राज्यसभा में आपकी टोन ठीक नहीं पर रार, क्या आसन की मर्यादा नहीं कर रहा विपक्ष
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राज्यसभा में 'आपकी टोन ठीक नहीं' पर रार, क्या आसन की मर्यादा नहीं कर रहा विपक्ष

राज्यसभा में सपा की सांसद जया बच्चन ने सभापति जगदीप धनखड़ से कहा कि आपकी टोन ठीक नहीं। इसके बाद जबरदस्त हंगामा हुआ। लेकिन सवाल यह है कि क्या विपक्ष जानबूझ कर ऐसा कर रहा है


Jagdeep Dhankhar News: राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से विपक्ष खुन्नस निकालता है या उसके तौर तरीके जायज कहे जा सकते हैं। गुरुवार को विनेश फोगाट के मुद्दे पर जब सभापति ने नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की बहस वाली मांग खारिज कर दी तो सदन में हंगामा हुआ। टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने भी विनेश फोगाट के मुद्दे को उठाया। हालांकि जगदीप धनखड़ ने कहा कि वो ब्रायन को बाहर का रास्ता दिखा देंगे। उसके बाद विपक्ष वॉक आउट कर गया। विपक्ष के इस बरताव पर बेहद दुखी मन से उन्होंने कहा कि वो हाथ जोड़कर कुछ कहना चाहते हैं उन्होंने अपनी बात रखी और आसन छोड़कर चले गये। आज एक बार फिर राज्यसभा में हंगामा हुआ। पहले यह जानिए की क्या कुछ हुआ था.

जया बच्चन ने क्या कहा था

जया बच्चन ने कहा सभापति धनखड़ की टोन पर सवाल उठा दिया। उन्होंने कहा कि वो कलाकार है और सबकुछ समझती हैं. वो बॉडी लैंग्वेज समझती हैं, एक्सप्रेशन समझती हैं. माफ करिएगा आपकी जो टोन है वो ठीक नहीं स्वीकार्य नहीं। मैंने अध्यक्ष द्वारा इस्तेमाल किए गए लहजे पर आपत्ति जताई। हम स्कूली बच्चे नहीं हैं। हममें से कुछ वरिष्ठ नागरिक हैं। मैं उनके लहजे से परेशान था और खासकर जब विपक्ष के नेता बोलने के लिए खड़े हुए, तो उन्होंने माइक बंद कर दिया। आप ऐसा कैसे कर सकते हैं? आपको विपक्ष के नेता को बोलने देना चाहिए... मेरा मतलब है कि हर बार असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल करना जो मैं आप सभी के सामने नहीं कहना चाहता। आप एक उपद्रवी हैं, 'बुद्धिहीन'। उन्होंने कहा कि आप एक सेलिब्रिटी हो सकते हैं, मुझे परवाह नहीं है। मैं उनसे परवाह करने के लिए नहीं कह रहा हूं। मैं कह रहा हूं कि मैं संसद का सदस्य हूं। यह मेरा पांचवां कार्यकाल है। मैं जानता हूं कि मैं क्या कह रहा हूं। इन दिनों संसद में जिस तरह से बातें की जा रही हैं, वैसा पहले कभी किसी ने नहीं कहा। मैं उनसे माफी चाहती हूं..."इसके बाद जगदीप धनखड़ भी भड़क गए और हंगामा शुरू हुआ। दादागीरी नहीं चलेगा के नारे लगाते हुए विपक्ष ने बहिष्कार किया।



जया के बचाव में कांग्रेस

कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी कहते हैं, "...यह परंपरा है कि जब सदन के नेता या विपक्ष के नेता जो कि संवैधानिक पद हैं, बोलने के लिए खड़े होते हैं तो दोनों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, लेकिन इसका पालन नहीं किया जा रहा है। घनश्याम तिवारी ने सदन में ऐसी भाषा और लहजे का इस्तेमाल किया है जिसमें गरिमा नहीं है। इसके बाद उन्होंने अपनी गलती स्वीकार की, लेकिन व्यक्तिगत रूप से। हम मांग करते हैं कि चूंकि यह घटना सदन में हुई है, इसलिए उन्हें सदन में अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए...जया बच्चन जो कि सबसे वरिष्ठ सदस्य हैं, उन्होंने भी यही बात कही है और हम सब उनके साथ खड़े हैं।"

जयराम रमेश ने क्या कहा

कांग्रेस सांसद जयराम रमेश का कहना है कि यह पहला मौका नहीं है कि जब बीजेपी के राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवारी ने राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष को बोलने में अड़चन डाली। वो बार बार ऐसा करते हैं। हालांकि वो व्यक्तिगत रूप से आए और मल्लिकार्जुन खड़गे की तारीफ की। हमारी तरफ से कहा गया कि जो बात आप व्यक्तिगत तौर पर कह रहे हैं वही बात सदन में कहिए।

जयराम रमेश ने कहा कि जब वो अपनी बात कहने के लिए खड़ा हुए तो बार बार उन्हें रोका गया। उनके लिए कोई मुद्दा नहीं है। लेकिन नेता प्रतिपक्ष का ना सिर्फ अपमान हुआ है बल्कि संवैधानिक पद की मर्यादा को कमतर किया गया है।

तनातनी का इतिहास है
सवाल यह है कि अगर राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष संवैधानिक पद है तो सभापति का पद क्या है। आपको याद होगा कि 17वीं लोकसभा के अंतिम सत्र में टीएमसी के सांसद कल्याण बनर्जी किस तरह से परिसर में सभापति धनखड़ का मजाक बनाते नजर आए थे। टीएमसी नेताओं और सभापति जगदीप धनखड़ के बीच तनातनी का इतिहास पुराना है। आपको यह भी याद होगा कि सभापति बनने से पहले जगदीप धनखड़ पश्चिम बंगाल के राज्यपाल हुआ करते थे और राजभवन- सरकार के बीच तनातनी किस तरह से कायम रहती थी। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी खुले तौर पर तत्कालीन गवर्नर के कार्यक्रमों का बहिष्कार कर देती थीं। या वे अपने किसी प्रतिनिधित्व को भेजती थी। सियासी पंडितों का कहना है कि संवैधानिक मुल्यों में क्षरण के लिए कोई एक दल जिम्मेदार नहीं है। बस मौके वाली बात है. जब राजनीतिक दल शासन में होते हैं तो वे विपक्ष से नैतिक और अनुशासित होने की उम्मीद करते हैं। लेकिन सत्ता छिटकते ही उनकी वाणी, भाषा, अनुशासन सब कुछ बहकने लगता है।

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