air india plane crash
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विमान हादसे की शुरुआती जांच में बर्ड हिट की आशंका शामिल नहीं है

एयर इंडिया को पूरे बोइंग-787 बेड़े की सुरक्षा जांच के आदेश, बर्ड हिट की आशंका खारिज

सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि क्या जांच पूरी होने तक देश में बोइंग-787 बेड़े को फ्लाइंग से अस्थायी रूप से रोक दिया जाए।


एयर इंडिया विमान दुर्घटना की जांच में अब इंजन, फ्लैप्स और लैंडिंग गियर पर केंद्रित हो रही है। प्रारंभिक जांच के प्रमुख बिंदुओं में बर्ड-हिट (पक्षी टकराव) की आशंका शामिल नहीं है। रॉयटर्स के हवाले से खबर है कि भारत के विमानन नियामक (DGCA) ने एयरलाइन के पूरे बोइंग-787 बेड़े की सुरक्षा जांच के आदेश दिए हैं।

एजेंसी का कहना है कि एयर इंडिया और भारत सरकार इस दुर्घटना के कई पहलुओं की जांच कर रहे हैं जिनमें इंजन की थ्रस्ट से जुड़ी समस्याएं, फ्लैप्स की स्थिति और यह सवाल शामिल है कि टेक-ऑफ के वक्त विमान का लैंडिंग गियर खुला क्यों रह गया, जिसके बाद विमान कुछ ही पलों में नीचे गिर गया।

रिपोर्ट के मुताबिक, जांच में यह भी देखा जा रहा है कि क्या एयर इंडिया की ओर से मेंटेनेंस या किसी और वजह से लापरवाही हुई थी। प्रारंभिक जांच में एंटी-टेरर एक्सपर्ट्स की टीमें भी जांच प्रक्रिया का हिस्सा हैं।

सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि क्या जांच पूरी होने तक देश में बोइंग-787 बेड़े को ग्राउंड (फ्लाइंग से अस्थायी रूप से रोक) कर दिया जाए। हालांकि रॉयटर्स के मुताबिक, एयर इंडिया, बोइंग और नागरिक उड्डयन मंत्रालय से इस मुद्दे पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।

एयर इंडिया के पास 30 से अधिक ड्रीमलाइनर विमान हैं, जिनमें बोइंग 787-8 और 787-9 संस्करण शामिल हैं। एयर इंडिया के सूत्रों के हवाले से रॉयटर्स ने बताया कि अभी तक सरकार की ओर से इन विमानों को ग्राउंड करने को लेकर कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है।

इस बीच, भारत के नागर विमानन नियामक (DGCA) ने एयर इंडिया को निर्देश दिया है कि उसके GEnx इंजन वाले बोइंग 787-8/9 विमानों पर अतिरिक्त रखरखाव कार्यवाही की जाए।

इसमें शामिल है, 15 जून की मध्यरात्रि से हर उड़ान से पहले टेक-ऑफ पैरामीटर्स की एक बार की जांच। ट्रांजिट निरीक्षण में 'फ्लाइट कंट्रोल इंस्पेक्शन' जोड़ना, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि कंट्रोल सिस्टम ठीक से काम कर रहे हैं। इंजन की शक्ति जांच (पावर एश्योरेंस चेक), यह पुष्टि करने के लिए कि इंजन आवश्यक शक्ति उत्पन्न कर सकता है। यह सारी कसरत दो हफ्ते के भीतर करने को कहा गया है।

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