बढ़ती उम्र में सताने लगती है अर्थराइटिस, ये चीजें खाने से मिलेगा फायदा
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अर्थराइटिस में दर्द से राहत के लिए ये खाएं

बढ़ती उम्र में सताने लगती है अर्थराइटिस, ये चीजें खाने से मिलेगा फायदा

जोड़ों का दर्द, उठनेे-बैठने में निकलने वाली चीखें... अर्थराइटिस एक ऐसी समस्या है, जो हमारी लाइफ के मूवमेंट को कम करती है। जानें कंट्रोल करने के लिए क्या खाएं...


जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, शरीर में कई तरह के बदलाव आने लगते हैं। इन्हीं में से एक आम समस्या है अर्थराइटिस (Arthritis)। इस बीमारी में जोड़ों में सूजन, दर्द और अकड़न की समस्या होती है। यह समस्या बुज़ुर्गों के लिए एक आम लेकिन बेहद परेशान करने वाली स्थिति बन जाती है। हालांकि सही खानपान और जीवनशैली में कुछ बदलाव करके इसके असर को काफी हद तक कम किया जा सकता है। यहां हम जानेंगे कि अर्थराइटिस से राहत पाने के लिए क्या चीजें खानी चाहिए और ये कैसे काम करती हैं...

अर्थराइटिस क्या है?

अर्थराइटिस एक प्रकार की जोड़ों की बीमारी है, जिसमें जोड़ सूज जाते हैं और उनमें दर्द होने लगता है। इसके मुख्य दो प्रकार होते हैं: ऑस्टियोआर्थराइटिस और रूमेटॉयड आर्थराइटिस। ऑस्टियोआर्थराइटिस उम्र के साथ जोड़ों के घिसने के कारण होता है, जबकि रूमेटॉयड आर्थराइटिस एक ऑटोइम्यून रोग है, जिसमें शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली ही जोड़ों पर हमला करती है।

फैटी फिश से लाभ

सालमन, टूना और मैकेरल जैसी मछलियों में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है, जो सूजन को कम करने में सहायक होता है। यह शरीर की इम्यून प्रतिक्रिया को नियंत्रित करता है और जोड़ों में दर्द और अकड़न को कम करता है।

अदरक और हल्दी का उपयोग

अदरक और हल्दी दोनों ही आयुर्वेद में प्राचीन औषधियाँ मानी जाती हैं। इनमें प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो अर्थराइटिस के दर्द और सूजन को कम करने में कारगर हैं। हल्दी को दूध में मिलाकर या अदरक की चाय के रूप में सेवन किया जा सकता है।

हरी पत्तेदार सब्जियां

पालक, मेथी और बथुआ जैसी हरी पत्तेदार सब्जियाँ विटामिन्स, फोलेट और कैल्शियम से भरपूर होती हैं। ये हड्डियों को मजबूत बनाती हैं और शरीर में सूजन की प्रक्रिया को नियंत्रित करती हैं।

मेवे और बीज

बादाम, अखरोट और अलसी के बीज जैसे मेवे और बीज ओमेगा-3 फैटी एसिड और हेल्दी फैट्स के अच्छे स्रोत हैं। ये जोड़ों की सूजन को कम करते हैं और स्टिफनेस में राहत देते हैं।

विटामिन D और कैल्शियम युक्त चीजें

दूध, दही और पनीर जैसे डेयरी उत्पाद हड्डियों की मजबूती के लिए आवश्यक हैं। इनमें मौजूद कैल्शियम और विटामिन D, ऑस्टियोपोरोसिस और ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी समस्याओं के खतरे को कम करते हैं।

बेरिज का सेवन

स्ट्रॉबेरी और ब्लूबेरी जैसी बेरियाँ एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होती हैं। ये शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाती हैं और सूजन को कम करने में सहायक होती हैं।

किन चीजों से बचें

प्रोसेस्ड फूड्स, ज्यादा नमक और चीनी, रेड मीट, डीप फ्राइड चीजें और सोडा जैसे पेय पदार्थ अर्थराइटिस के लक्षणों को और बढ़ा सकते हैं। इनसे दूर रहना बेहतर है।

स्वस्थ आदतें भी जरूरी हैं

अर्थराइटिस से राहत पाने के लिए सिर्फ सही आहार ही नहीं बल्कि नियमित रूप से हल्की-फुल्की एक्सरसाइज़ या योग करना भी जरूरी है। वजन को नियंत्रित रखना, पर्याप्त नींद लेना और तनाव से बचना भी इसमें मदद करता है।

अर्थराइटिस को पूरी तरह रोका तो नहीं जा सकता लेकिन सही खानपान और जीवनशैली अपनाकर इसके असर को कम किया जा सकता है, जो चीजें आप रोज़ खाते हैं। वही आपकी सेहत को बनाती या बिगाड़ती हैं। इसलिए कोशिश करें कि अपनी थाली में पोषण से भरपूर चीजें शामिल करें – ताकि उम्र के साथ भी आपका जोश बना रहे और जोड़ों का दर्द न सताए।


डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी सलाह को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

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