adulterated ice cream home test
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खुद ही चुटकियों में जांच लें, आइसक्रीम असली है या नकली

मार्केट में पहुंच रही डिटर्जेंट मिक्स आइसक्रीम, ऐसे करें इनकी पहचान

कहीं आप भी तो नहीं खा रहे मिलावटी आइसक्रीम? खुद से ही घर में कुछ टेस्ट करें और ऐसे पहचानें नकली आइसक्रीम ताकि कैंसर ट्रिगर इंग्रीडिऐंट्स से बच सकें...


How To Check Adulterated Ice Cream At Home: गर्मियों में आइसक्रीम खाना लगभग हर किसी को पसंद होता है। तेज धूप और गर्मी में यह तुरंत राहत देती है, इसलिए इस मौसम में इसकी मांग तेजी से बढ़ जाती है। लेकिन हाल के कुछ शोध बताते हैं कि बाजार में मिलने वाली आइसक्रीम के सैंपल में से कई में मिलावट पाई गई है। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) के अनुसार, डेयरी उत्पादों में मिलावट की दर करीब 18% है, जिसमें आइसक्रीम भी शामिल है। मिलावटी आइसक्रीम में डिटर्जेंट, सिंथेटिक दूध, सस्ते फैट्स और कृत्रिम रंग मिलाए जा सकते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं।

मिलावटी आइसक्रीम के नुकसान

ऐसी नकली आइसक्रीम का सेवन करने से डायरिया, उल्टी, पेट दर्द, त्वचा पर रैशेज़ और एलर्जी हो सकती है। लंबे समय तक इसका सेवन पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है और यहां तक कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के जोखिम को भी बढ़ा सकता है। शोध से यह भी पता चला है कि आइसक्रीम में मौजूद सिंथेटिक तत्व लिवर और किडनी की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकते हैं।

कैसे पहचानें नकली आइसक्रीम?

गर्म पानी से टेस्ट करें

एक चम्मच आइसक्रीम को गर्म पानी में डालें।

फिर उसमें 2-3 बूंदें हाइड्रोक्लोरिक एसिड (HCL) की मिलाएं।

अगर आइसक्रीम का रंग बदलकर लाल या गुलाबी हो जाए तो समझ लें कि उसमें मिलावट है।

रिसर्च में पाया गया है कि असली आइसक्रीम का रंग इस टेस्ट में नहीं बदलता क्योंकि उसमें सिंथेटिक डाई नहीं होती।

रगड़कर जांचें

आइसक्रीम को अपनी उंगलियों के बीच रगड़ें।

असली आइसक्रीम स्मूद और क्रीमी महसूस होती है।

अगर उसमें क्रिस्टल जैसा दानेदार टेक्सचर लगे या डिटर्जेंट जैसी चिकनाहट महसूस हो, तो यह नकली हो सकती है।

एक अध्ययन में बताया गया कि मिलावटी आइसक्रीम में डिटर्जेंट की उपस्थिति से उसमें साबुन जैसी चिकनाहट महसूस होती है

वॉटर टेस्ट करें

एक गिलास में साफ पानी लें और उसमें आइसक्रीम का एक चम्मच डालें।

असली आइसक्रीम आसानी से पानी में घुल जाएगी।

नकली आइसक्रीम डालने पर पानी में झाग या बुलबुले बनने लगेंगे।

विशेषज्ञों के अनुसार, असली आइसक्रीम में प्रोटीन और फैट्स के प्राकृतिक संयोजन के कारण पानी में कोई रासायनिक प्रतिक्रिया नहीं होती।

स्वाद और गंध से पहचानें

अगर आइसक्रीम में तेज केमिकल जैसी गंध हो या स्वाद कड़वा या अजीब लगे, तो यह नकली हो सकती है।

असली आइसक्रीम में सॉफ्ट फ्लेवर और प्राकृतिक खुशबू होती है।

रिसर्च बताती है कि कृत्रिम फ्लेवर वाली आइसक्रीम में रासायनिक गंध (तीखी केमिकल स्मेल) अधिक पाई जाती है।

हमेशा भरोसेमंद ब्रांड की आइसक्रीम खरीदें और उसके पैक पर लिखे इंग्रीडिएंट्स को ध्यान से पढ़ें। खाने में FSSAI द्वारा प्रमाणित उत्पादों को प्राथमिकता दें। घर की बनी आइसक्रीम ज्यादा सुरक्षित और हेल्दी विकल्प है, जो न केवल मिलावट से बचाती है बल्कि पोषण भी प्रदान करती है।

डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी व्यक्ति या संस्था को हानि पहुंचाना इसका लक्ष्य नहीं है।

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