
'कोर्ट में बहस करें, बाहर नहीं' CJI ने उन्नाव रेप केस में दिल्ली हाई कोर्ट जजों पर ऑनलाइन आरोपों की निंदा की
Supreme Court: चीफ जस्टिस सूर्यकांत ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि लोग राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।
Unnao Case: उन्नाव रेप केस में न्याय की राह अब फिर से मजबूत हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट के उस विवादित आदेश को रोक दिया, जिसमें पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की आजीवन सजा को स्थगित कर जमानत दी गई थी। इस सुनवाई के दौरान सोशल मीडिया पर जजों के खिलाफ उठ रही आलोचनाओं को लेकर चीफ जस्टिस सूर्यकांत ने कड़ी चेतावनी दी और कहा कि न्यायपालिका का अपमान कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
हाई कोर्ट के आदेश पर रोक
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को रोकते हुए साफ किया कि सेंगर की जमानत पर फिलहाल रोक रहेगी। इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने हाई कोर्ट की जमानत मंजूरी के खिलाफ आपत्ति जताई थी। सुनवाई के अंत में सेंगर के पक्ष में दलील रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ देव और एन हरिहरन ने कहा कि जमानत देने वाले दोनों जजों के खिलाफ सोशल मीडिया पर आरोप लगाए जा रहे हैं। हरिहरन ने इसे अदालत का अपमान (Contempt of Court) बताया, जबकि देव ने कहा कि ऑनलाइन जजों की तस्वीरें शेयर करके लोगों से ‘इन जजों की पहचान करने’ को कहा जा रहा है, जो बिल्कुल अस्वीकार्य है।
CJI ने जाहिर की चिंता
चीफ जस्टिस सूर्यकांत ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि लोग राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। हम किसी ऊंचे टॉवर में नहीं बैठे हैं। लोग राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश करते हैं, लेकिन सिस्टम को धमकाने की कोशिश न करें। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस तरह के आरोप और सोशल मीडिया पर विवाद अदालत के बाहर नहीं, बल्कि अदालत के भीतर बहस के दौरान उठाए जाने चाहिए।
CBI की टिप्पणी
सुनवाई में CBI का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि दोनों जज कुशल और बेदाग ईमानदारी वाले हैं। उन्होंने कहा कि दोनों जजों की छवि को नुकसान पहुंचाने का कोई भी प्रयास निंदनीय है और उन्होंने दोनों जजों पर पूर्ण भरोसा जताया।
पीड़िता की प्रतिक्रिया
उन्नाव रेप केस की पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर संतोष जाहिर किया और न्यायपालिका पर विश्वास जताया। उन्होंने कहा कि मैं इस फैसले से बहुत खुश हूं। सुप्रीम कोर्ट ने मुझे न्याय दिया है। मैं शुरू से ही न्याय की मांग करती रही हूं। पीड़िता ने आगे कहा कि मैं किसी भी अदालत के खिलाफ कोई आरोप नहीं लगाती। मुझे सभी अदालतों पर विश्वास है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मुझे न्याय दिया और ऐसा करते रहेंगे।

