लोकसभा में केंद्रीय बजट 2024 पास, वित्त मंत्री ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों का दिया जवाब
लोकसभा ने केंद्र सरकार के 2024-25 के लिए 48.21 लाख करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दे दी है. निचले सदन ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के बजट को भी ध्वनिमत से मंजूरी दी.
Union Budget 2024: लोकसभा ने केंद्र सरकार के 2024-25 के लिए 48.21 लाख करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दे दी है. निचले सदन ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के बजट को भी ध्वनिमत से मंजूरी दी. केंद्रीय बजट और जम्मू-कश्मीर के बजट को लोकसभा ने ध्वनिमत से पारित कर दिया. संबंधित विनियोग विधेयक भी सदन द्वारा पारित किए गए. बहस का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा 2024-25 के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.9 प्रतिशत और 2025-26 तक 4.5 प्रतिशत से नीचे लाने का प्रस्ताव है.
वहीं, बजट में बहस के दौरान राहुल गांधी ने मोदी सरकार 3.0 पर हमला करने के लिए महाभारत के 'चक्रव्यूह' का हवाला दिया. उन्होंने परंपरा के अनुसार केंद्रीय बजट पेश करने से पहले वित्त मंत्रालय में आयोजित 'हलवा समारोह' की एक तस्वीर निकाली. उन्होंने कहा कि इस तस्वीर में बजट का हलवा बांटा जा रहा है. मुझे इसमें एक भी ओबीसी, आदिवासी या दलित अधिकारी नहीं दिख रहा है.
वहीं, सीतारमण ने हलवा समारोह के महत्व के बारे में भी विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि यह बजट मुद्रण प्रक्रिया की शुरुआत का प्रतीक है और इसे बजट दस्तावेजों को ने संकलित करने के कठिन कार्य में शामिल अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रति प्रशंसा के संकेत के रूप में देखा जाता है. समारोह के बाद बजट बनाने की प्रक्रिया में शामिल अधिकारी और कर्मचारी संसद में बजट पेश होने तक अपने कार्यालयों तक ही सीमित रहते हैं. उन्होंने कहा कि इस एकांत का उद्देश्य गोपनीयता बनाए रखना और बजटीय प्रस्तावों के किसी भी लीक या समय से पहले खुलासे को रोकना है. बजट बनाने की प्रक्रिया में इस अनुष्ठान को शामिल करके यह समारोह परंपरा और आधुनिक शासन प्रथाओं के बीच की खाई को पाटता है.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि पार्टी भले ही अब किसानों के लिए "मगरमच्छ के आंसू" बहा रही हो. लेकिन यूपीए-1 सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) निर्धारित करने के लिए किसानों पर राष्ट्रीय आयोग की सिफारिश को खारिज कर दिया था. कांग्रेस पार्टी के किसानों का समर्थन करने के मौजूदा दावों के बावजूद, यूपीए सरकार ने 2007 में एमएस स्वामीनाथन रिपोर्ट को खारिज कर दिया था. किसानों पर राष्ट्रीय आयोग ने 2006 में सिफारिश की थी कि न्यूनतम समर्थन मूल्य उत्पादन की भारित औसत लागत से 50% अधिक होना चाहिए. इसे यूपीए सरकार ने स्वीकार नहीं किया. कांग्रेस पार्टी किसानों के बारे में मगरमच्छ के आंसू बहा सकती है. लेकिन पिछले 10 वर्षों में कोई कार्यान्वयन नहीं किया गया. सीतारमण ने कांग्रेस पार्टी पर व्यापक फसल बीमा के बारे में खोखले वादे करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे, जिन्होंने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू की थी. वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस पार्टी वादा करती है कि वे व्यापक फसल बीमा लाएंगे. लेकिन प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के पीछे कौन है, प्रधानमंत्री मोदी.
