आप सुविधा की राजनीति नहीं कर सकते, आरएसएस पर भड़के शंकराचार्य
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आप सुविधा की राजनीति नहीं कर सकते, आरएसएस पर भड़के शंकराचार्य

Swami Avimukteshwaranand Saraswati ने कहा कि आक्रमणकारियों' द्वारा नष्ट किए गए मंदिरों की सूची तैयार करना और 'हिंदू गौरव को बहाल करना जरूरी है।


उत्तराखंड में ज्योतिर्मठ पीठ के शंकराचार्य ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा भारतीयों से मंदिर-मस्जिद विवाद समाप्त करने का आग्रह करने की निंदा की है। उन्होंने मंदिरों के जीर्णोद्धार के मुद्दे पर “राजनीतिक रूप से सुविधाजनक” रुख अपनाने के लिए आरएसएस प्रमुख की आलोचना की।स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने रविवार को भागवत पर इस मुद्दे पर यू-टर्न लेने का आरोप लगाया, क्योंकि जब भाजपा सत्ता में नहीं थी, तब वे अलग लहजे में बोलते थे।

राजनीतिक रूप से सुविधाजनक

हरिद्वार में कहा कि अतीत में "आक्रमणकारियों" द्वारा नष्ट किए गए मंदिरों की सूची तैयार करना और संरचनाओं के पुरातात्विक सर्वेक्षण का आदेश देना आवश्यक है ताकि "हिंदू गौरव को बहाल किया जा सके"।सरस्वती ने 21 दिसंबर को पुणे में भागवत की टिप्पणी के बारे में कहा, "जब उन्हें सत्ता चाहिए थी, तो वे मंदिरों के बारे में बोलते फिरते थे। अब जब उनके पास सत्ता है, तो वे मंदिरों की तलाश न करने की सलाह दे रहे हैं।"आरएसए प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के बाद नए मंदिर-मस्जिद विवाद को उठाना स्वीकार्य नहीं है।

उन्होंने नये मंदिर-मस्जिद विवादों के फिर से उठने पर चिंता व्यक्त की थी और कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद कुछ व्यक्तियों को ऐसा लगने लगा है कि वे ऐसे मुद्दों को उठाकर “हिंदुओं के नेता” बन सकते हैं।

अमित शाह की आलोचना की

इसके अलावा, संत ने कहा कि अतीत में हिंदुओं के खिलाफ बहुत अत्याचार किए गए और उनके धार्मिक स्थलों को नष्ट कर दिया गया।उन्होंने कहा, "अगर अब हिंदू समाज अपने मंदिरों का जीर्णोद्धार और संरक्षण करना चाहता है तो इसमें गलत क्या है?"शंकराचार्य ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संसद में बीआर अंबेडकर पर दिए गए बयान की भी आलोचना की, जिससे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई है।

उन्होंने कहा कि बहुत सारे लोग अंबेडकर की विचारधारा का समर्थन करते हैं, इसलिए हर कोई अपनी राजनीति के लिए उनके नाम का इस्तेमाल कर रहा है।कांग्रेस नेता राहुल गांधी का बचाव करते हुए सरस्वती ने कहा कि संसद के बाहर झड़प शाह की अंबेडकर पर टिप्पणी के कारण हुई।शाह मंगलवार से ही राज्यसभा में संविधान पर बहस के दौरान अंबेडकर के बारे में की गई टिप्पणी को लेकर कई विपक्षी दलों के निशाने पर हैं।

शंकराचार्य का बांग्लादेश पर बयान

उन्होंने बांग्लादेश में अगस्त से हिंदुओं पर हो रहे कथित अत्याचारों की भी निंदा की और केंद्र सरकार से इस मामले में सख्त कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने कहा कि भारत में रह रहे बांग्लादेश के अवैध प्रवासियों को वापस भेजा जाना चाहिए।केंद्र पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए उन्होंने बांग्लादेश से अवैध रूप से आये अप्रवासियों को भारत से बड़े पैमाने पर बाहर निकालने का आह्वान किया।


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