दिल्ली के CM की जमानत रोकने के लिए लगी पूरी व्यवस्था, यह तानाशाही है: सुनीता केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता ने बुधवार को आरोप लगाया कि पूरी व्यवस्था यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि उनके पति जेल से बाहर न आएं.
Delhi CM Arvind Kejriwal: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता ने बुधवार को आरोप लगाया कि पूरी व्यवस्था यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि उनके पति जेल से बाहर न आएं. उन्होंने कहा कि यह सब तानाशाही और आपातकाल जैसा है. वहीं, आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि जब केजरीवाल को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने की संभावना थी तो भाजपा घबरा गई और उन्हें सीबीआई द्वारा फर्जी मामले में गिरफ्तार करवा दिया.
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को कथित आबकारी नीति घोटाले में केजरीवाल को औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया और भ्रष्टाचार के मामले में 'आप' के राष्ट्रीय संयोजक की पांच दिन की हिरासत मांगी. एक्स पर एक पोस्ट में सुनीता ने कहा कि उनके पति को आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 20 जून को जमानत मिल गई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तुरंत ही उस पर रोक लगा दी.
उन्होंने कहा कि अगले ही दिन सीबीआई ने उन्हें आरोपी बना दिया। और आज उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. पूरी व्यवस्था यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि वह व्यक्ति जेल से बाहर न आए. यह कानून नहीं है यह तानाशाही है. यह आपातकाल है.
'आप' ने की निंदा
'आप' ने एक्स पर लिखे पोस्ट में कहा कि तानाशाह ने क्रूरता की सारी हदें पार कर दीं. आज जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जमानत मिलने की पूरी संभावना थी तो भाजपा घबरा गई और केजरीवाल को फर्जी मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार करवा दिया. सीबीआई केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट ले गई, जहां उनका ब्लड शुगर लेवल बहुत कम हो गया. तानाशाह, चाहे जितना जुल्म कर लो, केजरीवाल न झुकेंगे, न टूटेंगे.
बता दें कि केजरीवाल कथित आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में 1 अप्रैल से जेल में हैं, जिसकी जांच ईडी कर रही है. 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए 21 दिनों की अंतरिम ज़मानत दी थी. 2 जून को वे जेल वापस आ गए. दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 को जुलाई 2022 में केजरीवाल सरकार ने वापस ले लिया था, जब उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इसके निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी.