
डॉक्टर की चेतावनी, अश्वगंधा ऐंड सप्लिमेंट्स पहुंचाते हैं लिवर को हानि!
सप्लीमेंट्स आपके स्वास्थ्य में सुधार ला सकते हैं। बशर्ते आप उन्हें सोच-समझकर और निगरानी में लें। क्योंकि लिवर एक साइलेंट ऑर्गन है, जब तक वो डैमेज न हो...
Ashwagandha: हममें से कई लोग हेल्थ सप्लीमेंट्स को "सुरक्षित" मानते हैं क्योंकि वे हर्बल या नैचुरल होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके शरीर में ये सप्लीमेंट्स दवाइयों की तरह ही असर डाल सकते हैं और साइड इफेक्ट्स भी ला सकते हैं?
डॉ. कुनाल सूद, जो कि एनेस्थीसियोलॉजी और इंटरवेंशनल पेन मेडिसिन विशेषज्ञ हैं, ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक बेहद जरूरी चेतावनी दी है। उनका कहना है 'सप्लीमेंट्स लेने से पहले उनके डोज़, फूड इंटरैक्शन और मेडिकल हिस्ट्री को समझना बेहद ज़रूरी है। ज़रूरत से ज़्यादा डोज़ लेने से शरीर पर गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं।'
अश्वगंधा और लिवर डैमेज – क्या है कनेक्शन?
अश्वगंधा, जो कि आयुर्वेद का लोकप्रिय सुपरफूड है, का ज्यादा सेवन आपके लिवर पर बुरा असर डाल सकता है।
यह थायरॉइड हार्मोन को असंतुलित कर सकता है।
लिवर एंज़ाइम्स को बढ़ाकर लिवर डैमेज का कारण बन सकता है।
यदि आप पहले से थायरॉइड या लिवर की समस्या से ग्रसित हैं तो यह सप्लीमेंट आपकी सेहत और बिगाड़ सकता है।
आम सप्लीमेंट्स और उनके संभावित साइड इफेक्ट्स...
मैग्नीशियम- दस्त, मांसपेशियों में कमजोरी
हल्दी (Turmeric)- ब्लड थिनिंग, पेट में जलन
विटामिन D- किडनी स्टोन
अश्वगंधा- लिवर डैमेज, थायरॉइड वृद्धि
फिश ऑयल-ब्लड शुगर में वृद्धि, एसिडिटी
क्या करें?
हर बार जब आप कोई नया सप्लीमेंट शुरू करें तो सोचें कि "क्या इसका लाभ मेरे लिए जोखिम से अधिक है?"
सप्लीमेंट लेना है तो डॉक्टर से पूछें, Google से नहीं!
हर इंसान का शरीर, उसकी मेडिकल हिस्ट्री और लाइफस्टाइल अलग होती है। जो एक के लिए फायदेमंद है, वह दूसरे के लिए हानिकारक हो सकता है।
डॉ. सूद कहते हैं, 'आप जो खा रहे हैं उसमें मौजूद पोषक तत्व और जो सप्लीमेंट के ज़रिए ले रहे हैं, दोनों का जोड़ मिलाकर कुल डोज़ बहुत ज़्यादा हो सकती है।' इसलिए हमेशा डॉक्टर या रजिस्टर्ड डाइटीशियन से परामर्श करें।
जानकारी ही बचाव है
सप्लीमेंट्स आपके स्वास्थ्य में सुधार ला सकते हैं। बशर्ते आप उन्हें सोच-समझकर और निगरानी में लें। क्योंकि लिवर एक साइलेंट ऑर्गन है, जब तक वो डैमेज न हो, तकलीफ महसूस नहीं होती। इसलिए खुद से सप्लीमेंट लेना बंद करें। डॉक्टर से जांच करवाएं और नैचुरल चीज़ों को भी अंधविश्वास की बजाय विज्ञान से जांचें।
डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी सलाह को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।