
कुलदीप सेंगर को मिली राहत पर SC की नजर, उन्नाव रेप केस में 29 दिसंबर को सुनवाई
2017 Unnao case: सीबीआई की याचिका के अलावा सुप्रीम कोर्ट इस मामले में एक अलग याचिका पर भी सुनवाई करेगा।
Unnao rape case: उन्नाव रेप केस एक बार फिर देश की सबसे बड़ी अदालत के दरवाज़े पर है। दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा दोषी करार दिए गए पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा निलंबित किए जाने के खिलाफ अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने जा रही है। इस फैसले ने न सिर्फ कानूनी बल्कि राजनीतिक हलकों में भी हलचल तेज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट अब दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ दाखिल सीबीआई की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 29 दिसंबर को सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट की 29 दिसंबर की कारण सूची (कॉज लिस्ट) के अनुसार, इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश सूर्य कांत की अध्यक्षता वाली पीठ करेगी। इस पीठ में न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह भी शामिल होंगे।
दिल्ली हाई कोर्ट के बाहर प्रदर्शन
इस बीच दिल्ली हाई कोर्ट के बाहर कुलदीप सेंगर की सजा निलंबन के खिलाफ प्रदर्शन भी किया गया। प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा बलों को तैनात किया गया था। यह प्रदर्शन सेंगर को दी गई राहत के विरोध में हुआ।
अन्य याचिकाएं भी सूचीबद्ध
सीबीआई की याचिका के अलावा सुप्रीम कोर्ट इस मामले में एक अलग याचिका पर भी सुनवाई करेगा। यह याचिका अधिवक्ता अंजली पटेल और पूजा शिल्पकर द्वारा दाखिल की गई है, जिसमें दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है।
हाई कोर्ट ने निलंबित की थी सजा
दिल्ली हाई कोर्ट ने 23 दिसंबर को कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा को निलंबित कर दिया था। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि सेंगर इस मामले में पहले ही सात साल और पांच महीने की जेल काट चुके हैं। सीबीआई ने इस आदेश को 26 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने सेंगर की सजा को उनकी अपील के निपटारे तक के लिए निलंबित किया है। सेंगर ने दिसंबर 2019 में ट्रायल कोर्ट द्वारा सुनाए गए दोषसिद्धि और सजा के फैसले को चुनौती दी है।
जेल में ही रहेंगे कुलदीप सेंगर
हालांकि, सजा निलंबन के बावजूद कुलदीप सिंह सेंगर फिलहाल जेल में ही रहेंगे। वह उन्नाव रेप पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत (कस्टोडियल डेथ) के मामले में 10 साल की सजा काट रहे हैं।
जमानत पर कड़ी शर्तें
दिल्ली हाई कोर्ट ने सजा निलंबन के साथ कई शर्तें भी लगाई हैं। कोर्ट ने सेंगर को 15 लाख रुपये का निजी मुचलका और उतनी ही राशि के तीन जमानती देने का आदेश दिया है। इसके अलावा कोर्ट ने उन्हें दिल्ली में पीड़िता के निवास स्थान से 5 किलोमीटर के दायरे में आने से मना किया है। साथ ही पीड़िता या उसकी मां को धमकी देने पर भी सख्त रोक लगाई गई है। कोर्ट ने साफ कहा है कि शर्तों का उल्लंघन होने पर जमानत रद्द कर दी जाएगी। उन्नाव रेप केस और उससे जुड़े अन्य मामलों को 1 अगस्त 2019 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उत्तर प्रदेश से दिल्ली ट्रांसफर किया गया था।
कस्टोडियल डेथ केस में भी अपील लंबित
कुलदीप सिंह सेंगर ने पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में भी अपनी सजा के खिलाफ अपील दाखिल कर रखी है। इस अपील में उन्होंने यह दलील दी है कि वह पहले ही काफी समय जेल में बिता चुके हैं और इसी आधार पर सजा निलंबन की मांग की है।

