
राहुल-प्रियंका की तुलना बेमानी, दोनों ‘सेब और संतरे’ की तरह; कांग्रेस सांसद ने खोला राज!
Indian politics: प्रियंका गांधी वाड्रा ने ‘वंदे मातरम’ पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए भाजपा नेताओं, खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयानों का बिंदुवार जवाब दिया। वहीं, राहुल गांधी ने भाजपा और चुनाव आयोग पर आरोप लगाया कि वे भारत के लोकतंत्र को खत्म करने की साजिश में साथ काम कर रहे हैं।
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता रेणुका चौधरी ने कहा कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी दो बिल्कुल अलग पर्सनैलिटी हैं, जिनकी भाषण शैली अलग-अलग है और उनकी तुलना नहीं की जानी चाहिए। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि लोकसभा में भाई-बहन के लगातार दो दिनों के भाषणों पर जो चर्चाएं हो रही हैं, वे अनुचित तुलना पर आधारित हैं। हाल के दिनों में आम धारणा यह बनी कि प्रियंका गांधी ने अपने प्रभावी भाषण से सदन में अपनी छाप छोड़ी। जबकि लंबे समय से राजनीति में सक्रिय राहुल गांधी अपना मौका गंवाते दिखे। रेणुका चौधरी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राहुल और प्रियंका “सेब और संतरे” की तरह हैं। दोनों अलग हैं और दोनों की तुलना नहीं की जा सकती।
तुलना करना मनोवैज्ञानिक भ्रम
चौधरी ने कहा कि तुलना इसलिए भी गलत है। क्योंकि दोनों ने बिल्कुल अलग मुद्दों पर बात की। तुलना को उन्होंने “साइकोबैबल (psychobabble)” यानी मनोवैज्ञानिक भ्रम करार दिया। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि लोग अपनी राय रखने के हकदार हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रियंका गांधी बहुत सक्षम और व्यावहारिक हैं। उन्होंने जिस विषय पर बोला, बेहतरीन बोला। राहुल गांधी ने अलग विषय चुना, उनकी शैली अलग है। दोनों की तुलना करना गलत है। चौधरी ने कहा कि अलग-अलग मुद्दों पर अलग तरह की प्रस्तुति होती है और दोनों नेताओं ने अपने-अपने स्थान पर महत्वपूर्ण बातें रखीं।
रेणुका चौधरी ने कहा कि हम बहुत स्टीरियोटाइप्ड सोच रखते हैं। हमें लगता है कि प्रतिक्रिया एक ही तरह की होनी चाहिए। जबकि ऐसा नहीं है। हर व्यक्ति मुद्दों को अपनी शैली में उठाता है। दोनों ने अपने-अपने तरीके से महत्वपूर्ण बातें रखीं। जब उनसे पूछा गया कि दोनों में से बेहतर वक्ता कौन है तो उन्होंने ऐसा कोई भी फर्क बताने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि बेहतर-खराब की तुलना संभव ही नहीं। क्योंकि दोनों की प्रकृति, शैली और मुद्दे अलग हैं।
प्रियंका का प्रभावी भाषण
सोमवार को प्रियंका गांधी वाड्रा ने ‘वंदे मातरम’ पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए भाजपा नेताओं, खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयानों का बिंदुवार जवाब दिया। उनके भाषण को पार्टी के कई नेताओं ने “बहुत प्रभावशाली” बताया। राहुल गांधी ने भी उनकी सराहना करते हुए चार शब्दों में प्रतिक्रिया दी कि “प्रियंका का भाषण सुनो।” प्रियंका ने अपने भाषण में प्रधानमंत्री पर नेहरू के उद्धरणों को “चुनिंदा रूप से” पेश करने का आरोप लगाया और उनका “सही संदर्भ” भी रखा। उन्होंने भाजपा द्वारा नेहरू पर बार-बार की जा रही आलोचना पर कहा कि वे सारी ‘आलोचनाएं’ सूचीबद्ध कर लें, बहस कर लें और फिर इस अध्याय को बंद कर दें, ताकि संसद का समय असली मुद्दों पर लगाया जा सके।
राहुल गांधी का तीखा हमला
अगले दिन चुनावी सुधारों पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने भाजपा और चुनाव आयोग पर सीधा आरोप लगाया कि वे भारत के लोकतंत्र को खत्म करने की साजिश में साथ-साथ काम कर रहे हैं और लोगों की आवाज छीनने की कोशिश कर रहे हैं।

