UPSC Lateral Entry: विज्ञापन रद्द होने पर बोली कांग्रेस, बीजेपी की योजना हुई विफल
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UPSC Lateral Entry: विज्ञापन रद्द होने पर बोली कांग्रेस, बीजेपी की योजना हुई विफल

कांग्रेस ने यूपीएससी द्वारा सरकारी नौकरियों में लेटरल एंट्री के लिए विज्ञापन रद्द करने के कदम का स्वागत किया है.


Congress on UPSC Lateral Entry: कांग्रेस ने मंगलवार को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा सरकारी नौकरियों में लेटरल एंट्री के लिए विज्ञापन रद्द करने के कदम का स्वागत किया है. वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस कदम को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और अन्य इंडिया ब्लॉक सहयोगियों के नेतृत्व में 'सामाजिक न्याय की लड़ाई' का परिणाम बताया और कहा कि भाजपा की 'आरक्षण छीनने' की योजना विफल हो गई है.

खड़गे की यह टिप्पणी केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह द्वारा यूपीएससी अध्यक्ष प्रीति सूदन से विज्ञापन रद्द करने के अनुरोध के बाद आई है. खड़गे ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि लेटरल एंट्री पर मोदी सरकार का पत्र दिखाता है कि केवल संविधान की शक्ति ही तानाशाही सत्ता के अहंकार को हरा सकती है. खड़गे ने अपनी पोस्ट में राहुल गांधी को टैग करते हुए लिखा कि कांग्रेस, राहुल गांधी और इंडिया गठबंधन के दलों के अभियान के कारण सरकार ने एक कदम पीछे लिया है. लेकिन जब तक भाजपा-आरएसएस सत्ता में है, तब तक वह आरक्षण छीनने के लिए नए-नए हथकंडे अपनाती रहेगी. हम सभी को सावधान रहना होगा.

बता दें कि कांग्रेस केंद्रीय मंत्रालयों में शीर्ष पदों के लिए लेटरल एंट्री की आलोचना कर रही थी. राहुल गांधी ने लेटरल एंट्री प्रावधान को "राष्ट्र-विरोधी कदम" करार दिया था. राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि कांग्रेस ने भाजपा की "साजिशों" को विफल कर दिया. हम हर कीमत पर संविधान और आरक्षण प्रणाली की रक्षा करेंगे. हम किसी भी कीमत पर भाजपा की 'लेटरल एंट्री' जैसी साजिशों को विफल करेंगे. मैं फिर से कह रहा हूं - 50% आरक्षण सीमा को तोड़कर, हम जाति के आधार पर सामाजिक न्याय सुनिश्चित करेंगे. जय हिंद.

उन्होंने अन्य एक्स पोस्ट में कहा कि भारत की जनता ने संविधान और लोकतंत्र को बचा लिया है. देश की वंचित और गरीब आबादी अपने अधिकारों की रक्षा के लिए INDIA के साथ खड़ी हो गयी. गठबंधन के सभी साथियों और कांग्रेस के बब्बर शेर कार्यकर्ताओं को बधाई.

बता दें कि मंगलवार को यूपीएससी अध्यक्ष को लिखे अपने पत्र में जितेंद्र सिंह ने कहा कि संविधान में निहित समानता और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के साथ तालमेल बिठाने के लिए लेटरल एंट्री की आवश्यकता थी. विशेष रूप से आरक्षण के प्रावधान के संबंध में. पत्र में कहा गया कि चूंकि इन पदों को विशिष्ट माना गया है और एकल-कैडर पदों के रूप में नामित किया गया है. इसलिए इन नियुक्तियों में आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है.

यूपीएससी ने अनुबंध के आधार पर लेटरल एंट्री मोड के माध्यम से भरे जाने वाले 45 पदों - 10 संयुक्त सचिवों और 35 निदेशकों/उप सचिवों के लिए विज्ञापन दिया था. हालांकि, केंद्र विकल्पों पर पुनर्विचार कर रहा है.

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