देश के विस्मृत गौरव को पुनः स्थापित करने की आवश्यकता: मोहन भागवत
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत रविवार को हैदराबाद में लोकमंथन भाग्यनगर 2024 के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कई विषयों पर बात की.
RSS Chief Mohan Bhagwat : महाराष्ट्र और झारखण्ड में चुनाव संपन्न हो चुके हैं. महराष्ट्र में बीजेपी और उसके घटकों को अभूतपूर्व जय मिली है. इन चुनावों में बंटोगे तो कटोगे और एक हैं तो सेफ हैं वाला नारा काफी चर्चा का विषय बना. वहीँ परिणाम के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को हैदराबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि भारत के विस्मृत गौरव को पुनः स्थापित किया जाना चाहिए.
हैदराबाद में लोकमंथन भाग्यनगर 2024 आयोजन शुरू हुआ है, इसी आयोजन में RSS प्रमुख मोहन भागवत पहुंचे है. कार्यक्रम में सरसंघचालक ने कहा कि हमारा यह जीवन सनातन है. हमारा देश एक सनातन राष्ट्र है. हमारे कपड़े बदले होंगे, खाना बदला होगा, लेकिन अंदर से हम सभी एक हैं. “अगर खोजें को विविधता में ही एकता है.”
AI को लेकर क्या कहा
भागवत ने देश के दार्शनिक ज्ञान की सहमति वाले विज्ञान के महत्व के बारे में बात करते हुए, कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग में नैतिकता पर जोर देने वाले वैज्ञानिकों का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि भारत की मूल्य प्रणाली व्यक्ति की बुद्धि पर जोर देती है. मुद्दों के प्रति भारत के दृष्टिकोण में तर्क और बुद्धि है और देश को समस्याओं के प्रति अन्य दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता नहीं है. भारत विदेशों से अच्छी चीजें ले सकता है लेकिन उसकी अपनी आत्मा और संरचना होनी चाहिए.
सनातन धर्म और संस्कृति को समकालीन स्वरूप देने पर विचार जरुरी
भागवत ने कहा, ‘‘हमें अपने सनातन धर्म और संस्कृति को समकालीन स्वरूप देने पर विचार करना होगा.’’ भागवत ने कहा, "हमें जो करना है, वह यह है कि हमें भारत के विस्मृत गौरव को फिर से स्थापित करना है." केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शास्त्रों का उदाहरण देते हुए कहा कि वनवासियों के साथ कोई भेदभाव नहीं किया गया. केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी किशन रेड्डी भी इस अवसर पर उपस्थित थे.
(शीर्षक को छोड़कर, इस कहानी को फेडरल स्टाफ द्वारा संपादित नहीं किया गया है और एक सिंडिकेटेड फीड से स्वतः प्रकाशित किया गया है।)
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