'पूरी दुनिया हमारा लोकतंत्र देखती है, लेकिन हम लोगों को कर रहे निराश': संसद बाधित होने पर बोले उपराष्ट्रपति
Jagdeep Dhankhar: उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के अध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने दोनों पक्षों के सांसदों को सख्त संदेश दिया है.
Rajya Sabha Chairman Jagdeep Dhankhar: संसद का शीतकालीन सत्र फिलहाल समाप्त हो गया है. इस बार सत्र के दौरान लगातार व्यवधान देखने को मिले. अडानी मुद्दे और फिर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अंबेडकर पर की गई टिप्पणी के बाद विपक्ष ने विरोध जताते हुए जोरदार हंगामा किया. वहीं, एक राष्ट्र, एक चुनाव (ONOE) को लेकर भी सदन में गतिरोध देखने को मिला. ऐसे में शीतकालीन सत्र के कई घंटे विरोध-प्रदर्शन में स्वाहा हो गए. इसको देखते हुए उपराष्ट्रपति और राज्यसभा (Rajya Sabha) के अध्यक्ष जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने दोनों पक्षों के सांसदों को एक सख्त संदेश दिया है. उन्होंने देशवासियों को "विनाशकारी व्यवधान" में उलझने के बजाय "सार्थक बहस" प्रदान करने का आग्रह किया.
राज्यसभा (Rajya Sabha) के सभापति ने सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने से पहले अपने संबोधन में कहा कि दुनिया हमारे लोकतंत्र को देखती है, फिर भी हम अपने आचरण से अपने नागरिकों को निराश करते हैं. ये संसदीय व्यवधान जनता के विश्वास और अपेक्षाओं का मज़ाक उड़ाते हैं. परिश्रम के साथ सेवा करने का हमारा मौलिक कर्तव्य उपेक्षित है. 15 नवंबर को सत्र शुरू होने के बाद से लगातार व्यवधानों का जिक्र करते हुए धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने कहा कि जहां तर्कसंगत संवाद होना चाहिए, वहां हम केवल अराजकता देखते हैं.
उन्होंने कहा कि हमारे लोकतंत्र के नागरिक- मानवता का छठा हिस्सा - इस तमाशे से बेहतर के हकदार हैं. हम उन बहुमूल्य अवसरों को खो देते हैं, जो हमारे लोगों की बेहतरी के लिए काम आ सकते हैं. मुझे उम्मीद है कि सदस्य गहराई से आत्मनिरीक्षण करेंगे और नागरिक अपनी जवाबदेही का पालन करेंगे. ये पवित्र सदन ऐसे आचरण के हकदार हैं, जो हमारी शपथ का सम्मान करते हैं, न कि ऐसे नाटक जो इसे धोखा देते हैं.
सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने से पहले उन्होंने कहा कि यह सार्थक बहस और विनाशकारी व्यवधानों के बीच चयन करने का समय है. उन्होंने कहा कि सांसदों के रूप में हम भारत के लोगों से कड़ी आलोचना का सामना कर रहे हैं और यह सही भी है. ये लगातार व्यवधान हमारे लोकतांत्रिक संस्थानों में जनता के विश्वास को लगातार कम कर रहे हैं. इससे पहले दिन में, एक साथ चुनाव पर संयुक्त संसदीय समिति में 12 सदस्यों को नामित करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने के बाद राज्यसभा को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया था. अपने समापन भाषण में राज्यसभा (Rajya Sabha) के सभापति ने खुलासा किया कि सत्र के दौरान केवल 43 घंटे और 27 मिनट का काम हुआ.