अग्निपथ योजना को लेकर राजनाथ सिंह ने दी जानकारी, कहा- ऐसा होगा अग्निवीरों का भविष्य
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चुनाव अभियान के मुद्दे में सेना को घसीटने के लिए विपक्ष की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि उन्हें अग्निवीरों और सेना पर राजनीति नहीं करनी चाहिए.
Rajnath Singh on Agnipath Scheme: विपक्ष द्वारा अग्निपथ योजना को लेकर लगातार उठाए जा रहे सवालों पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि चार साल के इस भर्ती कार्यक्रम से युवा और रोजगार योग्य आबादी के एक बड़े हिस्से को लाभ हो रहा है. मुझे पूरा विश्वास है कि अग्निपथ योजना सफल है और रहेगी. इस योजना को शुरू करने का मकसद अधिक से अधिक युवाओं को सशस्त्र बलों में लाना है. उन्होंने चुनाव अभियान के मुद्दे में सेना को घसीटने के लिए विपक्ष की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि उनका केवल एक ही एजेंडा है, नागरिकों को भ्रमित करना. उन्हें अग्निवीरों और सेना पर राजनीति नहीं करनी चाहिए.
बनेंगे अनुशासित
एक निजी टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में राजनाथ सिंह ने कहा कि चार साल पूरा होने के बाद अग्निवीर अपनी पसंद की नौकरी में करियर बनाने के लिए अनुशासित, गतिशील, प्रेरित और कुशल कार्यबल के रूप में लौटेंगे. वहीं, इनमें से 25 फीसदी अग्निवीरों को नियमित कैडर के रूप में सशस्त्र बलों में शामिल किया जाएगा.
अनुशासित करना नहीं अपराध
उन्होंने कहा कि हमें जनसंख्या के एक वर्ग को अग्निवीरों के रूप में अनुशासित करने का प्रयास करना चाहिए. ताकि जरूरत पड़ने पर मदद करने के लिए सही कौशल हो. अग्निवीरों को अनुशासित होने के लिए तैयार करना कोई अपराध नहीं है. विपक्ष के इस आरोप पर कि अग्निपथ योजना उन युवा वयस्कों के भविष्य को नुकसान पहुंचाएगी. इस पर रक्षा मंत्री ने कहा कि मैं युवाओं को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम किसी को भी उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करने की अनुमति नहीं देंगे. अग्निवीर बना युवक चार साल तक नए कौशल सीखेंगे और चार साल के अंत में उनके पास कमाए कुछ लाख रुपये भी होंगे.
आरक्षण का मिलेगा फायदा
राजनाथ सिंह ने कहा कि अगर उनमें से कोई नौकरी ढूंढना चाहता है तो वह नौकरी पा सकते हैं. अगर उनमें से कोई अर्धसैनिक बलों में प्रवेश करना चाहता है तो वह कर सकते हैं. अगर वह सेवाओं में प्रवेश करना चाहते हैं तो निश्चित रूप से वह कर सकते हैं. हमने उनके लिए आरक्षण भी रखा है. यह है ऐसा नहीं है कि कोई भी उन्हें नजरअंदाज नहीं कर सकता है. निजी क्षेत्र भी अग्निवीरों को काम पर रखना चाहता है.