
70% से अधिक में असरदार, वैक्सीन बदल सकती है कैंसर की दिशा
एनिक्सा के सीईओ डॉ. अमित कुमार ने द फेडरल के साथ एक विशेष साक्षात्कार में बताया कि कैसे उनका टीका स्तन कैंसर को शुरू होने से पहले ही रोक सकता है।
Breast Cancer Vaccine: ब्रेस्ट कैंसर से हर साल लाखों महिलाएं प्रभावित होती हैं, लेकिन अब इसके खिलाफ एक बड़ी चिकित्सा सफलता की उम्मीद जगी है। अमेरिका की एनिक्सा बायोसाइंसेज और क्लीवलैंड क्लिनिक के वैज्ञानिकों ने एक नई वैक्सीन के पहले चरण के परीक्षण में 70-75% प्रतिभागियों में प्रभावी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया देखने का दावा किया है।
वैक्सीन कैसे काम करती है?
एनिक्सा के सीईओ डॉ. अमित कुमार के मुताबिक, यह वैक्सीन एक खास प्रोटीन α-लैक्टलबुमिन को निशाना बनाती है। यह प्रोटीन स्तनपान के दौरान सक्रिय होता है और फिर शरीर से गायब हो जाता है – सिवाय स्तन कैंसर कोशिकाओं के। वैक्सीन शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रशिक्षित करती है कि वह इस प्रोटीन को पहचानकर उसे बनाने वाली कोशिकाओं को नष्ट कर दे, जिससे कैंसर की शुरुआत से पहले ही उसका खात्मा हो सके।
चरण 1 परीक्षण में क्या मिला?
सुरक्षा की पुष्टि: कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं, सिर्फ मामूली जलन,70-75% में मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया,बाकी प्रतिभागियों में भी हल्की प्रतिक्रिया देखी गई।यह संकेत है कि वैक्सीन सही टारगेट को पहचानने में सक्षम है
भविष्य की योजना
फेज-2 परीक्षण 2026 तक शुरू होने की उम्मीद, जिसमें प्लेसबो ग्रुप के साथ तुलना होगी। 2-3 साल की अवधि में परिणाम सामने आने की संभावना है।यदि सफल रहा, तो टीका पहले कैंसर से जूझ रहीं महिलाओं, फिर रोकथाम के लिए स्वस्थ महिलाओं को दिया जा सकेगा। 5 साल में वैक्सीन आम लोगों तक पहुंच सकती है
AI की मदद और भविष्य की रणनीति
डॉ. अमित बताते हैं कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक का इस्तेमाल कर शोधकर्ता अब हजारों प्रोटीनों का तेजी से विश्लेषण कर पा रहे हैं। कंपनी ओवरी, फेफड़े, प्रोस्टेट और कोलन कैंसर के लिए भी वैक्सीन लक्ष्य तलाश रही है। उद्देश्य है – कैंसर के खिलाफ भी पोलियो जैसी रोकथाम रणनीति अपनाना।
अमेरिका का समर्थन और वैश्विक पहुंच की योजना
अमेरिकी रक्षा विभाग ने चरण 1 का पूरा खर्च उठाया है, क्योंकि यह शोध सैनिकों और आम जनता दोनों के लिए स्वास्थ्य प्रणाली को बदलने की क्षमता रखता है। एनिक्सा भविष्य में सरकारी व निजी संस्थानों से और फंडिंग पाने की दिशा में काम कर रही है।कंपनी की योजना निम्न-आय वाले देशों की महिलाओं को भी यह टीका सुलभ कराने की है, जिसके लिए ग्लोबल दवा कंपनियों से साझेदारी की जाएगी
अगर यह वैक्सीन सफल होती है, तो यह कैंसर चिकित्सा के इतिहास में एक क्रांतिकारी मोड़ हो सकता है। ऐसा मोड़ जो बीमारी के इलाज से पहले रोकथाम पर आधारित होगा। आने वाले 5 वर्षों में यह टीका कई महिलाओं की ज़िंदगी बदल सकता है।