देश में सम्पति के मामले में तीसरे नम्बर पर आता है वक्फ बोर्ड, जानिये वक्फ के बारे में
केंद्र सरकार ने लोकसभा में वक्फ बोर्ड संशोदन विधयेक पेश किया है. केंद्र सरकार का कहना है कि ये विधयेक सच्चर कमिटी की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए बना है. वहीँ मुस्लिम पेसोनल लॉ बोर्ड ने इसका विरोध जताया है.
Waqf Amendment Bill: इन दिनों वक्फ बोर्ड की चर्चा जोरों पर है. वजह है मोदी सरकार द्वारा वक्फ बोर्ड अधिनियम में संशोधन विधेयक लाना. सरकार के इस कदम को कुछ लोग वक्फ बोर्ड के अधिकार छिनने वाला कदम बता रहे हैं, तो कुछ इसे जन कल्याण से जुड़ा बता रहे हैं. इस सबके बीच ये समझते हैं कि आखिर वक्फ बोर्ड है क्या और इसकी संपत्ति कौनसी होती है. अगर भारत देश की बात करें तो संपत्ति ( जमीन ) के मामले में वक्फ बोर्ड का नम्बर सेना और रेलवे के बाद आता है. पूरे देश में वक्फ बोर्ड के पास लगभग 9 लाख 40 हजार एकड़ भूमि है, जिस पर वक्फ बोर्ड की संपत्ति है.
बात को विस्तार देने से पहले जानते हैं कि आखिर वक्फ बोर्ड क्या होता है?
वक्फ अलल औलाद
वक्फ अलल औलाद के मायने ये हैं कि वो ज़मीन-जायदाद जो कोई मुस्लिम दान कर देता है. इसे अल्लाह की सम्पति की कहते हैं. दान की संपत्ति का इस्तेमाल जन-कल्याण के लिए किया जाना चाहिए. हालाँकि उसका मैनेजमेंट दानदाता के परिवार के पास रहता है. परिवार के सदस्य इस ज़मीन को अब बेच नहीं सकते. हाँ इतना जरुर है कि वो संपत्ति के इस्तेमाल पर फ़ैसला ले सकते हैं.
1954 में गठित हुआ था वक्फ बोर्ड
वक्फ बोर्ड की बात करें तो वर्ष 1954 में वक्फ बोर्ड अधिनियम पारित हुआ था. इसके बाद इस बोर्ड को कुछ और अधिकार दिए गए, जिसके चलते 1995 में वक्फ अधिनियम में संशोधन हुआ. अब इसकी सम्पति की बात करें तो देश भर में वक्फ बोर्ड की 8.7 लाख से ज्यादा संपत्तियां हैं, जो 9.4 लाख एकड़ में फैली हुई हैं. भारत में दो तरह के वक्फ बोर्ड हैं, शिया और सुन्नी.
मुस्लिम पर्सनल बोर्ड का क्या है कहना
केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश कर दिया है. लेकिन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से पहले ही ये साफ किया जा चुका है कि वक्फ बोर्ड की कानूनी स्थिति और शक्तियों में किसी तरह का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. वहीं सरकार की तरफ से ये कहा गया है कि पेश विधेयक सच्चर कमिटी की सिफारिशों को देखते हुए तैयार किया गया है. इस विदेय्क से इनके कामकाज में अधिक जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित हो पाएगी, साथ ही महिलाओं की भागीदारी को भी महत्व दिया गया है.
वक्फ बोर्ड के दावे के बाद किसी जमीन पर हक पाना हो जाता है मुश्किल
अभी की बात करें तो 1995 में हुए संशोधन के बाद वक्फ बोर्ड के पास असीमित अधिकार हैं. वक्फ की संपत्तियों को विशेष दर्जा प्राप्त रहता है. ये दर्जा अन्य किसी भी ट्रस्ट से ऊपर होता है. बोर्ड के पास ये अधिकार है कि वो किसी भी संपत्ति की जांच कर सकता है. अगर बोर्ड संपत्ति पर अपना दावा कर दे तो उसे उलटना बेहद मुश्किल होता है. इस बोर्ड के पास एक एक्ट है, जो है वक्फ एक्ट. इसके सेक्शन 85 को असीम शक्ति प्रदान की गयी है. इस सेक्शन के तहत लिए गए बोर्ड के फैसले को हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती नहीं मिल सकती.
अब करते हैं वक्फ के पास मौजूद अकूत सम्पति की बात
हमारे देश में सेना और रेलवे के पास सबसे ज्यादा सम्पति ( जमीन ) है. इसके बाद अगर किसी का नम्बर आता है तो वो है वक्फ बोर्ड. वक्फ के पास 8 लाख 70 हजार संपत्तियां हैं. देश के अधिकतर राज्यों में वक्फ बोर्ड की सम्पति है. सबसे ज्यादा सम्पति उत्तर प्रदेश में हैं. में वक्फ की सबसे ज्यादा संपत्ति है. यूपी में सुन्नी वक्फ के पास 2.10 लाख से ज्यादा संपत्तियां हैं तो शिया के पास 15 हजार से ज्यादा.
कहां-कहां हैं वक्फ बोर्ड
अभी की बात करें तो देश में इस समय 32 वक़्फ़ बोर्ड हैं. जिन राज्यों या केंद्र शाशित प्रदेशों में वक्फ नहीं हैं, वो हैं गोवा, अरुणाचल प्रदेश , मिज़ोरम, नागालैंड, दमन और दीव हैं.
अब राज्यवार सम्पति का ब्यौरा जानते हैं.
उत्तर प्रदेश - 2.25 लाख से ज़्यादा
पश्चिम बंगाल - 80 हज़ार से ज़्यादा
पंजाब - 70 हज़ार से ज़्यादा
तमिलनाडु - 65 हज़ार से ज़्यादा
कर्नाटक - 61 हज़ार से ज़्यादा
केरल - 52 हज़ार से ज़्यादा
तेलंगाना - 43 हज़ार से ज़्यादा
गुजरात - 39 हज़ार से ज़्यादा
मध्य प्रदेश - 33 हज़ार से ज़्यादा
जम्मू-कश्मीर - 32 हज़ार से ज़्यादा
बिहार - 8 हज़ार से ज़्यादा
दिल्ली - 1 हज़ार से ज़्यादा
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