चक्रव्यूह ने देश को बर्बाद कर दिया, लोकसभा में सरकार पर राहुल प्रहार
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'चक्रव्यूह' ने देश को बर्बाद कर दिया, लोकसभा में सरकार पर 'राहुल' प्रहार

लोकसभा में बजट 2024 पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने एनडीए की मौजूदा सरकार पर जमकर निशाना साधा।


Rahul Gandhi on Budget 2024: बजट 2024 पर चर्ता के दौरान नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने जमकर एनडीए सरकार की नीतियों पर निशाना साधा

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  • 29 July 2024 9:15 AM GMT

    देश को इस बजट से कुछ भी नहीं मिला

    "मेरी अपेक्षा थी कि यह बजट इस चक्रव्यूह की ताकत को कमजोर करेगा, यह बजट इस देश के किसानों की मदद करेगा, इस देश के युवाओं की मदद करेगा, इस देश के मजदूरों, इस देश के छोटे व्यापारियों की मदद करेगा। लेकिन मैंने जो देखा है, वो ये है कि इस बजट का एकमात्र उद्देश्य इस ढांचे को मजबूत करना है - एकाधिकार व्यापार का ढांचा, एक राजनीतिक एकाधिकार का ढांचा जो लोकतांत्रिक ढांचे को नष्ट करता है और डीप स्टेट और एजेंसियों का ढांचा। इसका परिणाम ये हुआ है - जिन्होंने भारत को रोजगार दिया, छोटे और मध्यम व्यवसायों को, उन पर नोटबंदी, जीएसटी और टैक्स आतंकवाद के जरिए हमला किया गया..."


  • 29 July 2024 9:07 AM GMT

    6 लोगों के चक्रव्यूह में फंसा देश

    "हजारों साल पहले कुरुक्षेत्र में छह लोगों ने अभिमन्यु को चक्रव्यूह में फंसाकर मार डाला था...मैंने थोड़ा शोध किया और पाया कि चक्रव्यूह को पद्मव्यूह भी कहते हैं - जिसका मतलब है कमल का फूल। चक्रव्यूह कमल के आकार का होता है। 21वीं सदी में एक नया चक्रव्यूह बना है - वह भी कमल के फूल के आकार का। प्रधानमंत्री इसका प्रतीक अपनी छाती पर पहनते हैं। अभिमन्यु के साथ जो हुआ, वह भारत के साथ हो रहा है - युवा, किसान, महिलाएं, छोटे और मध्यम उद्योग...आज भी चक्रव्यूह के केंद्र में छह लोग हैं...आज भी छह लोग नियंत्रण कर रहे हैं - नरेंद्र मोदी, अमित शाह, मोहन भागवत, अजीत डोभाल, अंबानी और अडानी।" स्पीकर ओम बिरला के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने कहा, "...अगर आप चाहें तो मैं एनएसए, अंबानी और अडानी का नाम छोड़ दूंगा और सिर्फ 3 नाम लूंगा।


  • 29 July 2024 9:01 AM GMT

    लोकसभा में राहुल की ललकार

    भारत पर कब्जा करने वाले 'चक्रव्यूह' के पीछे तीन ताकतें हैं। 1) एकाधिकार पूंजी का विचार - कि 2 लोगों को पूरे भारतीय धन का मालिक बनने की अनुमति दी जानी चाहिए। तो, 'चक्रव्यूह' का एक तत्व वित्तीय शक्ति के संकेंद्रण से आ रहा है। 2) इस देश की संस्थाएँ, एजेंसियाँ, सीबीआई, ईडी, आईटी, 3) राजनीतिक कार्यपालिका। ये तीनों मिलकर 'चक्रव्यूह' के केंद्र में हैं और उन्होंने इस देश को तबाह कर दिया है।


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