जानिये केंद्र सरकार ने किस अभियान से बनाए ''कूड़े से करोड़ों''
2 से 31 अक्टूबर तक चलने वाले विशेष अभियान 4.0 का उद्देश्य प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप 'स्वच्छता' को संस्थागत बनाना और सरकारी कार्यों के लंबित मामलों को कम करना है.
Swachh Bharat Mission : लगभग एक महीने से देश भर में केंद्र सरकार के तमाम दफ्तरों विभागों में विशेष स्वच्छता अभियान चल रहा है. इस अभियान के चलते न केवल केंद्र सरकार के तमाम दफ्तर, विभाग, कार्यालय स्वच्छ बने हैं बल्कि इससे करोड़ों रूपये की कमाई भी हुई है. दावा किया जा रहा है कि विशेष स्वच्छता अभियान के दौरान कबाड़ के निपटारन से केंद्र सरकार को 100 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ है. ये दावा एक सरकारी अधिकारी ने गुरुवार को किया है.
अधिकारी के अनुसार सिर्फ रूपये ही अर्जित नहीं हुए बल्कि विभिन्न केंद्रीय सरकारी विभागों ने अभियान अवधि के दौरान अब तक 12 लाख से अधिक फाइलों का निपटारा किया है, जिसकी वजह से 97.2 लाख वर्ग फुट जगह खाली कराई जा चुकी है.
बता दें कि 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर, 2024 तक चलाया जा रहा विशेष अभियान 4.0, 'स्वच्छता' को संस्थागत बनाने और सरकारी लंबित मामलों को कम करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को क्रियान्वित करता है.
लगभाग पौने तीन लाख कार्यालयों को किया कवर
प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) के सचिव वी. श्रीनिवास ने बताया कि इस अभियान ने अपने क्रियान्वयन के पहले दो सप्ताह के बाद महत्वपूर्ण गति पकड़ ली है और नियमों को आसान बनाने तथा नागरिकों के जीवन को आसान बनाने के संदर्भ में कई नविन सर्वोत्तम अभ्यास देखे गए हैं. यह बात विशेष अभियान के लिए नोडल विभाग है.
वी श्रीनिवास ने पीटीआई-भाषा को बताया कि "अभियान अवधि के दौरान अब तक 2.7 लाख कार्यालयों को कवर किया गया है. कबाड़ निपटान से 101.48 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया गया है. 12,33,638 फाइलों का निपटान किया गया है और 97.2 लाख वर्ग फुट जगह मुक्त कराई गई है."
बीते 3 सालों में कूड़े से अर्जित हुए 1162 करोड़ रूपये
वर्ष 2021-2023 में विशेष अभियान का आकार और पैमाना बढ़ गया है, जिसे 4.5 लाख कार्यालयों में क्रियान्वित किया गया, जिससे 355 लाख वर्ग फुट कार्यालय स्थान मुक्त हुआ और स्क्रैप निपटान से 1,162 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित हुआ.
राजस्थान कैडर के 1989 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी श्रीनिवास ने बताया कि इन विशेष अभियानों के तहत लगभग एक करोड़ भौतिक फाइलों की जांच की गई.
विशेष अभियान 4.0 लंबित मामलों को कम करने के लिए भारत का सबसे बड़ा जी2जी (सरकार से सरकार) अभियान है, जो 31 अक्टूबर को समाप्त होगा.
सिर्फ स्वच्छता ही नहीं बल्कि जनशिकायतों पर भी हो रहा है काम
श्रीनिवास ने कहा, "विशेष अभियान के प्रमुख प्रदर्शन मानदण्डों को अभियान के बाद की अवधि में भी कायम रखा जाएगा तथा सभी मंत्रालयों/विभागों में स्वच्छता के लिए प्रति सप्ताह तीन घंटे का समय समर्पित किया जाएगा."
अभियान के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि 23 अक्टूबर तक 369 नियमों को आसान बनाया गया है तथा 3,86,539 जन शिकायतों का निवारण किया गया है. इसके अलावा, 22,85,564 भौतिक फाइलों तथा 2,96,373 ई-फाइलों की समीक्षा की गई है.
चल रहे अभियान में मंत्रालयों/विभागों और उनके संबद्ध/अधीनस्थ कार्यालयों के अतिरिक्त, सेवा प्रदान करने या सार्वजनिक संपर्क रखने के लिए जिम्मेदार क्षेत्रीय/बाहरी कार्यालयों पर ध्यान केंद्रित किया गया है.
इस वर्ष के विशेष अभियान से अनुकूल कार्य वातावरण के लिए महत्वपूर्ण नवीन पद्धतियां और प्रणालीगत सुधार लाने की उम्मीद है.
(शीर्षक को छोड़कर, इस कहानी को फेडरल स्टाफ द्वारा संपादित नहीं किया गया है और एक सिंडिकेटेड फीड से स्वतः प्रकाशित किया गया है।)
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