संसदीय दल का नेता चुनने के दौरान हुए नितीश के संबोधन की चर्चा खूब, जानिए किसने क्या कहा
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संसदीय दल का नेता चुनने के दौरान हुए नितीश के संबोधन की चर्चा खूब, जानिए किसने क्या कहा

बीजेपी समेत सभी घटक दलों ने इस बात को दोहराया कि 1962 के बाद नरेंद्र मोदी ही ऐसे नेता हैं, जो लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं. इस दौरान सभी प्रमुख नेताओं ने संबोधन भी किया, जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार का संबोधन सबसे ज्यादा चर्चा में है.


Prime Minister Selection Update: एनडीए संसदीय दल की बैठक में सर्वसम्मति से नरेंद्र मोदी को नेता चुन लिया गया. इसके मायने ये हुए कि एनडीए के सभी घटक दलों ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के तौर पर अपना नेता चुन लिया. इस मौके पर सभी घटक दलों के प्रमुख नेताओं के साथ सभी चुने गए सांसद, अलग अलग राज्यों से बीजेपी के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री भी उपस्थित रहे. एनडीए के घटक दलों ने एकजुटता का संदेश देते हुए ये भी आश्वस्त किया कि बीजेपी ने हमेशा गठबंधन धर्म का पालन किया है. बीजेपी समेत सभी घटक दलों ने इस बात को दोहराया कि 1962 के बाद नरेंद्र मोदी ही ऐसे नेता हैं, जो लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं. इस दौरान सभी प्रमुख नेताओं ने संबोधन भी किया, जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार का संबोधन सबसे ज्यादा चर्चा में है.

यही वजह है कि सबसे पहले नितीश कुमार के संबोधन की ही बात करते हैं

नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में पूरे कार्यकाल के लिए समर्थन देने का आश्वासन तो दिया ही, साथ ही विपक्ष पर भी निशाना साधा. इतना ही नहीं बीच बीच में बिहार पर विशेष ध्यान देने की बात भी कह दी. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मोदी ने 10 साल देश की सेवा की है. मुझे पूरा भरोसा है, जो कुछ बचा है, वो भी ये पूरा कर देंगे. हम पूरे तौर पर इनके साथ रहेंगे. नीतीश ने कहा कि जब अगली बार आइएगा तो जो इधर उधर, जो, ये लोग जीत गए हैं (विपक्ष के लिए) वे भी हारेंगे.

इतना ही नहीं नीतीश ने विपक्ष पर निशाना भी साधा. उन्होंने कहा कि ये लोग बिना मतलब की बात करते हैं. उन लोगों ने आज तक जनता की कोई सेवा नहीं की है. नीतीश ने मोदी से कहा कि आपने इतनी सेवा की है, तभी इस तरह से आपको ये मौका मिला है. इसके बाद उन लोगों(विपक्ष) के लिए कोई गुंजाइश नहीं बची है. इसी बीच उन्होंने दूसरी बार बिहार की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि आपके साथ देश आगे बढ़ेगा और बिहार का भी काम हो जाएगा. इसके बाद वो जब संबोधन समाप्त करके अपनी कुर्सी की तरफ लौटे तो वो प्रधानमंत्री मोदी के पैर छूने के लिए झुके भी लेकिन मोदी ने उन्हें रोक लिया.


अब बात करते हैं संसदीय दल की बैठक में किस तरह से प्रधानमंत्री के नाम पर मोहर लगी और किसने प्रस्ताव रखा

एनडीए संसदीय दल की बैठक में राजनाथ सिंह ने संसदीय दल के नेता पद के लिए नरेंद्र मोदी के नाम का प्रस्ताव रखते हुए कहा कि 1962 के बाद ऐसा पहली बार हो रहा है जब कोई नेता लगातार तीसरी बार भारत का प्रधानमंत्री बनने जा रहा है. उन्होंने कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं कि मोदी जैसे जनकल्याणकारी और संवेदनशील प्रधानमंत्री लगातार तीसरी बार हमें मिलने जा रहा है. राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं बीजेपी के संसदीय दल के नेता, एनडीए के संसदीय दल के नेता और लोकसभा के नेता के तौर पर नरेंद्र मोदी के नाम का प्रस्ताव रखता हूं. इसके बाद एक एक कर अमित शाह, नितिन गडकरी, जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी, टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू, जेडीयू नेता नीतीश कुमार, शिव सेना के एकबात शिंदे, आरएलडी के जयंत चौधरी, एलजेपी के चिराग पासवान सहित सभी सहयोगी दलों के नेताओं ने प्रस्ताव का समर्थन किया.

विपक्ष द्वारा लागातार ये कहा जा रहा है कि एनडीए की ये सरकार ज्यादा लम्बी नहीं चल पायेगी. ख़ास तौर से नितीश कुमार और चन्द्रबाबू नायडू को लेकर कभी भी पलटने का आरोप लगाया जा रहा है. इसे ध्यान में रखते हुए एनडीए के सभी नेताओं की तरफ से कहा गया कि पांच साल चलेगी सरकार. अमित शाह ने जब नरेंद्र मोदी के प्रस्ताव का समर्थन किया तो कहा कि हर तरफ से ये आवाज आई है कि नरेंद्र मोदी अगले पांच साल के लिए देश का नेतृत्व करें. बीजेपी नेता और सहयोगी दल के नेता भी इस बात को लगातार कह रहे हैं कि सरकार पांच साल चलेगी.

