
राज्यसभा में ट्रंप की टैरिफ धमकी पर सियासी बवाल, सीतारमण ने दी सफाई
Donald Trump tariff threat: ट्रंप की टैरिफ धमकियों ने भारतीय राजनीति को गरमा दिया है. विपक्ष सरकार से जवाब मांग रहा है. जबकि सरकार अपनी तैयारियों को लेकर आश्वस्त है.
US President Donald Trump tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकियों का मुद्दा गुरुवार को राज्यसभा में गूंजा, जहां विपक्षी नेताओं ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि अगर ये धमकियां वास्तविकता में बदलती हैं तो सरकार क्या कदम उठाएगी. कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने ट्रंप की घोषणा का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने 2 अप्रैल को वैश्विक व्यापार को नया रूप देने के लिए व्यापक टैरिफ लगाने का फैसला किया है. ट्रंप ने इस दिन को "लिबरेशन डे" घोषित किया है, जिसमें उनका दावा है कि वह व्यापारिक साझेदारों से बदला लेंगे, जिन्होंने अमेरिका को "लूटा" है.
विपक्ष का सवाल
चिदंबरम ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किए गए ट्रंप के संवाद को उठाते हुए कहा कि ट्रंप ने साफ कहा था कि अगर मोदी जी इसका विरोध करेंगे तो भी उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता, वह भारत पर टैरिफ लगा देंगे. अब यदि ट्रंप 2 अप्रैल को भारत पर टैरिफ लगाते हैं तो सरकार का क्या जवाब होगा? चिदंबरम ने यह भी सवाल किया कि इस मुद्दे पर अभी तक न तो कोई नीति बयान आया है, न संसद में चर्चा हुई है और न ही विपक्ष से कोई परामर्श लिया गया है. सरकार ने अपनी योजना को पूरी तरह से गुप्त रखा है, यदि उनके पास कोई योजना है.
क्या भारत तैयार है?
चिदंबरम ने कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की "खुली नीति" की भी सराहना की और कहा कि यह लोकतंत्र और पारदर्शिता का प्रतीक है. वहीं, ट्रंप के संभावित टैरिफ युद्ध के बारे में चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि यह WTO के नियमों का उल्लंघन होगा और इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान होगा. विकासशील देशों की अर्थव्यवस्थाएं तबाह हो जाएंगी. सीपीआई (मार्क्सवादी) के सांसद जॉन ब्रिटास ने भी सरकार से सवाल पूछा कि क्या सरकार ट्रंप के दबाव का सामना कर पाएगी? हालांकि, भाजपा और उसके सहयोगियों ने सरकार का बचाव किया. भाजपा सांसद रतनजीत प्रताप नारायण सिंह ने कहा कि अभी तक टैरिफ लागू नहीं हुए हैं तो इस पर कोई भी प्रतिक्रिया कैसे दी जा सकती है?
सरकार का बचाव
नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के नेता प्रफुल पटेल ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि हमारी सरकार ट्रंप के दबाव का सामना करने में सक्षम होगी और भारतीय उद्योग और निर्यातकों के हितों की रक्षा करेगी. वहीं, भाजपा नेता घनश्याम तिवारी ने कहा कि कौन डरता है ट्रंप से? हमारे पास नरेंद्र मोदी का 'ट्रंप कार्ड' है, जो दुनिया भर में काम करता है.
सरकार की नीति में बदलाव
चिदंबरम ने कहा कि केंद्रीय बजट में कस्टम ड्यूटी में कटौती, डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के असर के रूप में सामने आई है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कई सामानों पर कस्टम ड्यूटी में कमी की घोषणा की है. जैसे कि यात्री कारों, मोटरसाइकिलों, साइकिलों और खिलौनों पर. चिदंबरम ने सवाल उठाया कि क्या यह सच में नीति में बदलाव है? क्या यह सरकार का दिल से बदलाव है?” मुझे ऐसा नहीं लगता. ट्रंप का प्रभाव है, जो सरकार को इन ड्यूटियों को घटाने के लिए मजबूर कर रहा है.
सरकार का जवाब
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जवाब में कहा कि भारत पहले से ही लगातार कस्टम ड्यूटी घटा रहा है, ताकि देश की निर्माण क्षमता और बैटरी निर्माण के लिए उन्नत रसायन की योजनाओं को बढ़ावा मिले. उन्होंने यह भी कहा कि यह बदलाव ट्रंप के टैरिफ धमकियों से प्रेरित नहीं है. हमने 2023 से ही ड्यूटी घटाने का काम शुरू किया है और इसका वैश्विक परिस्थितियों से कोई लेना-देना नहीं है.