निश्चित समय पर सोकर दूर करें हाई बीपी का खतरा, बहुत आसान है ये इलाज
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ब्लड प्रेशर से परेशान हैं तो बस ये छोटा-सा बदलाव देगा दवाओं से अधिक लाभ

निश्चित समय पर सोकर दूर करें हाई बीपी का खतरा, बहुत आसान है ये इलाज

एक नए शोध में सामने आया है कि अगर हर रात लगभग एक ही समय पर सोया जाए तो बिना दवा के, सिर्फ आदत बदलकर ब्लड प्रेशर कम किया जा सकता है। यह वही ब्लड प्रेशर है, जो...


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क्या आपके सोने का समय निश्चित है? अर्थात क्या आप हर दिन लगभग एक तय समय पर सोने जाते हैं? अगर हां तो ऐसा करके आप केवल अपनी नींद की क्वालिटी नहीं बढ़ा रहे हैं। बल्कि अपने हृदय की सेहत को भी संवार रहे हैं। क्योंकि ऐसा करने से हाई ब्लड प्रेशर का खतरा कम होता है...


बिना दवाई के कंट्रोल होगा बीपी

यदि आप हाई बीपी की समस्या से पीड़ित हैं तो केवल अपने सोने के समय को निश्चित करके इस पर काबू पा सकते हैं। क्योंकि आदत से मजबूर हम लोग अक्सर रात को सोने में थोड़ी देर हो जाए तो कहते हैं कि “क्या फर्क पड़ता है?” लेकिन विज्ञान बता रहा है कि फर्क बहुत बड़ा है। दिल पर, नसों पर और ब्लड प्रेशर पर।

एक नए शोध में सामने आया है कि अगर हर रात लगभग एक ही समय पर सोया जाए तो बिना दवा के, सिर्फ आदत बदलकर ब्लड प्रेशर कम किया जा सकता है। यह वही ब्लड प्रेशर है, जो चुपचाप दिल की बीमारी, हार्ट अटैक और स्ट्रोक की जड़ बनता है और लंबे समय तक बिना चेतावनी के शरीर को नुकसान पहुंचाता है।

लेकिन इस अध्ययन ने पहली बार यह साफ किया कि सिर्फ सोने का समय नियमित करने से 24 घंटे का रक्तचाप कम हो सकता है और यह असर उतना ही मजबूत है, जितना नमक घटाने या नियमित व्यायाम शुरू करने से होता है। (Association Between Bedtime at Night and Systolic Blood Pressure - 2021, Frontiers in Medicine)


बीपी में दर्ज हुई गिरावट

दिलचस्प बात यह है कि इस अध्ययन के प्रतिभागियों में शुरुआत में सोने का समय हर रात करीब 30 मिनट ऊपर-नीचे था। लेकिन जब उन्होंने लगातार दो सप्ताह तक अपना सोने का समय लगभग एक जैसा रखा तो यह उतार-चढ़ाव घटकर सिर्फ 7 मिनट रह गया और उसी के साथ सिस्टोलिक तथा डायस्टोलिक दोनों रक्तचाप में गिरावट दर्ज की गई। ( Bedtime regularization as a potential adjunct therapy for hypertension - 2025, प्रकाशित in SLEEP Advances)

शोध में 24 घंटे के मॉनिटरिंग से पता चला कि सिस्टोलिक प्रेशर लगभग 4 mmHg और डायस्टोलिक प्रेशर लगभग 3 mmHg कम हुआ। रात के समय की रीडिंग ने तो और भी उपयोगी परिणाम दिखाए। यानी नींद के दौरान रक्तचाप में स्वाभाविक गिरावट वापस आई, जो हृदय स्वास्थ्य बनाए रखने में अत्यंत आवश्यक मानी जाती है।

हार्ट पर दबाव कम करने का आसान उपाय

असल कहानी शरीर की 24 घंटे की आंतरिक जैविक घड़ी यानी सर्केडियन रिद्म की है। दिल भी उसी घड़ी पर चलता है। हमारा रक्तचाप दिन में थोड़ा ऊंचा और रात को स्वाभाविक रूप से कम होता है। ताकि हृदय को आराम मिल सके। लेकिन जब सोने का समय हर दिन बदलता रहता है तो यह जैविक घड़ी भ्रमित हो जाती है और रात को रक्तचाप अपेक्षित रूप से नहीं गिरता।

लंबे समय तक ऐसा होता रहे तो दिल लगातार “काम करने के मोड” में रहता है। और वही आगे चलकर उच्च रक्तचाप, रक्त वाहिकाओं की क्षति और दिल के रोगों की भूमिका तैयार करता है। इस अध्ययन सामने आया कि यदि हम सोने-जागने का समय स्थिर रख लें तो यह जैविक घड़ी फिर से संतुलित होती है और हृदय पर दबाव कम पड़ता है।


केवल एक टाइम पर सोने का प्रभाव

यह शोध इसलिए भी विशेष है क्योंकि यह बताता है कि हृदय स्वास्थ्य सिर्फ दवाओं, योग, नमक नियंत्रण या वजन घटाने से नहीं जुड़ा। यह नींद की आदतों से भी गहराई से जुड़ा है। ब्लड प्रेशर में इतनी उल्लेखनीय गिरावट सिर्फ इस कारण आई कि प्रतिभागियों ने रात का सोने का समय एक जैसा रखा। कोई दवा नहीं, कोई बड़ा जीवनशैली परिवर्तन नहीं। शोधकर्ता इसे “सरल किंतु अत्यंत शक्तिशाली हस्तक्षेप” कह रहे हैं। क्योंकि इसे अपनाने में पैसा नहीं लगता, समय नहीं लगता और शरीर पर कोई दुष्प्रभाव भी नहीं पड़ता।


हृदय की सेहत में सुधार

हालांकि यह अध्ययन अभी छोटे समूह पर किया गया है (11 प्रतिभागी, 2 सप्ताह)। लेकिन शोधकर्ताओं का कहना है कि परिणाम इतने मजबूत हैं कि बड़े पैमाने पर और लंबे समय तक अध्ययन किए जाने चाहिए। लेकिन एक बात निश्चित है कि अगर ब्लड प्रेशर पहले से बढ़ा हुआ है या परिवार में दिल की बीमारी, स्ट्रोक या उच्च रक्तचाप का इतिहास है या शरीर नींद में बेचैनी, अत्यधिक तनाव या अचानक दिल की धड़कन बढ़ने जैसी समस्याएं दिखा रहा है। तो सोने-जागने के समय की नियमितता हृदय की सुरक्षा में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। (Sleep timing and the prevalence of hypertension in middle-aged and older adults - 2024, BMC Psychiatry द्वारा प्रकाशित)


तो अब इतना साफ है कि हृदय को बीपी की समस्या से बचाना बहुत कठिन नहीं है। बस इतना कि शरीर को हर रात एक संकेत मिले “अब आराम का समय है।” वही संकेत दिल को बचाता है, नसों को राहत देता है और ब्लड प्रेशर को प्राकृतिक रूप से नियंत्रित करता है। कौन जानता है, हम जिस बड़े स्वास्थ्य सुधार की तलाश दवाइयों और महंगे परीक्षणों में करते हैं, उसकी शुरुआत केवल रात के एक निश्चित समय पर बत्ती बुझाकर सोने से हो सकती है।


डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी सलाह को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।


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