वहीं, संसद में अपने केंद्रीय बजट को लेकर विपक्ष के निशाने पर रहीं केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मैं 2004-05 से ही बजटों पर नजर रख रही हूं. साल 2004-05 में बजट भाषण में 17 राज्यों का नाम नहीं था. 2006-07 में 16 राज्यों का नाम नहीं था. 2009 में 26 राज्यों का नाम नहीं था - बिहार और यूपी. बजट पर बहस का जवाब देते हुए उन्होंने कहार कि मैं यूपीए सरकार से पूछना चाहती हूं - क्या उन राज्यों को पैसा नहीं मिला. मैं विनम्रतापूर्वक कहना चाहती हूँ कि सभी सदस्य जानते हैं कि अगर किसी राज्य का नाम नहीं लिया गया तो इसका मतलब यह नहीं है कि उन्हें पैसा नहीं मिलेगा. यह एक भ्रामक अभियान है. मुझे यह जानकर दुख होता है कि वे कह सकते हैं कि अगर आपने किसी राज्य का नाम नहीं लिया है तो उसे कुछ नहीं मिलेगा.
वित्त मंत्री ने कहा कि अगर आप डेटा को विकृत करना चाहते हैं, डर की भावना पैदा करना चाहते हैं तो आप डेटा को विकृत कर सकते हैं. पिछले कुछ सालों में हमारे मंत्री हर राज्य में जाते हैं और बताते हैं कि किस राज्य को कितना दिया गया है. मंत्री ने सामाजिक क्षेत्र और कल्याणकारी योजनाओं की अनदेखी के आरोपों का जवाब देने के लिए इस साल और पिछले साल के कई आंकड़े भी पढ़े. राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्ष ने भी आरोप लगाया है कि किसानों, छोटे व्यापारियों और एमएसएमई के लिए कुछ नहीं है. कृषि और किसान कल्याण विभाग के लिए बजट आवंटन 2013-2014 में केवल 21,934 करोड़ रुपये था. हालांकि, 2024-2025 में यह बढ़कर 1.23 लाख करोड़ रुपये हो गया है. मंत्री ने कहा कि यह पांच गुना वृद्धि है. पीएम किसान के लॉन्च होने के बाद से 11 करोड़ से अधिक किसानों को 3.2 लाख करोड़ रुपये से अधिक का वितरण किया गया है.
वहीं, प्रियंका गांधी के जाति जनगणना 80% लोगों की मांग वाली टिप्पणी का सांसद अनुराग ठाकुर जवाब देते हुए कहा कि जो अपनी जाति नहीं जानते, वो जनगणना की बात करते हैं. इसके बाद विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने अनुराग ठाकुर पर केंद्रीय बजट पर चर्चा के दौरान लोकसभा में उनका अपमान करने और गाली देने का आरोप लगाया. ठाकुर के इस कटाक्ष पर कि जिनकी जाति नहीं पता, वे जाति जनगणना की बात करते हैं, गांधी ने कहा कि जो भी आदिवासी, दलित और पिछड़ों के मुद्दे उठाता है, उसे गाली दी जाती है. जिनकी जाति नहीं पता, वे जाति जनगणना की बात करते हैं.
गांधी ने कहा कि आप मुझे जितना चाहें अपमानित कर सकते हैं. लेकिन हम संसद में जाति जनगणना पारित करेंगे. बाद में ठाकुर ने कहा कि उन्होंने अपनी टिप्पणी में किसी का नाम नहीं लिया. मैंने कहा था कि जो जाति के बारे में नहीं जानता, वह जनगणना की बात करता है. हालांकि, उन्होंने कहा कि वह उनसे कोई माफी नहीं चाहते.
VIDEO | Monsoon Session: “Those whose caste is not known, talks about the caste census. I want to remind the Speaker that in this House itself, a former prime minister RG-1 had opposed reservation for OBCs,” says BJP MP Anurag Thakur (@ianuragthakur) in Lok Sabha.
— Press Trust of India (@PTI_News) July 30, 2024
“You can… pic.twitter.com/MPaFnDECB8