
सलाखों के पीछे से सोनम वांगचुक का संंदेश, "लेह हिंसा की स्वतंत्र न्यायिक जांच तक जेल में रहना मंजूर"
सोनम वांगचुक ने कहा कि मैं मानसिक और शारीरिक रूप से ठीक हूं। उन्होंने लद्दाख के लिए छठी अनुसूची की लड़ाई जारी रखने का संकल्प जताया
गिरफ्तार लद्दाखी पर्यावरणविद् और शिक्षाविद् सोनम वांगचुक ने लद्दाख के लोगों से अपील की है कि वे शांति और एकता बनाए रखें तथा राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची के तहत संरक्षण की चल रही लड़ाई को गांधीवादी अहिंसक तरीके से आगे बढ़ाएं।
यह संदेश वांगचुक ने लेह एपेक्स बॉडी के कानूनी सलाहकार हाजी मुस्तफा के माध्यम से भेजा, जिन्होंने शनिवार को राजस्थान के जोधपुर जेल में जाकर उनसे मुलाकात की। उनके साथ वांगचुक के बड़े भाई का त्सेतन दोरजे लेय भी मौजूद थे।
वांगचुक ने कहा कि 24 सितंबर की हिंसा में मारे गए चार लोगों की मौत की जांच के लिए स्वतंत्र न्यायिक जांच जरूरी है। उन्होंने कहा कि जब तक यह जांच नहीं होती, वह जेल में रहने को तैयार हैं।
वांगचुक का संदेश
हाजी मुस्तफा ने रविवार को मुलाकात के बाद वांगचुक का “संदेश” अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स (एक्स और फेसबुक) पर साझा किया।
वांगचुक ने कहा, “मैं शारीरिक और मानसिक रूप से ठीक हूं। सभी के स्नेह, चिंता और प्रार्थनाओं के लिए धन्यवाद। जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। घायल और गिरफ्तार लोगों के लिए मेरी दुआएं हैं।”
उन्होंने कहा कि जब तक स्वतंत्र न्यायिक जांच नहीं होती, “मैं जेल में रहने को तैयार हूं।”
वांगचुक ने कहा, “मैं एपेक्स बॉडी, केडीए (कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस) और लद्दाख के लोगों के साथ हमारे वैधानिक संवैधानिक अधिकारों, छठी अनुसूची और राज्य के दर्जे की मांग पर पूरी मजबूती से खड़ा हूं। एपेक्स बॉडी लद्दाख के हित में जो भी निर्णय लेगी, मैं उसके साथ हूं।”
उन्होंने अपील की, “लोग शांति और एकता बनाए रखें और हमारी लड़ाई को सच्चे गांधीवादी अहिंसक तरीके से जारी रखें।”
अदालत में सुनवाई 6 अक्टूबर को
वांगचुक को 26 सितंबर को लेह में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया था, दो दिन पहले लद्दाख में राज्य के दर्जे और छठी अनुसूची की मांग को लेकर हुई हिंसक झड़पों में चार लोगों की मौत और कई घायल हुए थे। प्रशासन ने वांगचुक पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है।
लद्दाख प्रशासन ने हिंसा की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं, लेकिन केडीए और लेह एपेक्स बॉडी ने कहा है कि वे 6 अक्टूबर को केंद्र सरकार के साथ होने वाली बातचीत से दूर रहेंगे, जब तक कि न्यायिक जांच का आदेश नहीं दिया जाता और गिरफ्तार लोगों (जिसमें वांगचुक भी शामिल हैं) को रिहा नहीं किया जाता।
सुप्रीम कोर्ट सोमवार को वांगचुक की पत्नी गीताांजली जे. अंगमो द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें उन्होंने एनएसए के तहत गिरफ्तारी को चुनौती दी है और उनके तुरंत रिहाई की मांग की है।