NEET-UG: सुप्रीम कोर्ट ने काउंसलिंग पर रोक लगाने से किया इनकार, केंद्र-NTA को जारी किया नोटिस
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NEET-UG: सुप्रीम कोर्ट ने काउंसलिंग पर रोक लगाने से किया इनकार, केंद्र-NTA को जारी किया नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने विवादों से घिरी नीट-यूजी 2024 परीक्षा के लिए 6 जुलाई से शुरू होने वाली काउंसलिंग स्थगित करने से इनकार कर दिया है.


NEET UG Counseling: सुप्रीम कोर्ट ने विवादों से घिरी नीट-यूजी 2024 परीक्षा के लिए 6 जुलाई से शुरू होने वाली काउंसलिंग स्थगित करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि यह कोई 'खुली और बंद' होने वाली प्रक्रिया नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने 5 मई को परीक्षा आयोजित करने में कथित अनियमितताओं को लेकर इसे रद्द करने की मांग वाली याचिका पर राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए), केंद्र और अन्य को नोटिस जारी किया है.

जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एसवीएन भट्टी की अवकाशकालीन पीठ ने परीक्षा के संचालन में अनियमितताओं का आरोप लगाने वाली अन्य लंबित याचिकाओं के साथ इस मामले की सुनवाई आठ जुलाई को तय की है. याचिकाकर्ताओं की तरफ से उपस्थित वकील ने पीठ से आग्रह किया कि काउंसलिंग प्रक्रिया दो दिनों के लिए रोक दी जाए. क्योंकि शीर्ष अदालत 8 जुलाई को इन सभी याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली है. वकील ने तर्क दिया कि मैं काउंसलिंग पर रोक लगाने की मांग नहीं कर रहा हूं. मैं केवल प्रार्थना कर रहा हूं कि 6 जुलाई को होने वाली काउंसलिंग को केवल दो दिनों के लिए रोक दिया जाए. इसका कारण यह है कि मुख्य मामला 8 जुलाई को सूचीबद्ध है.

पीठ ने टिप्पणी की कि हम एक ही बयान सुन रहे हैं. आपको बीच में टोकने के लिए अन्यथा न सोचें. काउंसलिंग का मतलब खुला और बंद होना नहीं है. यह एक प्रक्रिया है. यह प्रक्रिया 6 जुलाई से शुरू होगी. जब पीठ ने काउंसलिंग के पहले दौर की अवधि के बारे में पूछा तो मामले में पेश हुए वकीलों में से एक ने कहा कि यह लगभग एक सप्ताह तक चलेगा. पीठ ने काउंसलिंग प्रक्रिया स्थगित करने से इनकार करते हुए कहा कि एनटीए, केंद्र और अन्य प्रतिवादियों की ओर से उपस्थित वकील दो सप्ताह के भीतर याचिका पर अपना जवाब दाखिल कर सकते हैं. पीठ ने एनटीए को कुछ निर्देश देने की मांग वाली एक अलग अर्जी पर भी विचार किया है.

आवेदक की ओर से पेश हुए वकील ने 23 जून को होने वाली दोबारा परीक्षा का मुद्दा उठाया और आरोप लगाया कि एनटीए ने कुछ महत्वपूर्ण जानकारी छिपाई है. इसके बाद पीठ ने एनटीए के वकील से आवेदन पर जवाब दाखिल करने को कहा और मामले की सुनवाई 8 जुलाई को तय की. केंद्र ने 13 जून को शीर्ष अदालत को बताया था कि एमबीबीएस, बीडीएस और अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए 1,563 नीट-यूजी 2024 उम्मीदवारों को ग्रेस मार्क्स देने का निर्णय रद्द कर दिया गया है और उन्हें 23 जून को फिर से परीक्षा देने का विकल्प दिया जाएगा.

शुक्रवार को सुनवाई के दौरान आवेदक के वकील ने दोबारा परीक्षा का मुद्दा उठाया और कहा कि अभ्यर्थियों को दोबारा परीक्षा देने के तनाव से गुजरना पड़ेगा. पीठ ने कहा कि जब 5 मई की मुख्य परीक्षा को रद्द करने का मौका है तो सबकुछ रद्द किया जा सकता है. पीठ ने वकील से पूछा कि क्या आप उनके बारे में चिंतित हैं या उन अन्य अभ्यर्थियों के बारे में चिंतित हैं, जिन्हें परीक्षा देने की अनुमति नहीं दी जा रही है?

सुप्रीम कोर्ट ने एक अलग याचिका पर भी विचार किया, जिसमें एनटीए को यह निर्देश देने की मांग की गई थी कि वह एक अभ्यर्थी को, जो किसी चिकित्सीय स्थिति से पीड़ित है, दोबारा परीक्षा में बैठने की अनुमति दे. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि 1,563 उम्मीदवारों को फिर से परीक्षा में बैठने की अनुमति देने का निर्णय लेने से पहले ही याचिकाकर्ता ने एनटीए को एक अभ्यावेदन भेजा था. ताकि उसे फिर से परीक्षा देने की अनुमति मिल सके. उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता ने तेलंगाना हाई कोर्ट के समक्ष एक रिट याचिका भी दायर की थी. पीठ ने एनटीए के वकील से कहा कि उसने (याचिकाकर्ता ने) हाई कोर्ट के समक्ष एक रिट याचिका दायर की थी. वहां भी एनटीए ने एक बयान दिया कि वे शाम तक अभ्यावेदन पर फैसला करेंगे और इस आधार पर उसकी याचिका को वापस ले लिया गया है. इसमें कहा गया है कि याचिकाकर्ता को आज सुबह तक एनटीए से उनके अभ्यावेदन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है.

पीठ ने एनटीए और अन्य को नोटिस जारी कर याचिका पर जवाब मांगा है और मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को तय की है. नीट (स्नातक)-2024 परीक्षा पर अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने 18 जून को कहा था कि अगर परीक्षा के संचालन में किसी की ओर से "0.001 प्रतिशत लापरवाही" भी हुई हो, तो उससे पूरी तरह निपटा जाना चाहिए. यह परीक्षा 5 मई को 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी और इसमें करीब 24 लाख उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया था. परिणाम 14 जून को घोषित होने की उम्मीद थी. लेकिन उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन पहले ही पूरा हो जाने के कारण परिणाम 4 जून को घोषित किए गए.

इन आरोपों के कारण कई शहरों में विरोध-प्रदर्शन हुए और प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों के बीच झड़पें हुईं. एनटीए के इतिहास में अभूतपूर्व रूप से 67 छात्रों ने 720 अंक प्राप्त किए, जिसमें हरियाणा के फरीदाबाद के एक केंद्र के छह छात्रों का नाम भी शामिल है, जिससे अनियमितताओं का संदेह पैदा होता है. आरोप लगाया गया है कि ग्रेस मार्क्स की वजह से 67 छात्रों ने शीर्ष रैंक साझा की. एनईईटी-यूजी परीक्षा देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एनटीए द्वारा आयोजित की जाती है.

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