इंडिगो फ्लाइट रद्दीकरण पर SC का हस्तक्षेप से इनकार, HC जाने की सलाह
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इंडिगो फ्लाइट रद्दीकरण पर SC का हस्तक्षेप से इनकार, HC जाने की सलाह

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामला दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित है। राहत न मिले तो याचिकाकर्ता दोबारा SC आ सकता है।


IndiGo Crisis : इंडिगो एयरलाइंस की बड़ी संख्या में फ्लाइट्स रद्द होने को लेकर दायर जनहित याचिका (PIL) पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, 15 दिसंबर को सुनवाई से इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वह अपनी शिकायतों के साथ दिल्ली हाईकोर्ट का रुख करे, जहां इस मामले से जुड़ी एक समान याचिका पहले से लंबित है।


समान याचिका पहले से हाईकोर्ट में

मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची और न्यायमूर्ति विपुल एम. पमचोली शामिल थे, ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट पहले ही इस मुद्दे पर सुनवाई कर रहा है।
पीठ ने याचिकाकर्ता नरेंद्र मिश्रा को हाईकोर्ट में चल रही कार्यवाही में शामिल होने की अनुमति देते हुए कहा कि यदि वहां उनकी शिकायतों का समाधान नहीं होता है, तो वह दोबारा सुप्रीम कोर्ट आ सकते हैं।


इंडिगो की ओर से क्या कहा गया

इंडिगो एयरलाइंस की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने अदालत को बताया कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने फ्लाइट रद्द होने और यात्रियों को हो रही परेशानियों की जांच के लिए 5 दिसंबर को एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है।

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इस याचिका में उठाए गए सभी मुद्दे पहले से ही दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष लंबित हैं, इसलिए याचिकाकर्ता को वहीं अपनी बात रखने की अनुमति दी जाती है।


सुप्रीम कोर्ट का रुख

याचिकाकर्ता नरेंद्र मिश्रा ने अदालत में दलील दी कि लगातार उड़ानें रद्द होने से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा,
“यह एक गंभीर सार्वजनिक मुद्दा है, लेकिन जब हाईकोर्ट इसे देख रहा है, तो वही संवैधानिक मंच है। अगर वहां से राहत नहीं मिलती, तो आप यहां आ सकते हैं।”

इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए कहा था कि केंद्र सरकार स्थिति से अवगत है और कदम उठा रही है।


दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र से पूछे थे सवाल

10 दिसंबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने इंडिगो की बड़े पैमाने पर फ्लाइट रद्दीकरण को लेकर केंद्र सरकार की कथित निष्क्रियता पर सवाल उठाए थे।
हाईकोर्ट ने पूछा था कि हालात को समय रहते क्यों नहीं संभाला गया, जिससे लाखों यात्री फंस गए और दूसरी एयरलाइंस ने किराए बढ़ा दिए।


यात्रियों की परेशानी बनी बड़ा मुद्दा

दिल्ली हाईकोर्ट में दायर PIL में मांग की गई है कि केंद्र सरकार प्रभावित यात्रियों को सहायता और रिफंड दिलाने के निर्देश दे।
इंडिगो का कहना है कि पायलटों के फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों में बदलाव के चलते सैकड़ों उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं।

सरकार और यात्रियों, दोनों की ओर से इंडिगो पर दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है।


(एजेंसी इनपुट के साथ)


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