थरूर की कांग्रेस को सलाह; संगठन को मज़बूत और अनुशासित बनाना जरुरी
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थरूर की कांग्रेस को सलाह; संगठन को मज़बूत और अनुशासित बनाना जरुरी

दिग्विजय सिंह के RSS की ताकत की तारीफ वाले बयान पर शशि थरूर ने कहा, संगठन में अनुशासन और मजबूती जरूरी, विवाद को लेकर सफाई दी गई।


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Shashi Tharoor After Digvijaya Singh : कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने हाल ही में दिग्विजय सिंह द्वारा RSS की संगठनात्मक क्षमता की प्रशंसा करने वाले बयान पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को मज़बूत और अनुशासित बनाने की जरूरत है। थरूर ने स्पष्ट किया कि दिग्विजय अपनी ओर से बोल सकते हैं, लेकिन उनका मकसद संगठन को और मज़बूत बनाना है। शशि थरूर ने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल में अनुशासन और संगठन की मजबूती बेहद जरूरी होती है, और इस मामले में कांग्रेस को सुधार की आवश्यकता है।


सोशल मीडिया पर तस्वीर शेयर करने से शुरू हुआ विवाद

यह विवाद तब शुरू हुआ जब दिग्विजय सिंह ने 27 दिसंबर को सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पुरानी तस्वीर शेयर की। तस्वीर में मोदी लालकृष्ण आडवाणी के पास जमीन पर बैठे दिखाई दिए। दिग्विजय ने इसके साथ लिखा, “RSS का जमीनी स्वयंसेवक और BJP का कार्यकर्ता नीचे बैठकर सीएम और पीएम बन गया… यह संगठन की शक्ति है।”

इस पोस्ट के बाद भाजपा ने कांग्रेस पर पलटवार किया और कांग्रेस के नेतृत्व को तानाशाही चलाने का आरोप लगाया। भाजपा नेताओं ने कहा कि कांग्रेस के निर्णय परिवार विशेष के प्रभाव में आते हैं और संगठन में अलोकतांत्रिकता है।

कांग्रेस के भीतर प्रतिक्रिया भी तेज हुई। वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा, सुप्रिया श्रीनेत और सलमान खुर्शीद ने कहा कि RSS से कुछ सीखने की जरूरत नहीं है। थरूर ने हालांकि कहा कि अनुशासन और संगठनात्मक मजबूती सीखना हर दल के लिए आवश्यक है, और यही दिग्विजय सिंह का बयान का असली मतलब था।

कांग्रेस के अन्दर हो संगठनात्मक सुधार

दिग्विजय सिंह ने विवाद बढ़ने पर सफाई देते हुए कहा कि उनका बयान RSS की विचारधारा का समर्थन नहीं करता। उन्होंने स्पष्ट किया कि गांधी हत्यारों से कुछ सीखने की आवश्यकता नहीं है। उनका उद्देश्य सिर्फ कांग्रेस संगठन को मज़बूत और अनुशासित बनाना था।

विश्लेषकों का कहना है कि यह विवाद कांग्रेस के अंदर संगठनात्मक सुधार और आंतरिक मतभेदों को उजागर करता है। शशि थरूर और दिग्विजय सिंह दोनों ने जोर देकर कहा कि संगठन को मज़बूत बनाना हर राजनीतिक दल के लिए जरूरी है और उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया।

इस पूरे मामले ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच चर्चाओं को तेज कर दिया है। राजनीतिक गलियारों में यह बात भी उठ रही है कि संगठन को मजबूत और अनुशासित बनाए बिना भविष्य में और विवाद हो सकते हैं।


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