि अचंभित हूं कि उनके भाषण के बड़े हिस्से को कार्यवाही से बाहर किया गया है. उन्होंने स्पीकर से अपील करते हुए कहा कि उन्हें दोबारा से शामिल किया जाए. राहुल गांधी ने कहा कि अनुच्छेद 105 (1) के अनुसार सदन का हर सदस्य लोगों की आवाज है जिनका वो प्रतिनिधित्व करता है. सदन में हर सांसद को लोगों की वाजिब समस्याओं को कहने का अधिकार है और उन्होंने तो वही किया जो करना चाहिये.
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