अविश्वास प्रस्ताव ‘सब्जी काटने वाले चाकू’ से भी बदतर: उपराष्ट्रपति धनखड़
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अविश्वास प्रस्ताव ‘सब्जी काटने वाले चाकू’ से भी बदतर: उपराष्ट्रपति धनखड़

Jagdeep Dhankhar: धनखड़ ने कहा कि जब उन्होंने नोटिस पढ़ा तो वे हैरान रह गए. उन्होंने कहा कि यह “सब्जी काटने वाला चाकू भी नहीं था; यह जंग लगा हुआ था”.


Jagdeep Dhankhar attacking India Block: जब से विपक्षी इंडिया ब्लॉक (India Block) ने भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) के खिलाफ पद से हटाने को लेकर प्रस्ताव पेश किया है. तब से ही उपराष्ट्रपति विपक्ष को लेकर हमलावर नजर आ रहे हैं. इसी बीच धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को कोट करते हुए कहा है कि सब्जी काटने वाले चाकू का इस्तेमाल कभी भी बाईपास सर्जरी के लिए नहीं किया जाना चाहिए. लेकिन उन्हें राज्यसभा के सभापति के पद से हटाने के लिए विपक्ष द्वारा दिया गया नोटिस सब्जी काटने वाला चाकू भी नहीं है; वह जंग लगा हुआ है.

विपक्षी दल इंडिया ब्लॉक (India Block) द्वारा दिए गए नोटिस पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने मंगलवार को कहा कि उपराष्ट्रपति के खिलाफ़ नोटिस को देखिए. उन्होंने जो छह लिंक दिए हैं, उन्हें देखिए. आप चौंक जाएंगे. चंद्रशेखर जी ने एक बार कहा था कि 'बाईपास सर्जरी के लिए कभी भी सब्ज़ी काटने वाले चाकू का इस्तेमाल न करें.' नोटिस सब्ज़ी काटने वाला चाकू भी नहीं था; उसमें जंग लगी हुई थी. इसमें जल्दबाज़ी थी.

धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने महिला पत्रकारों के एक समूह से कहा कि जब मैंने इसे पढ़ा तो मैं हैरान रह गया. लेकिन मुझे इससे भी ज़्यादा आश्चर्य इस बात पर हुआ कि आपमें से किसी ने भी इसे नहीं पढ़ा. अगर आपने पढ़ा होता तो आप कई दिनों तक सो नहीं पाते.

सुनना भी ज़रूरी

अभिव्यक्ति के अधिकार की जरूरत पर बल देते हुए और इसे लोकतंत्र की परिभाषा बताते हुए धनखड़ ने इस बात पर जोर दिया कि दूसरे पक्ष को भी सुनना महत्वपूर्ण है. धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने कहा कि अपनी वाक्-तंत्री का इस्तेमाल करने से पहले, अपने कानों को दूसरे के दृष्टिकोण को सुनने का मौक़ा दें. इन दो तत्वों के बिना लोकतंत्र न तो पोषित हो सकता है और न ही फल-फूल सकता है. धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने कहा कि किसी भी संवैधानिक पद को उत्कृष्टता, उत्कृष्ट गुणवत्ता और संवैधानिकता के प्रति प्रतिबद्धता से प्रमाणित किया जाना चाहिए.

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, उन्होंने कहा कि हम हिसाब बराबर करने की स्थिति में नहीं हैं. क्योंकि लोकतंत्र की सफलता के लिए दो चीजें अपरिहार्य हैं: अभिव्यक्ति और संवाद.

गलत कारणों से खबरों में संसद

उपराष्ट्रपति ने ‘राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचाने’ के प्रयासों के प्रति आगाह करते हुए कहा कि इन्हें उन ताकतों द्वारा सुनियोजित तरीके से बढ़ावा दिया जा रहा है, जो देश के हितों के प्रतिकूल हैं. उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य हमारी संवैधानिक संस्थाओं को ईंट से ईंट बजाकर नष्ट करना है, राष्ट्रपति पद को बदनाम करना है और ध्यान रहे, राष्ट्रपति कौन है? इस देश की राष्ट्रपति बनने वाली पहली आदिवासी महिला.

संसदीय बहसों का जिक्र करते हुए धनखड़ ने कहा कि दोनों सदन गलत कारणों से चर्चा में हैं. उन्होंने कहा कि मीडिया द्वारा जवाबदेही लागू की जानी चाहिए. क्योंकि यह लोगों तक पहुंचने का एकमात्र साधन है. मीडिया लोगों के साथ तालमेल बिठा सकता है और जनप्रतिनिधियों पर दबाव बना सकता है.

बता दें कि इंडिया ब्लॉक (India Block) ने धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) को राज्यसभा के सभापति पद से हटाने के लिए प्रस्ताव दायर किया था, जिसमें दावा किया गया था कि धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) राज्यसभा का संचालन करने में पक्षपातपूर्ण थे. क्योंकि उन्होंने विपक्षी सांसदों को सोनिया गांधी-जॉर्ज सोरोस मुद्दे पर सत्ता पक्ष के सांसदों के हमलों का जवाब देने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. हालांकि, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने कई आधारों पर नोटिस को खारिज कर दिया, जिसमें धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) का नाम गलत लिखा जाना और अनिवार्य 14 दिन की नोटिस अवधि पूरी न होना शामिल है. उन्होंने यह भी दावा किया कि धनखड़ के खिलाफ़ एक “नैरेटिव” बनाने के लिए यह प्रस्ताव पेश किया गया था.

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