जानें, क्यों बढ़ जाता है अर्थराइटिस का दर्द और क्या हैं बचने के उपाय
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जानें, क्यों बढ़ जाता है अर्थराइटिस का दर्द और क्या हैं बचने के उपाय

अर्थराइटिस ऐसी बीमारी है जो बुढ़ापे में होती थी। लेकिन अब युवा बहुत तेजी से इसकी चपेट में आ रहे हैं। आखिर ऐसा क्यों हो रहा है और कैसे बचा जा सकता है, यहां जानें


Arthritis Pain Prevention: अर्थराइटिस एक आम लेकिन गंभीर समस्या है, जो जोड़ों में सूजन और दर्द का कारण बनती है। यह समस्या उम्र बढ़ने के साथ ज्यादा देखने को मिलती है, लेकिन आजकल खराब जीवनशैली, तनाव और अनहेल्दी खानपान की वजह से युवाओं में भी इसका खतरा बढ़ रहा है। अर्थराइटिस के लक्षणों को शुरुआती स्तर पर पहचानकर और सही उपाय अपनाकर इस समस्या से काफी हद तक बचा जा सकता है। आइए जानते हैं कि अर्थराइटिस के दर्द को बढ़ने से कैसे रोका जा सकता है और किन आदतों से यह समस्या गंभीर हो सकती है...

अर्थराइटिस के दर्द के कारण

अर्थराइटिस कई कारणों से हो सकता है, जिसमें बढ़ती उम्र, मोटापा, अनियमित जीवनशैली और अनुवांशिक कारण शामिल हैं। इसके अलावा शरीर में यूरिक एसिड का बढ़ना (Gout), जोड़ों की पुरानी चोट या इंफेक्शन भी अर्थराइटिस का कारण बन सकते हैं। लंबे समय तक फिजिकल एक्टिविटी की कमी और शरीर में पोषण की कमी भी जोड़ों की कमजोरी का बड़ा कारण हो सकते हैं।

अर्थराइटिस से बचने के उपाय

  • एक्टिव लाइफस्टाइल अपनाएं

शरीर को एक्टिव रखना जोड़ों की सेहत के लिए बहुत जरूरी है। रोजाना हल्की एक्सरसाइज, योग और स्ट्रेचिंग करने से जोड़ों की फ्लेक्सिबिलिटी बनी रहती है और दर्द की संभावना कम हो जाती है। वॉकिंग, स्विमिंग और साइकलिंग जैसी एक्सरसाइज अर्थराइटिस के जोखिम को कम करने में मददगार होती हैं।

  • हेल्दी डाइट का पालन करें

अर्थराइटिस से बचने के लिए डाइट में एंटी-इंफ्लेमेटरी फूड्स (Anti-inflammatory Foods) शामिल करें। हरी सब्जियां, फल, नट्स, ओमेगा-3 फैटी एसिड वाले फूड्स (जैसे मछली और अलसी के बीज) जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। अधिक तेल-मसाले वाले और जंक फूड से बचना चाहिए क्योंकि ये शरीर में सूजन बढ़ा सकते हैं।

  • वजन को कंट्रोल में रखें

मोटापा अर्थराइटिस का एक बड़ा कारण है क्योंकि शरीर का अतिरिक्त वजन घुटनों और अन्य जोड़ों पर ज्यादा दबाव डालता है। हेल्दी डाइट और रेगुलर एक्सरसाइज की मदद से वजन को कंट्रोल में रखकर जोड़ों पर पड़ने वाले दबाव को कम किया जा सकता है।

  • पानी पिएं पर्याप्त मात्रा में

शरीर में हाइड्रेशन की कमी से जोड़ों में लुब्रिकेशन कम हो जाता है, जिससे दर्द और सूजन बढ़ सकती है। रोजाना 8-10 गिलास पानी पीने से जोड़ों को स्वस्थ रखा जा सकता है और अर्थराइटिस के जोखिम को कम किया जा सकता है।

  • सही मुद्रा में बैठें

गलत तरीके से बैठने या लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठने से जोड़ों पर दबाव पड़ता है। हमेशा सीधा बैठें और लंबे समय तक बैठने के दौरान समय-समय पर ब्रेक लें।

  • तनाव से दूर रहें

लंबे समय तक तनाव में रहने से शरीर में इंफ्लेमेशन बढ़ सकता है, जो अर्थराइटिस के दर्द को बढ़ाने में भूमिका निभाता है। मेडिटेशन, योग और गहरी सांस लेने की तकनीकों से तनाव को कम किया जा सकता है।

कब डॉक्टर से संपर्क करें?

अगर जोड़ों में लंबे समय तक दर्द, सूजन या अकड़न महसूस हो रही है तो इसे नजरअंदाज न करें। डॉक्टर से समय पर सलाह लेने से अर्थराइटिस की समस्या को गंभीर होने से रोका जा सकता है। अर्थराइटिस से बचाव के लिए जीवनशैली में कुछ छोटे-छोटे बदलाव करना बहुत जरूरी है, जिनके बारे में यहां बताया गया है। क्योंकि ये आसान से उपाय इस गंभीर समस्या से बचने में अहम भूमिका निभाते हैं। अगर अर्थराइटिस के लक्षण नजर आएं तो समय पर जांच और इलाज से दर्द को बढ़ने से रोका जा सकता है।

Disclaimer: यह लेख केवल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी बीमारी के इलाज के लिए डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

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