आईआईटी पासआउट और वित्त की बारीक समझ रखने वाले हैं संजय मल्होत्रा
1990 बैच के राजस्थान कैडर के IAS अधिकारी फिलहाल वित्त मंत्रालय में सचिव ( राजस्व ) हैं. केंद्र सरकार ने उन्हें RBI का गवर्नर नियुक्त किया है. उनका कार्यकाल अगले तीन साल तक रहेगा.
RBI Governor : वित्त मंत्रालय में सचिव (राजस्व) संजय मल्होत्रा को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का नया गवर्नर नियुक्त किया गया है। सरकार ने सोमवार को उनके नाम का आधिकारिक ऐलान किया। संजय मल्होत्रा मौजूदा गवर्नर शक्तिकांत दास का स्थान लेंगे, जिनका कार्यकाल 10 दिसंबर को समाप्त हो रहा है।
संजय मल्होत्रा का कार्यकाल
संजय मल्होत्रा 11 दिसंबर से RBI के 26वें गवर्नर के रूप में कार्यभार संभालेंगे। उनका कार्यकाल तीन वर्षों के लिए होगा। उनके पास वित्त और प्रशासन के क्षेत्र में तीन दशकों से अधिक का अनुभव है, जो इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को निभाने में सहायक होगा।
शिक्षा और करियर पृष्ठभूमि
संजय मल्होत्रा 1990 बैच के राजस्थान कैडर के IAS अधिकारी हैं। उन्होंने IIT कानपुर से इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की है और प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से मास्टर्स किया है। उनकी करियर पृष्ठभूमि में पावर, फाइनेंस, टैक्सेशन, आईटी, और माइंस जैसे क्षेत्रों में काम का व्यापक अनुभव शामिल है।
REC (Rural Electrification Corporation) में चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में उनकी भूमिका उल्लेखनीय रही।
वह ऊर्जा मंत्रालय में एडिशनल सेक्रेटरी भी रह चुके हैं।
वर्तमान में, वह वित्त मंत्रालय के तहत डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स नीतियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
RBI के लिए चुनौतियां
संजय मल्होत्रा ऐसे समय में भारतीय रिजर्व बैंक की कमान संभालने जा रहे हैं, जब देश कई आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है।
1. महंगाई पर नियंत्रण: मौद्रिक नीति के माध्यम से मुद्रास्फीति पर काबू पाना उनकी प्राथमिकता होगी।
2. ब्याज दरों का प्रबंधन: ब्याज दरों में स्थिरता बनाए रखना और आर्थिक विकास को संतुलित करना महत्वपूर्ण रहेगा।
3. डिजिटल करेंसी का विकास: डिजिटल रुपया और फिनटेक के बढ़ते प्रभाव के बीच RBI को एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाना होगा।
4. वैश्विक आर्थिक परिस्थितियां: वैश्विक मंदी और भू-राजनीतिक तनावों के बीच भारत की अर्थव्यवस्था को स्थिर रखना एक चुनौती होगी।
शक्तिकांत दास का कार्यकाल
दिसंबर 2018 में गवर्नर बने शक्तिकांत दास का कार्यकाल चुनौतियों से भरा रहा। उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान अर्थव्यवस्था को स्थिर रखने, ब्याज दरों में कटौती, और डिजिटल बैंकिंग के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आर्थिक स्तर पर सुधार की रहेंगी उम्मीदें
संजय मल्होत्रा की नियुक्ति से सरकार को उम्मीद है कि वह अपने अनुभव और विशेषज्ञता के बल पर भारतीय अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। उनकी प्रशासनिक दक्षता और टैक्स पॉलिसी में गहरी समझ उन्हें इस भूमिका के लिए उपयुक्त बनाती है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि मल्होत्रा आर्थिक सुधारों और नीतियों के कार्यान्वयन में कैसा प्रदर्शन करते हैं, खासकर वैश्विक और घरेलू आर्थिक परिवर्तनों के बीच।
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