
CBI जांच के आदेश हाई कोर्ट तब दें जब... सुप्रीम कोर्ट की सलाह
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को सलाह दी है कि रूटीन मैटर में सीबीआई जांच का आदेश ना दें। जब यह लगे कि राज्य पुलिस सही से जांच नहीं कर पाएगी तब फैसला करें
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अदालतों को सीबीआई जांच का आदेश सामान्य रूप से नहीं देना चाहिए और केवल तभी केंद्रीय एजेंसी से जांच करवाने का निर्देश देना चाहिए जब यह प्राथमिक दृष्टि से यह निष्कर्ष निकले कि राज्य पुलिस द्वारा जांच ठीक ढंग से और निष्पक्ष रूप से नहीं की जा सकती।
अदालत ने आगे कहा कि सीबीआई जांच का आदेश देने की यह असाधारण शक्ति अदालत को बहुत ही सावधानीपूर्वक, संयमित और अपवाद स्वरूप परिस्थितियों में ही प्रयोग करनी चाहिए, जब यह आवश्यक हो कि जांच की विश्वसनीयता सुनिश्चित की जाए और लोगों के मन में विश्वास उत्पन्न किया जाए।
एक धोखाधड़ी और जालसाजी के मामले में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा सीबीआई जांच के आदेश को रद्द करते हुए, न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ ने कहा, "उच्च न्यायालयों को केवल उन्हीं मामलों में सीबीआई जांच का निर्देश देना चाहिए, जहाँ प्राथमिक दृष्टि से मौजूद सामग्री से यह स्पष्ट होता हो कि सीबीआई जांच की आवश्यकता है। यह निर्देश सामान्य रूप से या कुछ अस्पष्ट आरोपों के आधार पर नहीं दिया जाना चाहिए। केवल ‘अगर’ और ‘मगर’ जैसी बातें, बिना किसी ठोस निष्कर्ष के, सीबीआई जैसी एजेंसी को सक्रिय करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।”
अदालत ने यह भी कहा कि केंद्रीय एजेंसी से जांच का आदेश ऐसे मामलों में दिया जाना चाहिए, जहाँ घटना के राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय प्रभाव हो सकते हों या जहाँ ऐसा आदेश देना पूर्ण न्याय करने और मौलिक अधिकारों को लागू करने के लिए आवश्यक हो।