जो खुद अपराधी हैं पीड़ित होने का कर रहे नाटक, क्या है राठी- मालीवाल विवाद
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जो खुद अपराधी हैं पीड़ित होने का कर रहे नाटक, क्या है राठी- मालीवाल विवाद

आप सांसद स्वाति मालीवाल कहती हैं कि बिभव कुमार के खिलाफ शिकायत के बाद उनकी मुश्किल बढ़ गई है. यही नहीं यूट्यूबर ध्रुव राठी के वीडियो के बाद रेप और जान से मारने की धमकी ज्यादा मिलने लगी है.


Swati Maliwal-Dhruv Rathee Contorversy: आप की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल प्रकरण में पापुलर यूट्यूबर ध्रुव राठी भी कूद पड़े हैं. उनका मानना है कि स्वाति जिस तरह से पूरी घटना को बयां कर रही हैं वो सत्य से परे है. ध्रुव राठी ने एक्स पर एक वीडियो पोस्ट कर कई सवाल पूछे थे. उस वीडियो के बाद स्वाति मालीवाल ने दावा किया था कि रेप और मारने की धमकियां बढ़ गई हैं उनके इस दावे पर राठी ने भी जवाब दिया. वो एक्स पर लिखते हैं कि उनके खिलाफ फर्जी आरोपों का जिक्र किया ह. और लिखा है कि उन्हें बदनाम करने के लिए मिलाजुला अभियान चलाया गया उनके खिलाफ फर्जी आरोप, रोजाना जान से मारने की धमकियां, अमानवीय अपमान, मुझे बदनाम करने के लिए मिलाजुला अभियान…अब मुझे इसकी आदत हो गई है. विडंबना यह है कि अपराधी पीड़ित होने का नाटक कर रहे हैं. हर कोई जानता है कि इस सबके पीछे कौन है.वे मुझे चुप कराना चाहते हैं. लेकिन ऐसा होने वाला नहीं है. एक ध्रुव राठी को चुप कराओगे तो 1000 नये खड़े हो जायेंगे, जय हिंद.


मालीवाल का दावा

आप की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने कहा है कि ध्रुव राठी द्वारा उनके खिलाफ एकतरफा वीडियो पोस्ट करने के बाद हालात और खराब हुए. AAP के नेताओं और वालंटियर्स ने उनके खिलाफ चरित्र हनन,पीड़िता को शर्मसार करने और भावनाएं भड़काने का अभियान चलाने के बाद से बलात्कार और जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं. स्वाति मालीवाल कहती है कि उन्होंने राठी तक पहुंचने की पूरी कोशिश की. लेकिन उनके कॉल और संदेशों को नजरअंदाज कर दिया. यह बिल्कुल स्पष्ट है कि पार्टी नेतृत्व उन्हें अपनी शिकायत वापस लेने के लिए डराने-धमकाने की कोशिश कर रहा है. यह शर्मनाक है कि उनके जैसे लोग जो स्वतंत्र पत्रकार होने का दावा करते हैं. अन्य AAP प्रवक्ताओं की तरह काम कर रहे हैं, उन्हें इस हद तक शर्मिंदा कर रहे हैं कि अब बहुत अधिक दुर्व्यवहार और धमकियों का सामना करना पड़ रहा है.

ध्रुव राठी का वीडियो

घटना के बारे में अपने वीडियो में राठी ने कहा कि स्वाति मालीवाल को केजरीवाल के घर में स्टाफ सदस्यों पर गालियां देते हुए देखा जा सकता है. सीसीटीवी फुटेज में स्वाति को सीएम आवास से बाहर निकलते और सड़क पार करते हुए दिखाया गया है और वह पूरी तरह से ठीक लग रही है. लेकिन जब वह मेडिकल टेस्ट के लिए गई तो उन्हें चलने में कुछ दिक्कत हुई. क्या वह झूठ बोल रही है. उन्होंने यह भी कहा कि मामले में आरोपी केजरीवाल के सहयोगी विभव कुमार ने भी मालीवाल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी कि वह बिना अपॉइंटमेंट के सीएम के आवास पर आईं और जब उन्होंने उन्हें केजरीवाल से मिलने की इजाजत नहीं दी और उनके सामने खड़े हो गए. उन्होंने धक्का दिया और झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दी.


राठी के वीडियो पर स्वाति का जवाब

स्वाति मालीवाल ने एक्स पर अपनी लंबी पोस्ट में तथ्यों की ओर इशारा किया. जिनका वह उनके खिलाफ अपने 2.5 मिनट के वीडियो में उल्लेख करने में नाकाम रहे हैं. घटना घटित होने की बात स्वीकार करने के बाद पार्टी ने अपने रुख से यू-टर्न ले लिया. एमएलसी रिपोर्ट जो हमले के कारण चोटों का खुलासा करती है. वीडियो के सलेक्टेड हिस्से में था और फिर आरोपी का फोन फॉर्मेट किया गया. आरोपी को घटनास्थल से गिरफ्तार किया गया. उसे फिर से उस स्थान में प्रवेश करने की अनुमति क्यों दी गई. सबूतों से छेड़छाड़ के लिए. एक महिला जो हमेशा सही मुद्दों के लिए खड़ी रहती है, यहां तक ​​कि बिना सुरक्षा के अकेले मणिपुर भी गई, उसे भाजपा द्वारा कैसे खरीदा जा सकता है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से पूरी पार्टी मशीनरी और उसके समर्थकों ने उन्हें बदनाम करने और शर्मिंदा करने की कोशिश की. महिलाओं के मुद्दों पर उनके रुख का पता चलता है. उन्होंने कहा कि वह दिल्ली पुलिस को बलात्कार और जान से मारने की धमकियों की शिकायत कर रही थीं और उन्हें उम्मीद है कि वे अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे. किसी भी मामले में अगर मेरे साथ कुछ होता है, तो हम जानते हैं कि इसे किसने उकसाया.


18 मई को बिभव कुमार की हुई थी गिरफ्तारी

13 मई को सीएम अरविंद केजरीवाल के घर में स्वाति मालीवाल पर कथित हमले के मामले में बिभव कुमार को दिल्ली पुलिस ने 18 मई को गिरफ्तार किया था. दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार यानी 27 मई को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी. अदालत के सामने बिभव कुमार की तरफ से देर से एफआईआर कराने का जिक्र किया गया था. लेकिन अदालत ने कहा कि चोट को नजरंदाज नहीं किया जा सकता. भले ही एफआईआर विलंब से हुई हो.

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