Sanjay Raut on Uddhav-Raj Thackrey
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संजय राउत

'गठबंधन की नहीं, दिलों की बात हो रही है', राज-उद्धव के बीच नजदीकियों पर बोले संजय राउत

राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के हालिया बयानों ने एक बार फिर उम्मीद की किरण जगाई है. क्या दो बिछड़े भाई फिर से साथ आ सकते हैं? क्या पुरानी रंजिशें भुलाकर, मराठी स्वाभिमान के लिए दोनों एकजुट हो सकते हैं?


शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के सांसद संजय राउत ने रविवार (20 अप्रैल) को स्पष्ट किया कि फिलहाल कोई राजनीतिक गठबंधन नहीं हुआ है, लेकिन ज़रूर कुछ भावनात्मक बातचीत चल रही है—एक ऐसा संवाद जो खून के रिश्ते और दिल के जुड़ाव से निकल रहा है।

राउत ने पत्रकारों से कहा, “आज की तारीख़ में कोई गठबंधन की औपचारिक घोषणा नहीं हुई है। हां, भावनाओं की भाषा में बातचीत ज़रूर हो रही है। राज और उद्धव जब पारिवारिक समारोहों में मिलते हैं, तो वो सिर्फ नेता नहीं होते—वो भाई होते हैं।”

कोई शर्त नहीं, सिर्फ महाराष्ट्र का हित

राउत ने साफ किया कि उद्धव ठाकरे ने किसी तरह की शर्त नहीं रखी है। उनका सिर्फ इतना कहना है कि महाराष्ट्र के हित को प्राथमिकता दी जाए, और उन लोगों से दूरी बनाई जाए जो इस भूमि की आत्मा को चोट पहुंचाते हैं।

उन्होंने कहा, “राज ठाकरे महाराष्ट्र की बात करते हैं, उद्धव ठाकरे भी वही करते हैं। लेकिन भाजपा इस सोच के साथ मेल नहीं खाती। जो भाजपा के साथ हैं, वो भी महाराष्ट्र की भावनाओं के साथ नहीं चलते। यही कारण है कि हम उन्हें महाराष्ट्र का दुश्मन मानते हैं।”

पुरानी यादें, नया सवाल

राज ठाकरे के एक पॉडकास्ट इंटरव्यू ने इन चर्चाओं को जन्म दिया, जहां उन्होंने कहा, “उद्धव के साथ काम करने में मुझे कभी दिक्कत नहीं थी। सवाल ये है—क्या अब उद्धव मेरे साथ काम करना चाहेंगे?”

करीब दो दशकों पहले जो दूरी पैदा हुई थी, अब उसी दूरी को मिटाने की एक हल्की सी ख्वाहिश झलक रही है—शायद दोनों भाई अब यह समझ चुके हैं कि छोटी-मोटी बातें अगर पीछे छोड़ दी जाएं, तो ‘मराठी मानुष’ के लिए एक नई शुरुआत की जा सकती है।

मराठी आत्मा की पुकार

राज ठाकरे ने यह भी कहा कि “मराठी मानुष” के हित में एकजुट होना कोई मुश्किल बात नहीं है। वहीं उद्धव ठाकरे ने भी यही संकेत दिया कि अगर महाराष्ट्र विरोधियों को किनारे रखा जाए, तो वह पुराने झगड़ों को पीछे छोड़ने के लिए तैयार हैं।

'गठबंधन की नहीं, दिलों की बात हो रही है', राज-उद्धव के बीच नजदीकियों पर बोले संजय राउत

एमएनएस नेता संदीप देशपांडे ने कहा कि लोग राज ठाकरे के बयानों को ज़्यादा गहराई से देख रहे हैं, जितना वो थे। उन्होंने साफ किया कि गठबंधन की बात अभी दूर की कौड़ी है। उन्होंने यह भी तंज कसा कि अगर उद्धव ठाकरे को वाकई पछतावा है कि उनके मुख्यमंत्री काल में 17,000 एमएनएस कार्यकर्ताओं पर लाउडस्पीकर विरोध में केस हुए थे, तो क्या वे अब उन महाराष्ट्र सैनिकों से माफ़ी मांगेंगे?

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