सोमवार को उच्चतम न्यायालय में NEET-UG परीक्षा को लेकर सुप्रीम सुनवाई
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सोमवार को उच्चतम न्यायालय में NEET-UG परीक्षा को लेकर सुप्रीम सुनवाई

8 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में NEET-UG 2024 से सम्बंधित याचिकाओं पर सुवाई होगी. खुद मुख्यन्यायाधीश की अध्यक्षता वाली तीन सदसीय बेंच कुल 38 याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली है.


NEET-UG 2024: सोमवार का दिन देश भर के NEET-UG 2024 के अभियार्थियों के लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाला है. दरअसल सोमवार यानी 8 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में NEET-UG 2024 से सम्बंधित याचिकाओं पर सुवाई होगी. खुद मुख्यन्यायाधीश की अध्यक्षता वाली तीन सदसीय बेंच कुल 38 याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली है. इनमें पांच मई को हुई परीक्षा में अनियमितताओं और कदाचार का आरोप लगाने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं, जिनमें परीक्षा को नए सिरे से आयोजित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.

केंद्र और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA ), जो NEET-UG परीक्षा आयोजित करती है, ने हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय को बताया था कि परीक्षा को रद्द करना "प्रतिकूल" होगा और बड़े पैमाने पर गोपनीयता के उल्लंघन के किसी भी सबूत के अभाव में लाखों ईमानदार उम्मीदवारों के भविष्य को "गंभीर रूप से खतरे में डाल देगा".

अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की गई 8 जुलाई की वाद सूची के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ परीक्षा से संबंधित कुल 38 याचिकाओं पर सुनवाई करेगी.

NEET-UG देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए NTA द्वारा आयोजित की जाती है. एनटीए और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय 5 मई को आयोजित परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक से लेकर प्रतिरूपण तक कथित बड़े पैमाने पर गड़बड़ी को लेकर मीडिया में बहस और छात्रों और राजनीतिक दलों के विरोध के केंद्र में रहे हैं.

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और एनटीए ने शीर्ष अदालत में अलग-अलग हलफनामे दायर कर उन याचिकाओं का विरोध किया है, जिनमें परीक्षा रद्द करने, दोबारा परीक्षा कराने और इसमें शामिल सभी मुद्दों की अदालत की निगरानी में जांच कराने की मांग की गई है.

अपने जवाब में उन्होंने कहा कि देश की प्रमुख जांच एजेंसी सीबीआई ने विभिन्न राज्यों में दर्ज मामलों को अपने हाथ में ले लिया है.

शिक्षा मंत्रालय के एक निदेशक द्वारा दायर प्रारंभिक हलफनामे में केंद्र ने कहा, "यह भी कहा गया है कि अखिल भारतीय परीक्षा में गोपनीयता के बड़े पैमाने पर उल्लंघन के किसी भी सबूत के अभाव में, पूरी परीक्षा और पहले से घोषित परिणामों को रद्द करना तर्कसंगत नहीं होगा," मंत्रालय ने कहा, "परीक्षा को पूरी तरह से रद्द करने से 2024 में परीक्षा देने वाले लाखों ईमानदार अभ्यर्थियों को गंभीर नुकसान होगा."

NTA ने अपने अलग हलफनामे में केंद्र के रुख को दोहराया और कहा, "पूरी परीक्षा को रद्द करना, व्यापक जनहित, खासकर योग्य उम्मीदवारों के करियर की संभावनाओं के लिए बेहद प्रतिकूल और काफी हानिकारक होगा." एजेंसी ने कहा कि NEET-UG 2024 परीक्षा पूरी तरह से बिना किसी अवैध व्यवहार के निष्पक्ष और उचित गोपनीयता के साथ आयोजित की गई थी, और परीक्षा के दौरान "बड़े पैमाने पर कदाचार" का दावा "पूरी तरह से निराधार और भ्रामक है,"

मंत्रालय और एनटीए ने कहा है कि परीक्षा में गोपनीयता के बड़े पैमाने पर उल्लंघन का कोई सबूत नहीं मिला है. यह परीक्षा 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर 23 लाख से अधिक अभ्यर्थियों द्वारा ली गई थी. सरकार ने कहा कि उसने एनटीए द्वारा पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष परीक्षा आयोजित करने के लिए प्रभावी उपाय सुझाने के लिए विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है. हलफनामे में कहा गया है कि पैनल परीक्षा प्रक्रिया के तंत्र में सुधार, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल और संरचना में सुधार और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी के कामकाज पर सिफारिशें करेगा.

पहले यह परिणाम 14 जून को घोषित होने की उम्मीद थी, लेकिन उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन जल्दी पूरा हो जाने के कारण परिणाम 4 जून को घोषित कर दिए गए. पेपर लीक सहित अनियमितताओं के आरोपों के कारण कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए तथा प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों के बीच वाद-विवाद हुआ.

केंद्र और एनटीए ने 13 जून को अदालत को बताया कि उन्होंने 1,563 उम्मीदवारों को दिए गए अनुग्रह अंक रद्द कर दिए हैं. उन्हें या तो पुनः परीक्षा देने या समय की हानि के लिए दिए गए प्रतिपूरक अंकों को छोड़ने का विकल्प दिया गया. एनटीए ने 23 जून को आयोजित पुनः परीक्षा के परिणाम जारी करने के बाद 1 जुलाई को संशोधित रैंक सूची की घोषणा की. कुल 67 छात्रों ने 720 अंक प्राप्त किए, जो एनटीए के इतिहास में अभूतपूर्व है, जिसमें हरियाणा के एक केंद्र से छह छात्र भी शामिल हैं, जिससे परीक्षा में अनियमितताओं का संदेह पैदा होता है। आरोप लगाया गया है कि ग्रेस मार्क्स की वजह से 67 छात्रों ने शीर्ष रैंक साझा की. जबकि एनटीए द्वारा 1 जुलाई को संशोधित परिणाम घोषित किए जाने के बाद नीट-यूजी में शीर्ष रैंक साझा करने वाले उम्मीदवारों की संख्या 67 से घटकर 61 हो गई.



(शीर्षक को छोड़कर, इस कहानी को फेडरल स्टाफ द्वारा संपादित नहीं किया गया है और एक सिंडिकेटेड फीड से स्वतः प्रकाशित किया गया है.)

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