अवमानना नोटिस किसके खिलाफ जारी करें; नाम बताएं? सुप्रीम कोर्ट की पंजाब सरकार को फटकार
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'अवमानना नोटिस किसके खिलाफ जारी करें; नाम बताएं?' सुप्रीम कोर्ट की पंजाब सरकार को फटकार

Supreme Court reprimanded Punjab government: यह मामला पंजाब प्राइवेटली मैनेज्ड ऐडेड कॉलेज पेंशन स्कीम 1996 के कुछ कर्मचारियों को इस योजना के तहत लाभ देने की मांग से जुड़ा हुआ है.


Supreme Court criticized Punjab government: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पंजाब सरकार की कड़ी आलोचना की. जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस एन के कोटिश्वर की बेंच ने पंजाब सरकार के मुख्य सचिव के एपी सिन्हा को उनके द्वारा कोर्ट के सवालों का सही तरीके से जवाब न देने पर कड़ी फटकार लगाई और कहा कि यह अदालत को गुमराह करने जैसा है. बता दें कि यह मामला पंजाब प्राइवेटली मैनेज्ड ऐडेड कॉलेज पेंशन स्कीम 1996 के कुछ कर्मचारियों को इस योजना के तहत लाभ देने की मांग से जुड़ा हुआ है. क्योंकि, पंजाब सरकार ने इस योजना को औपचारिक रूप से निरस्त कर दिया था. लेकिन बाद में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के सामने यह अंडरटेकिंग दी थी कि इस योजना का लाभ याचिकाकर्ताओं को भी दिया जाएगा.

झूठे बयान

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस ओका ने राज्य सरकार को कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि क्या यह सही नहीं है कि आपने बार-बार कोर्ट को वचन दिया था? क्या यह नहीं कहा गया कि कार्यपालिका द्वारा दिया गया वचन राज्य पर बाध्य नहीं है? यह किस प्रकार का वचन है? कोर्ट ने यह भी कहा कि अब अगर राज्य ने झूठे बयान दिए हैं तो हम अवमानना नोटिस जारी करेंगे.

जस्टिस ओका ने कहा कि अब आप बताइए कि अवमानना नोटिस किसके खिलाफ जारी किया जाए? बार-बार वचन दिए जा रहे हैं. लेकिन पिछले हलफनामे में झूठे बयान दिए गए हैं. क्या हम आपके खिलाफ नोटिस जारी करें या फिर किसी अधिकारी का नाम बताइए, हम उसे नोटिस जारी कर देंगे।.

कोर्ट का कड़ा रुख

जस्टिस ओका और जस्टिस कोटिश्वर की बेंच ने राज्य सरकार के रवैये को लेकर बेहद कड़ी टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि आपको यह हलफनामा आज तक जमा करना चाहिए था, यह इसकी पराकाष्ठा है. बार-बार कोर्ट में बयान दिए जाते हैं, आश्वासन दिए जाते हैं और फिर हमें बताया जाता है कि ये बयान कार्यपालिका द्वारा दिए गए हैं, राज्य द्वारा नहीं. यह सरकार की तरफ से बेशर्मी भरा कृत्य है. कोर्ट ने भविष्य में पंजाब सरकार के वकील द्वारा दिए गए मौखिक बयानों को भी न दर्ज करने की चेतावनी दी.

अवमानना का नोटिस

इस मामले में पंजाब के एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह ने दखल देने की कोशिश की. लेकिन कोर्ट ने उन्हें नकारते हुए सीधे सवाल मुख्य सचिव के एपी सिन्हा से किए. कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि हम अवमानना का मामला जारी करेंगे. पहले हम अवमानना से निपटेंगे, अधिकारियों को जेल भेजेंगे और फिर आपकी बात सुनेंगे. कोर्ट ने सिन्हा से यह भी पूछा कि क्या याचिकाकर्ताओं को योजना का लाभ मिलेगा या नहीं. लेकिन सिन्हा ने इसका कोई भी सीधा उत्तर देने से मना कर दिया.

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