राज्यसभा: नोटों की गड्डी मिलने का मामला, बरपा हंगामा, सिंघवी बोले- ऐसे तो कोई भी सीट पर...
x

राज्यसभा: नोटों की गड्डी मिलने का मामला, बरपा हंगामा, सिंघवी बोले- ऐसे तो कोई भी सीट पर...

राज्यसभा में उस समय हंगामा मच गया,जब सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन को सूचित किया कि कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी को आवंटित सीट “करेंसी नोटों की गड्डी” बरामद की हुई है.


Rajya Sabha: राज्यसभा में शुक्रवार (6 दिसंबर) को उस समय हंगामा मच गया,जब सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन को सूचित किया कि गुरुवार को सदन की नियमित जांच के दौरान सुरक्षा अधिकारियों ने कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी को आवंटित सीट नंबर 222 से “करेंसी नोटों की गड्डी” बरामद की. धनखड़ ने कहा कि उन्होंने कानून के अनुसार जांच की मांग की है और यह चल रही है. वहीं, इस पर सिंघवी ने कहा कि ये नोट उनके नहीं थे और वे गुरुवार को केवल तीन मिनट के लिए सदन में थे और वे पूरी जांच का समर्थन करते हैं. हालांकि, सिंघवी शुक्रवार को शुक्रवार को सदन में मौजूद नहीं थे.

जांच की जरूरत

धनखड़ ने कहा कि जब मामला उनके संज्ञान में लाया गया तो उन्होंने सोचा कि कोई इसे वापस लेने आएगा. लेकिन शुक्रवार सुबह तक कोई नहीं आया. सभापति ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है, देखने से पता नहीं चल सकता कि नोट नकली हैं या नहीं. लेकिन उन्होंने कहा कि “स्पष्ट रूप से, नोट 500 रुपये के हैं और यह गड्डी 100 रुपये के नोटों की लग रही है”.

धनखड़ ने कहा कि यह सब अब ‘गंभीर जांच’ का विषय है और ‘किसी को भी जांच का विरोध नहीं करना चाहिए. क्योंकि सदन को यह संकेत देना है कि हम तेजी से औपचारिक अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहे हैं. धनखड़ ने सदन में मौजूद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से पूछा कि क्या यह इस बात का संकेत है कि ‘अर्थव्यवस्था की स्थिति (इतनी अच्छी) है कि लोग करेंसी नोटों को भूल सकते हैं.’

सत्ता पक्ष ने खड़गे को कराया चुप

सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मामले की जांच चल रही है और जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती और यह प्रमाणित नहीं हो जाता कि नोट किसका है, तब तक सभापति को सदस्य का नाम नहीं लेना चाहिए. सत्ता पक्ष ने शोर मचाकर उन्हें चुप करा दिया. धनखड़ ने जवाब देते हुए कहा कि जब तक मामले की जांच चल रही है, तब तक इस पर बहस नहीं होनी चाहिए. लेकिन उन्होंने कहा कि उन्होंने सदस्य (सिंघवी) का नाम यह जांचने के बाद लिया कि क्या वह उस दिन सदन में उपस्थित थे. धनखड़ ने दोहराया कि वह निश्चित रूप से नहीं कह सकते कि नोट नकली थे या असली और क्या यह गड्डी वास्तव में 100 रुपये के नोटों की थी, या यह किसकी थी.

कदम उठाया गया: धनखड़

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने टिप्पणी की कि उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि जब नोटों की बरामदगी वाली सीट का नंबर और उस पर बैठे व्यक्ति के बारे में पता है तो सभापति सिंघवी का नाम क्यों नहीं बता पाए. रिजिजू ने कहा कि सांसदों का सदन में नोटों की गड्डियां लेकर आना उचित नहीं है और इसकी जांच जरूरी है. धनखड़ ने कहा कि उनके द्वारा उठाया गया कदम "न्यूनतम" था और यह किसी "उल्लंघन" के बराबर नहीं था. खड़गे ने आपत्ति जताते हुए कहा कि जब जांच अभी भी चल रही है तो वह सदस्य का नाम कैसे घोषित कर सकते हैं. धनखड़ ने खड़गे से पूछा कि क्या वह आसन पर संदेह कर रहे हैं.

सदन की गरिमा पर कुठाराघात: नड्डा

सदन के नेता जेपी नड्डा ने कहा कि यह घटना "बहुत गंभीर प्रकृति की" है और सदन में दलगत राजनीति का मामला नहीं है. नड्डा ने कहा कि इस घटना से सदन की गरिमा को ठेस पहुंची है और उन्होंने इसकी गहन जांच की मांग की. नड्डा ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि विपक्ष के नेता पूरी जांच का समर्थन करेंगे और उन्होंने सदन से सामूहिक रूप से “घटना की निंदा” करने का आह्वान किया. खड़गे ने कहा कि उन्होंने कभी भी जांच पर आपत्ति नहीं जताई या किसी मामले को दबाने की कोशिश नहीं की, बल्कि उन्होंने केवल इतना कहा कि जब जांच पूरी भी नहीं हुई है तो सदस्य का नाम नहीं लिया जाना चाहिए था.

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि आज नोटों की एक गड्डी बरामद की गई है; कौन जानता है कि कल उस (विपक्ष) पक्ष से क्या बरामद होगा! ये लोग फर्जी कहानियां गढ़ते हैं और इसकी जांच होनी चाहिए कि क्या यह विदेशी ताकतों के साथ मिलकर विपक्ष द्वारा गढ़े जा रहे फर्जी कहानियों में कुछ जोड़ने का हिस्सा है.

सिंघवी ने कहा-आश्चर्यचकित हूं

सिंघवी ने बाद में मीडियाकर्मियों से कहा कि वह इस घटना के बारे में सुनकर "काफी हैरान" हैं.उन्होंने कहा कि मैं कल दोपहर 12.57 बजे सदन में गया था. सदन दोपहर एक बजे उठा. एक से डेढ़ बजे तक मैं अयोध्या प्रसाद के साथ कैंटीन में बैठा और दोपहर का भोजन किया. डेढ़ बजे मैं संसद से चला गया. इसलिए, कल सदन में मेरा कुल ठहराव तीन मिनट का था और कैंटीन में मेरा ठहराव 30 मिनट का था. मुझे यह अजीब लगता है कि ऐसे मुद्दों पर भी राजनीति की जाती है.

उन्होंने कहा कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि "कैसे लोग आकर कहीं भी कुछ भी रख सकते हैं" उनकी सीट पर. इसका मतलब है कि हम में से हर एक के पास एक सीट होनी चाहिए, जहां सीट को लॉक किया जा सके और चाबी सांसद अपने साथ ले जा सकें. क्योंकि कोई भी व्यक्ति सीट पर कुछ भी कर सकता है और इस बारे में आरोप लगा सकता है. अगर यह दुखद और गंभीर नहीं होता तो यह हास्यास्पद होता. मुझे लगता है कि सभी को इस मामले की तह तक पहुंचने में सहयोग करना चाहिए और अगर सुरक्षा एजेंसियों की कोई विफलता है तो उसे भी पूरी तरह से उजागर किया जाना चाहिए.

Read More
Next Story