बिजली के दो बड़े प्रोजेक्ट के टेंडर अडानी को लाभ पहुंचाने के लिए किये गए तैयार : कांग्रेस
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बिजली के दो बड़े प्रोजेक्ट के टेंडर अडानी को लाभ पहुंचाने के लिए किये गए तैयार : कांग्रेस

जयराम रमेश का कहना है कि इस तरह की निविदाएं एक प्रमुख उद्योग में प्रतिस्पर्धा को रोकेंगी, अल्पाधिकार को बढ़ाएंगी, और दीर्घावधि में कम कीमतों की संभावना को कम करेंगी


Congress On Adani: कांग्रेस ने एक बार फिर से अडानी पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर वार किया है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि देश के दो भाजपा शाशित प्रदेशों में दो बड़े बिजली प्रोजेक्ट अडानी को दिलाने का काम किया गया है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि राजस्थान और महाराष्ट्र में बिजली के दो बड़े प्रोजेक्ट के लिए इस तरह से टेंडर प्रोसेस किया गया कि बोलीदाताओं की संख्या कम हो जाए और अडानी समूह को इसका लाभ मिले. कांग्रेस के संचार प्रभारी और पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में "प्रधानमंत्री के करीबी दोस्तों" को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से निर्णय लिए जा रहे हैं और अब इनकी गति भी बढती जा रही है.


ये लगाये आरोप
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने 'X' पर पोस्ट करते हुए लिखा कि ''भाजपा शासित राज्यों में नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री के क़रीबियों को और अमीर बनाने के उद्देश्य से लिए जाने वाले फैसलों का टेंपो (गति) तेज़ होता जा रहा है. राजस्थान और महाराष्ट्र में दो बड़े बिजली टेंडर इस तरह से डिज़ाइन किए गए हैं ताकि बोली लगाने वालों की संख्या कम हो और करदाताओं का और भी ज़्यादा पैसा मोदानी के पास जाए।.
1. दोनों राज्य सरकारों ने थर्मल और सौर ऊर्जा स्रोतों में बिजली की संयुक्त ख़रीद के लिए टेंडर जारी किए हैं. सम्मिलित रूप से होने वाली इस ख़रीद से बड़े प्लेयर्स (जैसे मोदानी) को लाभ होगा है जो दोनों क्षेत्रों में काम करते हैं. ख़रीद को दो टेंडरों में विभाजित करने से छोटी कंपनियां, विशेष रूप से नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र वाली, कंपिटीशन करने में सक्षम हो जातीं.
2. ये टेंडर मोदानी के प्लान्ड निवेश से पूरी तरह मेल खाती हैं. राजस्थान में जारी टेंडर में स्पष्ट रूप में कहा गया है कि सौर ऊर्जा राज्य के भीतर से ख़रीदी जानी चाहिए - और मोदानी की पहले से ही राजस्थान में एक सोलर प्लांट लगाने की योजना है. महाराष्ट्र में जारी टेंडर अन्य राज्यों में मोदानी के प्लांड निवेश से मेल खाता हुआ दिखता है, जिसमें राष्ट्रीय स्तर पर कहीं से भी बिजली ख़रीदने की इजाज़त है.
इसका नतीजा भी विनाशकारी होने जा रहा है. यह एक प्रमुख उद्योग में प्रतिस्पर्धा को सीमित कर देगा और चंद लोगों के अधिकार को बढ़ावा देगा. साथ ही लंबी अवधि में क़ीमतों के कम होने की संभावना को कम कर देगा. हमेशा की तरह, प्रधानमंत्री के मित्र उपभोक्ताओं और करदाताओं की क़ीमत पर लाभ कमाएंगे.''

मोदी सरकार पर जारी हैं विपक्ष के कटाक्ष
कांग्रेस अडानी समूह के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (इसलिए "मोदानी" शब्द) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा समूह को अपना मुनाफा बढ़ाने के लिए लाभ दिए जाने का आरोप लगाती रही है. विपक्षी पार्टी सरकार पर लगातार हमला कर रही है, ख़ासतौर से अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा उद्योगपति गौतम अडानी के नेतृत्व वाले समूह पर धोखाधड़ी वाले लेनदेन और शेयर-मूल्य हेरफेर सहित कई आरोप लगाए जाने के बाद. इन आरोपों के चलते अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट आई थी. अडानी समूह ने आरोपों को झूठ बताते हुए खारिज कर दिया था.


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