उत्तर भारत पर कब मेहरबान होंगे ये बदरा, आग की हो रही है बारिश
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उत्तर भारत पर कब मेहरबान होंगे ये बदरा, आग की हो रही है बारिश

आम तौर पर 15 जून के बाद गर्मी में कमी आने लगती थी. लेकिन अब तस्वीर बदल चुकी है. मौसम के जानकार कहते हैं कि अनियंत्रित मानवीय गतिविधियों का असर साफ तौर पर नजर आ रहा है.


Weather News: उत्तर भारत इस समय ईंट की भट्ठी में तब्दील हो चुका है. अगर आज से 20 साल पहले की बात करें तो अधिकतम तापमान 40 डिग्री के पार कभी कभी सुनने को मिलता था. लेकिन अब तो उत्तर भारत के शहरों और कस्बों में गर्मी की इस प्रतियोगिता में आगे निकलने की होड़ लगी हुई है. करीब करीब सभी शहरों के तापमान 40 डिग्री से पार जा चुके हैं और अब सभी को बादलों से ही उम्मीद है कि वो कब बरसेंगे. सूरज की तपिश इस तरह की जैसे आग की बारिश हो रही है. उत्तर प्रदेश हो या बिहार, दिल्ली एनसीआर हो या पंजाब हरियाणा लोग गर्म हवा के थपेड़ों से परेशान हैं. मौसम विभाग ने तो दिल्ली के लिए अगले तीन दिन के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. लोगों से अपील की गई है जरूरत पर ही घर से बाहर निकलें. इन सबके बीच चर्चा इस बात की हो रही है ये बदरा कब बरसेंगे.

दिल्ली

अगर बात दिल्ली की करें तो यहां बारिश की उम्मीद अगले 13 दिन तक बेहद कम है. वैसे दिल्ली में मानसून का आगमन जून के आखिरी तारीख के पास होता है. इसका अर्थ यह है कि दिल्ली एनसीआर के लोगों को गर्म हवा के थपेड़ों को सहने के लिए मानसिक तौर पर तैयार रहना चाहिए.

पंजाब

बात पंजाब की करें तो यहां की भी तस्वीर दिल्ली से अलग नहीं है. अबोहर में तापमान जहां 47 डिग्री दर्ज किया गया. वहीं चंडीगढ़ भी पीछे नहीं है. पटियाला और पठानकोट में भी तापमान 46 डिग्री के करीब है. यहां भी दिल्ली की तरह मानसून जून के आखिरी हफ्ते में आता है.

हरियाणा

दिल्ली-पंजाब की तरह हरियाणा में भी पारा नान स्टॉप चढ़ रहा है. नूंह में तापमान 46, रोहतक और सिरसा में 45 डिग्री दर्ज किया गया. वहीं गुरुग्राम की स्थिति ठीक नहीं है. मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले कुछ दिनों तक गर्मी से राहत भूल ही जाएं.

यूपी-बिहार में हाल बेहाल

यूपी और बिहार में भी गर्मी से राहत नहीं है. गोरखपुर से इलाहाबाद और बलिया से लेकर नोएडा तक लोगों का हाल बेहाल है. लू की वजह से 20 से अधिक लोगों की मौत भी हो चुकी हैं. हालांकि बिहार में 24 से 48 घंटे के अंदर तस्वीर बदल सकती है. बंगाल की खाड़ी से आने वाली पुरुवा हवा अपने साथ नमी लाती जिससे बारिश की उम्मीद बढ़ गई है.

ऐसे होती है मानसूनी बारिश
भारत में मानसूनी बारिश की दो शाखाएं हैं,एक का नाम अरब और दूसरे को बंगाल ब्रांच कहते हैं. अरब ब्रांच के जरिए केरल, कर्नाटक, गोवा महाराष्ट्र में बारिश होती है, वहीं बंगाल वाली शाखा से भारत के पूर्वी इलाकों में होती है. 15 जून के बाद बंगाल वाली ब्रांच बिहार, झारखंड, यूपी तक दस्तक देती है और धीरे धीरे दिल्ली की तरफ कूच करती है.वहीं अरब शाखा की ब्रांच राजस्थान दाखिल होने के बाद उत्तर पूर्व की तरफ रुख कर कानपुर पहुंचती है कानपुर में ही दोनों ब्रांच का मिलन होता है जिसे आईटीसीजेड(ITCZ) कहा जाता है. आईटीसीजेड अब पश्चिमी यूपी होते हुए दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में दाखिल होती है जिससे मानसूनी बारिश होती है.

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