Breathing problems heart attack
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सांस लेने में दिक्कत हो तो ना करें अनदेखा

हो सकता है हार्ट अटैक का संकेत, सांस फूलने की समस्या को ना करें अनदेखा

सांस फूलने की समस्या को अनदेखा ना करें। क्योंकि ये हार्ट अटैक की शुरुआत का प्रारंभिक लक्षण भी हो सकता है...


Breathing Issues: क्या आपको कभी अचानक सांस फूलने का अनुभव हुआ है, ऐसा जैसे आपकी फेफड़ों की ताकत ही खत्म हो गई हो? और आप इसे थकान या तनाव समझकर छोड़ हल्के में लेते हैं और अनदेखा कर देते हैं... आइए जानते हैं कि कैसे कभी-कभार “सिर्फ सांस फूलना” भी दिल का दौरा (हार्ट अटैक) आने का एक बड़ा संकेत भी हो सकता है। क्या हैं इससे जुड़े सायंटिफिक फैक्ट्स...


हैरान करने वाला आंकड़ा

यूरोपीय सोसाइटी ऑफ कार्डियोलॉजी (ESC) के 2022 “एक्यूट कार्डियोवैस्कुलर केयर” सम्मेलन में प्रस्तुत एक बड़े अध्ययन में 4,726 ऐसे वयस्क (उम्र 18 वर्ष) शामिल थे, जिन्हें NSTEMI (नॉन–ST-एलेवेशन मायलोकार्डियल इन्फ्रक्शन) के साथ भर्ती किया गया था। हैरानी की बात यह है कि इनमें से 76% मरीजों ने मुख्य लक्षण के रूप में सांस लेने में कठिनाई या अत्यधिक थकान की शिकायत की-जबकि सिर्फ 24% ने सीने में दर्द को प्राथमिक लक्षण बताया। और रोचक यह है कि सांस फूलने वाले समूह में जीवित रहने की दर सीने में दर्द वाले समूह से भी बेहतर पाई गई।

क्यों आता है हार्ट अटैक?

दिल की एक धमनी ब्लॉक होने पर उस हिस्से का मांसपेशीय ऊतक ऑक्सीजन की कमी से पीड़ित होता है। इसके बाद उस ऊतक से सूजन फैलाने वाले अणु (इंटरल्यूकिन्स) और रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पीशीज़ (ROS) निकलकर फेफड़ों के रक्त–वायु थैली (एलेविओलर बैरियर) को क्षतिग्रस्त कर देते हैं। नतीजा यह होता है कि आपकी फेफड़े तरल से भरने लगते हैं और आपको हर सांस के लिए बहुत अधिक संघर्ष करना पड़ता है।

किन्हें रहना चाहिए अधिक सतर्क?

वर्ष 2019 में पुर्तगाल के ब्रागा अस्पताल में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, मुख्य रूप से तीन कैटिगरी के लोगों में हार्ट अटैक के प्राथमिक संकेत के रूप में सांस लेने की समस्या नजर आती है। इन कैटिगरी में ये लोग शामिल हैं...

महिलाओं में जिनमें पारंपरिक दर्द के बजाय थकान या डिस्पेनिया ज्यादा दिखता है।

बुजुर्गों में क्योंकि उम्र के साथ दर्द का अनुभव “म्यूट” हो जाता है।

पहले से उच्च रक्तचाप, मधुमेह, किडनी या फेफड़ों की बीमारियाँ वाले लोग।

कब हो जाए अलर्ट?

हर सांस फूलना खतरनाक नहीं होता, लेकिन इन संकेतों को नजरअंदाज न करें:

अचानक तेज शुरूआत (मिनटों में बढ़ती तकलीफ)

बुखार व खांसी (निमोनिया हो सकता है)

घरघराहट (दमा) या एलर्जी के चकत्ते

टांगों में सूजन (पल्मोनरी एम्बोलिज्म)

सीने में दबाव, चक्कर आना, त्वचा रंग में बदलाव


इमरजेंसी में इलाज का तरीका

यदि आपको सांस लेने में दिक्कत हो रही है और ऊपर बताई गई स्थितियां आपके साथ बनी हुई हैं तो तुरंत इमरजेंसी नंबर डायल करें। शुरुआती इलाज के रूप में आपकी स्थिति को देखते हुए इलाज किया जाएगा। जैसे...

ECG: दिल के इलेक्ट्रिकल संकेतों का रिकार्ड

कार्डियक बायोमार्कर टेस्ट: रक्त में ट्रोपोनिन जैसे प्रोटीन का स्तर

इमेजिंग: छाती का एक्स-रे या ईकोकार्डियोग्राफी; क्लॉट शक हो तो CT स्कैन

इन टेस्ट के रिजल्ट देखने के बाद ही डॉक्टर्स डिसाइड करते हैं कि आपका ट्रीटमेंट किस तरह करना है।


ऐसे होता है ट्रीटमेंट

NSTEMI के केस में ये शुरुआती स्टेप्स होते हैं- पर्कुटेनियस कोरोनरी इंटरवेंशन (PCI) या थ्रोम्बोलाइटिक दवाएं (clot-dissolving) फिर एक बार जब पेशेंट की स्थिति में स्थिरता आ जाती है, तब लंबे समय के लिए और स्टेबल इलाज के लिए उपचार किया जाता है। जैसे, ब्लड प्रेशर कंट्रोल के लिए दवाएं, शुगर लेवल मैनेजमेंट के तरीके, कोलेस्ट्रॉल को कम रखने के उपाय, लाइफस्टाइल परिवर्तन की सलाह भी डॉक्टर्स द्वारा दी जाती है जैसे, नियमित व्यायाम करना, हार्ट के लिए हेल्दी आहार लेना, धूम्रपान छोड़ना, शराब से दूर रहना इत्यादि।

इस बात का रखें ध्यान

अगर अगली बार आपको या आपके किसी प्रियजन को अचानक सांस लेने में दिक्कत हो तो इसे “बस थकान” मत समझिए। इसे अपने हार्ट द्वारा दी जा रही वॉर्निंग समझिए, जो आपको अलर्ट होने का संकेत दे रहा है। इसलिए इसकी आवाज सुनिए और सेहत का ध्यान रखिए।

डिसक्लेमर- यह आर्टिकल जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी सलाह को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।

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