सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन कानून को लेकर हुई सुनवाई में क्या हुआ, समझिये
x

सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन कानून को लेकर हुई सुनवाई में क्या हुआ, समझिये

सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून को लेकर बंगाल में हुई हिंसा को लेकर भी टिपण्णी की और कहा कि जब यहाँ मामला चल रहा था तो बंगाल में ऐसा नहीं होना चाहिए था.


Waqf Amendment Act Petition In Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन कानून के कुछ प्रावधानों पर अंतरिम आदेश जारी करने के संकेत दिए हैं। कोर्ट ने ये इशारा दिया है कि वह तीन अहम मुद्दों पर अंतरिम व्यवस्था दे सकता है।

हालाँकि सुप्रीम कोर्ट आज भी अंतरिम फैसला सुना सकता था लेकिन SG तुषार मेहता ने अदालत से कहा कि आप नोटिस जारी कीजिए। सरकार जबाव देने को तैयार है। आप रोजना सुनवाई करके फैसला दिजिए, सरकार को इस पर कोई आपत्ति नहीं है।

पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट की टिपण्णी

इसके साथ ही महत्वपूर्ण बात यह भी रही कि बेंच ने उठते वक़्त पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा का भी जिक्र किया। कोर्ट ने कहा कि जब मामला यहां चल रहा है, तो ऐसा नहीं होना चाहिए था।


संभावित अंतरिम आदेश के तीन मुख्य बिंदु:

  1. पहले से घोषित वक्फ प्रॉपर्टी की स्थिति यथावत
    जिन संपत्तियों को कोर्ट के आदेश से पहले ही वक्फ घोषित किया जा चुका है — चाहे वह
    Waqf by user
    हो या Waqf by deed — उन्हें नए कानून के तहत डिनोटिफाई नहीं किया जाएगा। यानी उनकी वर्तमान स्थिति को बनाए रखा जाएगा।

  1. कोर्ट ने कहा कि वो अंतरिम आदेश में ये व्यवस्था दे सकता है कि क़ानून के उस प्रावधान पर रोक लगा दी नए , जिसके मुताबिक अगर किसी विवादित वक़्फ प्रॉपर्टी के सरकारी ज़मीन पर होने या न होने की कोई सरकारी अधिकारी जांच कर रहा है तो जांच के जारी रहने के दौरान उस संपत्ति को वक़्फ न माना जाए।

    इसके साथ ही वो अंतरिम आदेश में ये कह सकता है कि पदेन सदस्यों ( Ex offico member) को छोड़कर काउंसिल और बोर्ड के सभी सदस्य मुस्लिम होंगे।


  1. वक्फ बोर्ड और काउंसिल में सदस्यता का सवाल
    सुप्रीम कोर्ट यह कह सकता है कि Ex-officio (पदेन) सदस्यों को छोड़कर वक्फ काउंसिल और बोर्ड के बाकी सभी सदस्य मुस्लिम ही होंगे।

सुनवाई टली, आदेश कल तक

कोर्ट आज अंतरिम आदेश सुनाने वाला था, लेकिन सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अन्य वकीलों के अनुरोध पर सुनवाई कल तक के लिए टाल दी गई। कोर्ट अब कल इस मामले पर फिर से बहस सुनेगा।

सुप्रीम कोर्ट के सरकार से तीखे सवाल

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार से वक्फ संशोधन कानून पर कई सवाल पूछे:


Waqf by user की स्थिति क्या है?
क्या इस कानून के तहत अब Waqf by user संपत्तियों को पूरी तरह अमान्य कर दिया गया है?


इतिहास और व्यावहारिकता का सवाल
अंग्रेजों के आने से पहले कोई रजिस्ट्रेशन सिस्टम नहीं था। जामा मस्जिद जैसी कई मस्जिदें 14वीं-15वीं सदी की हैं और Waqf by user हैं। अब उनसे रजिस्ट्रेशन डीड की मांग करना कितना व्यवहारिक है?


विवादित संपत्तियों पर जांच और अधिकारिता
अगर कोई संपत्ति विवादित है और सरकारी अधिकारी उसकी जांच कर रहे हैं, तो क्या सिर्फ जांच के आधार पर उसे वक्फ संपत्ति मानने से रोका जाना चाहिए? क्या यह मामला सिविल कोर्ट को नहीं सौंपा जाना चाहिए?


Waqf by user की वैधता पर टिप्पणी
सिर्फ इसलिए कि संपत्ति Waqf by user है, यह नहीं माना जा सकता कि वह अवैध है। बहुत सी पुरानी संपत्तियां रजिस्ट्रेशन के बिना ही वक्फ घोषित की गई थीं। कोर्ट ने Privy Council के फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि Waqf by user को पहले मान्यता दी गई है।


बोर्ड में सदस्यता को लेकर समानता का सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा कि अगर आप वक्फ काउंसिल और बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को शामिल करने की बात कर रहे हैं, तो क्या आप हिंदू धर्मार्थ बोर्डों (जैसे तिरुपति मंदिर बोर्ड) में मुस्लिम सदस्यों को शामिल करेंगे?


केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में क्या क्या कहा गया?


सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सरकार की तरफ से दलील पेश करते हुए कहा कि नया कानून लंबी प्रक्रिया और बहस के बाद बना है। एक संयुक्त संसदीय समिति( JPC ) बनायीं गयी थी। उसकी 38 बैठकें हुईं। समिति ने 98.2 लाख सुझाव वाले ज्ञापनों को देखा। तब कहीं जाकर यह क़ानून दोनों सदनों में पारित हुआ।

इस पर भारत के मुख्यन्यायधीश ने तुषार मेहता से सवाल किया कि क्या waqf by user को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है?

जवाब में SG तुषार मेहता ने कहा कि ये बात सही नहीं है।

CJI ने पूछा कि संशोधन कानून से पहले जो प्रोपर्टी user के आधार पर वक़्फ़ हुई क्या वो अब वक्फ नहीं रहेगी?

SG तुषार मेहता ने कहा कि अगर वो प्रॉपर्टी रजिस्टर्ड हो चुकी है उस पर कोई असर नहीं होगा। वो वक़्फ़ की प्रॉपर्टी रहेगी। लेकिन अगर प्रोपर्टी रजिस्टर नहीं है, तो उसे यू ही वक़्फ़ नहीं माना जाएगा।


Read More
Next Story