देश में क्या है रोजगार का हाल? रिपोर्ट में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
भारत में बेरोजगारी बहुत बड़ी समस्या है. इसको कम करने के लिए भरसक प्रयास किए जा रहे हैैं, लेकिन नाकाफी साबित हो रहे हैं. इसी बीच एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है.
Employment and Unemployment Rate: चुनाव का मौसम चल रहा है और हर राजनैतिक दल बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी दर की बात कर रहा है. हर साल लाखों रोजगार देने की बात करना पार्टियों की गारंटी बन गया है. लेकिन भारत में बेरोजगारी बढ़ी नहीं, बल्कि घटी है. यह अनुमान एक रिसर्च से सामने आया है. इसके अनुसार, भारत में नौकरियों में बढ़ोतरी देखी गई है. वहीं, बेरोजगारी दर कम हुई है. इतना ही नहीं बेरोजगारी दर घटने का फायदा केवल शहरी इलाकों में ही नहीं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी हुआ है.
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, साल 2022-23 में शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर घटकर 5.4 फीसदी हो गई है. जबकि, इस अवधि में ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी दर घटकर 2.4 प्रतिशत पहुंच गई है. पांच सरकारी संस्थाओं आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस), ईपीएफओ, आरबीआई, एनसीएस पोर्टल और केंद्र सरकार की विभिन्न नौकरी योजनाओं के डेटा पिछले कुछ सालों में नौकरियों में बढ़ोतरी और बेरोजगारी की गिरावट दिखाते हैं. वहीं, पिछले छह सालों का पीएलएफएस डेटा श्रम भागीदारी दर और श्रमिक जनसंख्या अनुपात में सुधार की तरफ इशारा करता है.
पीएलएफएस डेटा बताता है कि पिछले छह साल में रोजगार की दर 46.8 से बढ़कर साल 2022-23 में 56 फीसदी हो गई है. इसके साथ ही साल 2017-18 की श्रम बल की भागीदारी 49.8 से बढ़कर साल 2022-23 में 57.9 प्रतिशत हो गई है. इसके साथ ही इसी अवधि में बेरोजगारी दर 6 प्रतिशत से घटकर 3.2 फीसदी हो गई है और युवाओं का अनइंप्लॉयमेंट रेट घटकर 17.8 से 10 फीसदी हो गया है. इसके साथ ही साल 2022-23 में मांग की तुलना में नौकरियों की तादाद अधिक रहीं.
रिसर्च से पता चला है कि महिलाओं की बेरोजगारी दर में भी गिरावट देखने को मिली है. साल 2017-18 में महिलाओं की बेरोजगारी दर 5.6 फीसदी थी, जो साल 2022-23 में घटकर 2.9 प्रतिशत हो गई है. ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट युवाओं के लिए रोजगार देश में बढ़ती समस्या बनते जा रहा था. लेकिन पीएलएफएस के आंकड़ों से पता चला है कि साल 2017-18 में रोजगार का दर 49.7 फीसदी था, जो साल 2022-23 में बढ़कर 55.8 प्रतिशत हो गया है. इसी अवधि में पोस्ट ग्रेजुएट युवाओं की रोजगार दर भी 67.8 से बढ़कर 70.6 प्रतिशत हो गई है. वहीं, ईपीएफओ से पिछले छह वर्षों में 6.1 नए सदस्य जुड़े हैं.
एनसीएस पोर्टल के अनुसार भी साल 2022-23 की तुलना में जॉब वैकेंसी साल 2023-24 में बढ़कर 214 फीसदी हो गई है. खासकर फाइनेंस, इंश्योरेंस, कंस्ट्रक्शन, मैन्युफैक्चरिंग, ट्रांसपोर्ट, स्टोरेज, आईटी और कम्यूनिकेशन में बड़े पैमाने पर नौकरियों के अवसर पैदा हुए. इसी अवधि में फाइनेंस सेक्टर में 134 प्रतिशत, ऑपरेशन एवं सपोर्ट क्षेत्र में 285 प्रतिशत, आईटी एवं कम्यूनिकेशन में 155 प्रतिशत और शिक्षा क्षेत्र में 121 फीसदी की नौकरियों में बढ़ोतरी देखी गई है.