14 x 14 की सेल और सुसाइड वॉच पर तहव्वुर राणा, NIA कर रही पूछताछ
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14 x 14 की सेल और 'सुसाइड वॉच' पर तहव्वुर राणा, NIA कर रही पूछताछ

मुंबई हमलों का आरोपी तहव्वुर राणा इस समय एनआईए की कस्टडी में है। तहव्वुर राणा को सुसाइड वॉच पर रखा गया है। 17 साल की कोशिश के बाद उसे अमेरिका से लाया गया है।


Tahawwur Rana Latest News: 26/11 मुंबई हमले के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक तहव्वुर राणा (64) को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) मुख्यालय की एक उच्च सुरक्षा वाली कोठरी में "सुसाइड वॉच" पर रखा गया है। एक विशेष अदालत द्वारा NIA को उसकी 18 दिन की हिरासत सौंपे जाने के बाद उसे यह सुरक्षा दी गई है।

अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद गुरुवार शाम को राणा को भारत लाया गया। वह अब 24 घंटे मानव और सीसीटीवी निगरानी में है। लोदी रोड स्थित NIA मुख्यालय में सुरक्षा के कड़े और बहु-स्तरीय इंतजाम किए गए हैं। एक सूत्र के अनुसार, "राणा को ग्राउंड फ्लोर की 14x14 फीट की कोठरी में रखा गया है। उसे केवल सॉफ्ट-टिप पेन से लिखने की अनुमति दी गई है ताकि वह खुद को नुकसान न पहुंचा सके।"

शुक्रवार को एनआईए ने राणा से पूछताछ शुरू की ताकि आतंकवादी हमले की बड़ी साजिश का खुलासा हो सके। पूछताछ का फोकस न केवल उसकी आईएसआई से संबंधों पर होगा, बल्कि भारत में मौजूद स्लीपर सेल्स से उसके संबंधों पर भी होगा — विशेष रूप से उसके सहयोगी डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी से जुड़े सेल्स पर। सूत्रों के मुताबिक, हेडली ने पुष्कर, गोवा, दिल्ली और अन्य स्थानों में स्लीपर सेल्स की भर्ती की थी।

कांग्रेस-बीजेपी में क्रेडिट लेने की होड़

जिस दिन 26/11 मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका से भारत लाया गया, कांग्रेस ने दावा किया कि मोदी सरकार ने प्रत्यर्पण प्रक्रिया की शुरुआत नहीं की थी बल्कि उन्हें तो "परिपक्व, निरंतर और रणनीतिक कूटनीति" का लाभ मिला जो यूपीए सरकार के दौरान शुरू हुई थी।

पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने एक बयान में कहा, "जहाँ मोदी सरकार इस उपलब्धि का श्रेय लेने के लिए दौड़ रही है, सच्चाई इससे कोसों दूर है। उन्होंने कहा, "यह प्रत्यर्पण किसी दिखावटी प्रयास का परिणाम नहीं, बल्कि इस बात का प्रमाण है कि जब भारत सरकार ईमानदारी से कूटनीति, कानून और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को साथ लेकर चलती है, तो क्या हासिल कर सकती है।"

चिदंबरम ने आगे बताया, "यह एक दशक से अधिक समय की मेहनत और यूपीए सरकार द्वारा शुरू की गई कानूनी, राजनयिक और खुफिया प्रयासों की परिणति है। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया 11 नवंबर 2009 को शुरू हुई, जब NIA ने नई दिल्ली में डेविड कोलमैन हेडली (अमेरिकी नागरिक), राणा (कनाडाई नागरिक) और 26/11 की साजिश में शामिल अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

उन्होंने यह भी बताया कि कनाडा के विदेश मंत्री ने भारतीय एजेंसियों के साथ सहयोग की पुष्टि की थी, जो यूपीए की प्रभावी विदेश नीति का परिणाम था।2012 में विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद और विदेश सचिव रंजन मथाई ने अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और अंडर सेक्रेटरी वेंडी शेरमन के साथ हेडली और राणा के प्रत्यर्पण का मुद्दा उठाया था। चिदंबरम ने इसे अंतरराष्ट्रीय न्याय को कूटनीति के माध्यम से संभालने का पाठ्यपुस्तक उदाहरण बताया।

चिदंबरम ने कहा कि 2014 में सरकार बदलने के बाद भी जो संस्थागत प्रयास पहले से चल रहे थे, उन्होंने इस मामले को जीवित बनाए रखा।फरवरी 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इस मामले का श्रेय लेने की कोशिश की, जबकि यह पूरी तरह यूपीए काल के वर्षों पुराने प्रयासों का परिणाम था।

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