Samvidhan Hatya Diwas: शुरू हुई राजनीतिक जंग, इंडिया ब्लॉक ने कहा- साल 2014 से हर दिन हुई संविधान की हत्या
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Samvidhan Hatya Diwas: शुरू हुई राजनीतिक जंग, इंडिया ब्लॉक ने कहा- साल 2014 से हर दिन हुई संविधान की 'हत्या'

नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा हर साल 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' के रूप में मनाए जाने की घोषणा के बाद राजनीतिक जंग छिड़ गई है.


संविधान हत्या दिवस: नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा हर साल 25 जून को 'संविधान हत्या दिवस' के रूप में मनाए जाने की घोषणा के बाद राजनीतिक जंग छिड़ गई है. सत्ता पक्ष का कहना है कि इमरजेंसी लगाकर संविधान का गला घोंटने की कोशिश की याद दिलाने और लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करने वाले क्रांतिकारियों को श्रद्धांजलि देने के लिए भारत सरकार ने 25 जून को संविधान हत्या दिवस घोषित किया है. वहीं, इस पर प्रतिक्रिया देते हुए विपक्ष ने कहा कि पिछले 10 सालों में आपकी सरकार ने हर दिन संविधान हत्या दिवस मनाया है. आपने हर पल देश के हर गरीब और वंचित वर्ग का स्वाभिमान छीना है.

बता दें कि कि 25 जून 1975 के दिन इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने आपातकाल लगाया था. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में आपातकाल के कारण जो परिस्थितियां पैदा हुईं और जिस तरह का दमन किया गया, वह आज भी देशवासियों की यादों में ताजा है. भारत में आपातकाल लगाकर संविधान का गला घोंटने की कोशिश की याद दिलाने और लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करने वाले क्रांतिकारियों को श्रद्धांजलि देने के लिए भारत सरकार ने 25 जून को संविधान हत्या दिवस घोषित किया है. आपातकाल के दौरान जेल में समय बिताने और यातनाएं झेलने वालों के योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता है.

वहीं, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक्स पर पोस्ट किया कि मैं भारत सरकार द्वारा आपातकाल की कठिनाइयों को झेलने वालों को याद करने और लोकतांत्रिक मूल्यों की पुनर्स्थापना के लिए लड़ने वालों को सम्मानित करने के लिए हर साल 25 जून को संविधान हत्या दिवस मनाने के फैसले का स्वागत करता हूं. केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (आरवी) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तानाशाही नीति ने लोकतंत्र का गला घोंट दिया, आपातकाल लगाया और लाखों लोगों को जबरन जेल में बंद कर दिया, इस तरह लोकतंत्र की हत्या कर दी.

वहीं, इसको लेकर इंडिया ब्लॉक ने एनडीए पर पलटवार किया. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक्स पर एक लंबी पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि पिछले 10 सालों में आपकी सरकार ने हर दिन संविधान हत्या दिवस ​​मनाया है. आपने हर पल देश के हर गरीब और वंचित वर्ग का स्वाभिमान छीना है. आम आदमी पार्टी की नेता प्रियंका कक्कड़ ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी ने साल 2014 से हर दिन संविधान की 'हत्या' की है.

प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि हाल ही में चंडीगढ़ मेयर चुनाव के दौरान अनिल मस्सी ने कैमरे के सामने संविधान की हत्या की और स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव नहीं हो रहे थे. दिल्ली में 9 साल की लंबी लड़ाई के बाद दिल्ली सरकार को इसके तहत सेवाएं मिलीं. लेकिन भाजपा ने एक कानून लाकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को नकार दिया. यह संविधान की हत्या है.

तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष ने भी इसी तरह की भावनाओं को दोहराया और कहा कि आपातकाल की घटना "इतिहास की घटना" थी. लेकिन भाजपा अपने फायदे के लिए इस "पुराने कार्ड" को खेलने की कोशिश कर रही है. झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) सांसद महुआ माजी ने कहा कि 400 पार का नारा देने वाली बीजेपी 400 नहीं ला पाई और उसे 200 पर ही सीमित रहना पड़ा. भारत को जो जनादेश मिला, वह इसलिए मिला. क्योंकि संविधान खतरे में था. हमें इस पर बात करनी चाहिए कि आप (बीजेपी) इस समय क्या विकास कर रहे हैं, देश को किस दिशा में ले जा रहे हैं, क्या आप संविधान के अनुसार यहां सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने में सक्षम हैं या नहीं.

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