
मदनी के ‘जिहाद’ बयान पर सुप्रीम कोर्ट के वकील ने भोपाल पुलिस से की शिकायत, FIR की मांग
सुप्रीम कोर्ट वकील विनीत जिंदल ने आरोप लगाया कि मदनी के बयान राष्ट्रीय एकता को ठेस पहुंचाते हैं और सांप्रदायिक तनाव बढ़ा सकते हैं; FIR व जांच की मांग की।
Complaint Against Mehmood Madani : जमियत उलेमा ए हिन्द के अध्यक्ष महमूद मदनी द्वारा कहे गए जेहाद वाले बयान को लेकर सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत सिंघल ने उनके खिलाफ भोपाल पुलिस को एक लिखित शिकायत दी है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि मदनी ने कुछ सार्वजनिक बयानों में राष्ट्रीय प्रतीक और धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाली बातें कहीं, जिनसे सार्वजनिक शांति, समुदायों के बीच सौहार्द और राष्ट्रीय एकता को खतरा पैदा हो सकता है।
शिकायत के मुताबिक मदानी ने वंदे मातरम् के संदर्भ में यह कहा कि “मरे हुए समुदाय आत्मसमर्पण कर देते हैं” और वंदे मातरम् बोलवाने पर “लोग उसे पढ़ना शुरू कर देंगे” शिकायतकर्ता का कहना है कि इस तरह के कथन राष्ट्रीय गीत का अपमान नहीं बल्कि लोगों को भेदभाव और असंतोष के भाव से जोड़ने का कारण बन सकते हैं।
मदनी पर यह भी आरोप है कि उन्होंने सार्वजनिक तौर पर ये भी कहा कि “जब अन्याय होगा तो जिहाद होगा,” और साथ ही भारतीय न्यायालयों पर अल्पसंख्यकों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा न करने का आरोप लगाया। शिकायत में कहा गया है कि ऐसा वक्तव्य न केवल संवेदनशील धार्मिक शब्दावली को हिंसा से जोड़ता है, बल्कि न्याय संस्थाओं के प्रति जनता का भरोसा भी कम कर सकता है।
विनीत जिंदल ने अपनी शिकायत में यह भी लिखा है कि इन बयानों से समुदायों के बीच अविश्वास और वैमनस्य बढ़ सकता है तथा सार्वजनिक उथल-पुथल का खतरा बन सकता है। इसलिए उन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए भोपाल पुलिस से तत्काल संज्ञान लेकर महमूद मदनी के खिलाफ FIR दर्ज करने, संबंधित वीडियो व मीडिया कवरेज और इलेक्ट्रॉनिक सुबूतों की जांच करने तथा कानून के अनुसार आवश्यक कार्रवाई करने का आग्रह किया है।
इन धाराओं के तहत फिर दर्ज करने की मांग की
शिकायत में कथित अपराधों के तहत 2023 के BNS की विभिन्न धाराओं जिनमें समूहों के बीच वैमनस्य बढ़ाने, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और सार्वजनिक शांति भंग करने से जुड़ी धाराएँ शामिल बताई गई हैं, के अन्तर्गत कार्रवाई का अनुरोध किया गया है।
पुलिस ने शिकायत मिलने की पुष्टि की है, लेकिन जांच की प्रकृति और आगे की कार्रवाई के बारे में अभी कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। मामले की कानूनी प्रवाहिका और आगे की पड़ताल जारी रहेगी।
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