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मिलावटखोरी के कानून से ज्यादा जरुरी है घी के बारे में स्पष्ट जानकारी की
देश की मिलावटी ( जानवरों की चर्बी वाला ) घी अंग्रेजों के ज़माने से बिक रहा है. असली घी हो या चर्बी वाला घी, दोनों में यही बात सामने आएगी कि एनिमल फैट से बना है, लेकिन ये स्पष्ट किया जाना चाहिए कि एनिमल फैट से क्या मतलब है.
Food Adultration: तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद स्वरुप चढ़ने वाले लड्डू के घी में मिलावट पाए जाने के बाद चर्बी वाले घी को लेकर काफी चर्चा है. लेकिन अगर इस मिलावट की बात करें तो ये आज की बात नहीं बल्कि अंग्रेजों के ज़माने की बात है. अंग्रेजों के ज़माने में भी चर्बी से घी बना कर लोगों को बेचा जाता था. तब भी वो अपराध की श्रेणी में ही आता था. लेकिन यहाँ सवाल ये भी उठता है कि लोग मिलावट क्यों करते हैं, सिर्फ पैसों के लालच में लोगों की आस्था और स्वास्थ्य से खिलवाड़ करना कहा तक जायज़ है.
138 साल पहले मिलवाटी घी को लेकर भारत में दर्ज हुआ था मामला, आरोपी पर लगा था जुर्माना
टाइम्स ऑफ़ इंडिया अखबार में उस ज़माने में भी प्रकाशित होता. नवम्बर 1886 में एक घटना के बारे में अखबार में एक खबर प्रकाशित की गयी, जो मिलावटी घी से जुड़ी थी. आरोप पूनमचाँद दूएरा पर था. उसके वकील थे हरिशंकर, जिन्होंने अपने क्लाइंट को बचाने का भरसक प्रयास किया और उसे समझाने का प्रयास भी किया कि वे ये कह दें कि जो घी वो बेच रहे थे वो दीयों को जलाने के काम में आने वाला था, खाने के लिए नहीं. लेकिन दूएरा ने कहा कि उन्होंने ऐसे घी से दिए जलते हुए देखे ही नहीं. इसके बाद अदालत में दूएरा पर चर्बी मिला हुआ घी बेचने की बात साबित हो गयी और अदालत ने उस पर 150 का जुर्माना लगाया.
इस वाक्य से ये साबित होता है कि भारत में अंग्रेजो के समय से मिलावटी घी बेचा जा रहा है.
घी के बारे में कम जानकारी के चलते फलता फूलता है मिलावट खोरों का व्यापार
असल समस्या है घी के बारे में जानकारी की. असल में देखा जाए तो घी दूध से बनता है, जो गाय या भैंस का होता है. दूध से जो मक्खन बनता है, उसमें एनिमल फैट ही होता है. ऐसे ही मिलावटी घी में भी चर्बी मिलाई जाती है और वो भी एनिमल फैट ही कहलाता है. अब यहाँ इस बात को विस्तार से समझाने की आवश्यकता है कि शुद्ध घी मक्खन को खौला कर बनता है, इसलिए उसे क्लैरीफाइड बटर भी कहते हैं. वहीँ चर्बी वाला घी मृत जानवर की वसा और वनस्पति घी को मिलकर बनाया जाता है. वनस्पति घी भी एक मिश्रण है, जो वनस्पति तेल को हाइड्रोजनाइज्ड करके बनाया जाता है.
घी बनाने वालों पर सख्त नियम हो लागू
घी बनाने वालों पर सरकार को सख्त नियम लागू करने चाहिए. देश में मिलावटखोरी के खिलाफ कानून है लेकिन कई तकनिकी वजहों के चलते मिलावटखोर इस कानून से बच निकलते हैं. लेकिन जरुरत है स्पष्टिकरण की, जिसमें ये स्पष्ट हो कि आखिर मिल्क फैट के मायने किया हैं, क्योंकि घी सिर्फ खाने से नहीं बल्कि आस्था से भी जुड़ा हुआ है.
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