Breast cancer Cancer in women WHO breast cancer report Early cancer detection
x
साल 2050 तक ब्रेस्ट कैंसर से हर साल 11 लाख मौत होने की आशंका!

2050 तक ब्रेस्ट कैंसर से हर साल 11 लाख मौतें! WHO ने दी गंभीर चेतावनी

डॉ. जोएन कहती हैं कि यदि देश WHO की ‘बेस्ट बायज़’ पॉलिसी अपनाएं यानी प्राथमिक रोकथाम, प्रारंभिक जांच और सुलभ इलाज तो इस ट्रेंड को उलटा जा सकता है।


Breast Cancer: क्या आप जानते हैं कि हर मिनट दुनिया में चार महिलाएं स्तन कैंसर से ग्रस्त हो रही हैं और एक महिला की मौत इसी बीमारी से हो रही है? यह कोई डराने वाली हेडलाइन नहीं बल्कि Nature Medicine में प्रकाशित एक गंभीर चेतावनी है, जो हम सभी के लिए सोचने का समय है।

सच्चाई डरावनी है

अब सवाल उठता है कि क्या हम इस महामारी के लिए तैयार हैं? एक नजर आंकड़ों पर डालें तो सच्चाई डरावनी है। इस नई रिपोर्ट के अनुसार, यदि अभी के रुझान नहीं बदले गए तो 2050 तक हर साल 32 लाख नए स्तन कैंसर केस और 11 लाख मौतें होंगी। और यह सिर्फ आंकड़े नहीं हैं। ये असली लोग हैं, असली महिलाएं हैं, जिनके सपने, परिवार और जीवन इस एक बीमारी से उजड़ सकते हैं।

असमानता की असली तस्वीर

ये आंकड़े यह भी बताते हैं कि निम्न और मध्यम आय वाले देशों में हालात और भी गंभीर होंगे। जहां न तो प्रारंभिक जांच की सुविधा है, न उचित इलाज और न ही देखभाल की व्यवस्था।

विकसित देशों में जहां 83% महिलाएं इलाज के बाद ठीक हो जाती हैं,वहीं गरीब देशों में 50% से ज़्यादा महिलाएं इस बीमारी से मर जाती हैं। यानी आपकी जीने की संभावना इस बात पर टिकी है कि आप किस देश में पैदा हुई हैं। क्या यह इंसाफ है!

डॉ. जोएन किम का स्पष्ट संदेश

"हर मिनट स्तन कैंसर चार महिलाओं को अपनी गिरफ्त में लेता है। यह कोई सामान्य बीमारी नहीं रह गई बल्कि यह एक वैश्विक आपातकाल बन चुका है।"

डॉ. जोएन किम, जो इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) की वैज्ञानिक हैं और रिपोर्ट की सह-लेखिका भी हैं। किम का मानना है कि सभी देश इस ट्रेंड को रोक सकते हैं यदि वे WHO की "बेस्ट बायज़" नॉन-कम्युनिकेबल डिज़ीज़ (NCD) प्रिवेंशन पॉलिसी को अपनाएं और प्रारंभिक जांच तथा उपचार में निवेश करें।

रास्ता क्या है?

WHO ने 2021 में Global Breast Cancer Initiative (GBCI) शुरू किया था। इसका लक्ष्य है...

हर साल 2.5% मृत्यु दर कम करना और 2040 तक 25 लाख ज़िंदगियां बचाना। लेकिन क्या केवल पहल काफी है? बिल्कुल नहीं। जब तक सरकारें, स्वास्थ्य संगठन, और हम-आप मिलकर इस पर काम नहीं करेंगे, तब तक कोई रिपोर्ट फर्क नहीं ला सकती।

केवल एक मेडिकल चुनौती नहीं

यह रिपोर्ट हमें बताती है कि स्तन कैंसर केवल एक मेडिकल चुनौती नहीं बल्कि एक सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी भी है। हमें स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करना होगा। जांच व इलाज को किफायती और सुलभ बनाना होगा,और सबसे जरूरी महिलाओं को जागरूक करना होगा।

अगर हमने अभी कदम नहीं उठाया तो कल बहुत देर हो चुकी होगी। स्तन कैंसर अब केवल व्यक्तिगत दर्द नहीं बल्कि वैश्विक संकट है। इससे लड़ाई केवल दवाओं से नहीं, जागरूकता, नीति और इंसानियत से ही जीती जा सकती है।

डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी सलाह को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।

Read More
Next Story