चन्द्र बाबू नायडू ने क्या कहा- टीएमसी के प्रमुख चन्द्र बाबू नायडू ने मोदी की तुलना एनटीआर से करते हुए कहा कि मोदी एनटीआर के विज़न को पूरा कर रहे हैं. उन्होंने मोदी की तारीफ की. चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि पीएम ने कभी आराम नहीं लिया. आंध्र प्रदेश में भी लगातार काम किया. आन्ध्र प्रदेश में हुई जीत में उनकी रैली का भी बहुत बड़ा योगदान है. नायडू ने अमित शाह सहित दूसरे मंत्रियों का भी आंध्र प्रदेश में प्रचार करने के लिए धन्यवाद दिया.

एकनाथ शिंदे ने विपक्ष को घेरा- एक नाथ शिंदे ने इस अवसर पर संबोधन करते हुए कहा कि विपक्ष ने झूठा नैरेटिव सेट करके देश की जनता को बरगलाने का भरसक प्रयास किया. लेकिन अधिकांश जनता ने विपक्ष के इस झूठ को नकार दिया है. एलजेपी के नेता चिराग पासवान ने भी एनडीए की जीत का श्रेय मोदी को ही दिया.

मोदी ने कहा सर्वमत की रहेगी कोशिश

प्रधानमंत्री मोदी ने एनडीए के सांसदो को संबोधित करते हुए कहा कि देश की राजनीति के इतिहास में एनडीए जितना प्रीपोल अलायंस इतना सफल कभी नहीं हुआ है. ये गठबंधन की जीत है, हमने बहुमत हासिल किया है. सरकार चलाने के लिए बहुमत आवश्यक है, लेकिन इससे भी ज्यादा जरुरी सर्वमत है ताकि देश चल सके. देशवासियों को भरोसा है कि हम सर्वमत का निरतंर प्रयास करेंगे और देश को आगे ले जाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे. मोदी ने अपने संबोधन में प्रकाश सिंह बादल, बालासाहेब ठाकरे, जॉर्ज फर्नाडिस, शरद यादव का भी जिक्र किया और कहा इन्होंने जो बीज बोया था, वो आज वटवृक्ष बन चुका है.

मोदी ने ये भी कहा कि मैंने पहले भी कहा था कि पिछले 10 साल जो काम किया है, वो ट्रेलर है. ये महज चुनावी बयान नहीं था. कमिटमेंट है. हम और तेजी से काम करेंगे, पहले से ज्यादा डिलीवर करेंगे. मोदी ने कहा कि इस सरकार में एनडीए को न्यू इंडिया, डिवेलप इंडिया, एस्पिरेशनल इंडिया के तौर पर भी जाना जाएगा. ये हमारा संकल्प है और हमारे पास रोडमैप भी है. मोदी ने कहा कि एनडीए ने करप्शन फ्री और रीफॉर्म ओरिएंटेड सरकार दी है, जबकि यूपीए ने जो अब नाम बदलकर आए हैं, उनकी पहचान घोटाले की है. लेकिन देश उनके घोटाले को नहीं भूला है. इंडी गठबंधन वाले एक व्यक्ति के विरोध का अजेंडा लेकर चले और जनता ने उन्हें ही अपोजिशन में बैठा दिया.

राहुल गांधी पर किया करारा प्रहार - प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि दुनिया जानती है कि हम न हारे थे, न हारे हैं. हमारा व्यवहार ही इस बात के लिए काफी है कि हम विजय को पचाना जानते हैं. मोदी ने कहा कि पहले भी एनडीए था, आज भी एनडीए है और आगे भी रहेगा. उन्होंने राहुल गाँधी को लेकर कहा कि दस साल बाद भी कांग्रेस 100 के आंकड़े को पार नहीं कर पायी है. 2014, 2019 और 2024 को जोड़कर उन्हें जितनी सीटें मिली हैं, उससे ज्यादा हमें 10 साल बाद इस चुनाव में मिली है. मोदी ने कहा कि इंडी गठबंधन वाले पहले धीरे धीरे डूब रहे थे लेकिन अब तेज गति से गर्त में जाने वाले हैं. मुझे लगता था कि वे लोकतंत्र का सम्मान करेंगे लेकिन उनमें संस्कार आने में अभी और वक्त लगेगा. ये वहीँ हैं जो अपने प्रधानमंत्री का बयान फाड़ देते हैं.

प्रधानमंत्री ने ईवीएम को लेकर भी विपक्ष पर तंज कसा. मोदी ने कहा कि नतीजों वाले दिन मैं किसी काम में व्यस्त था. आंकड़ो पर इतना ध्यान नहीं था. मैंने किसी से पूछा कि ईवीएम जिंदा है या मर गया. ये लोग (विपक्ष) लगातार ईवीएम को गाली दे रहे थे. मुझे लगा कि इस बार ये लोग ईवीएम की अर्थी निकालेंगे, लेकिन 4 जून को उनके मुंह पर ताले लग गए और ये ताकत है, भारत के लोकतंत्र की. उन्होंने कहा कि अब पांच साल ईवीएम का जिक्र नहीं होगा.

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